spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeउत्तराखंडरामनगर अस्पताल अब सरकारी नियंत्रण में, पीपीपी मोड से बाहर, स्थानीय जनता...

रामनगर अस्पताल अब सरकारी नियंत्रण में, पीपीपी मोड से बाहर, स्थानीय जनता में खुशी की लहर

रामनगर। आखिरकार, रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रामनगर को सरकारी नियंत्रण में ले लिया गया है। पहले इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर संचालित किया जा रहा था, लेकिन लगातार बढ़ती अव्यवस्थाओं और लोगों के विरोध के बाद अब इसे पीपीपी मोड से बाहर कर दिया गया है। अस्पताल के पीपीपी मोड पर चलने से मरीजों को गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही थीं, जिसके कारण यह अस्पताल कई महीने से विरोध प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ था।

साल 2020 में कोरोना काल के दौरान, अस्पताल को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के उद्देश्य से तीन साल के लिए शुभम सर्वम नामक संस्था को पीपीपी मोड पर सौंपा गया था। हालांकि, पीपीपी मोड के तहत अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं, और इसके परिणामस्वरूप अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी, संसाधनों की स्थिति दयनीय होने के साथ-साथ मरीजों को उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा था। पीपीपी मोड में इस अस्पताल का एक मुख्य उद्देश्य था स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाना, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही रही। इसके बाद, यह अस्पताल एक रेफर सेंटर के रूप में ही रह गया, जहां मरीजों को अक्सर अन्य अस्पतालों में रेफर किया जाता था।

इस स्थिति के बाद, स्थानीय लोग और विभिन्न राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर इस अस्पताल को फिर से सरकारी बनाने की मांग शुरू कर दी। कई बार धरना-प्रदर्शन हुए, जिनमें स्थानीय लोग और बीजेपी विधायक दिलीप सिंह रावत जैसे नेता भी शामिल हुए। खासकर पिछले साल के मर्चूला बस हादसे के बाद जब कई घायलों को रामनगर अस्पताल लाया गया था, लेकिन अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में मरीजों को दूसरी जगह रेफर करना पड़ा, तब यह मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गर्माया।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने इस घटना के बाद खुद इस मुद्दे पर ध्यान दिया और घोषणा की कि रामनगर अस्पताल को पीपीपी मोड से हटा लिया जाएगा। हालांकि, निकाय चुनावों के कारण पीपीपी अनुबंध को तीन महीने का विस्तार दिया गया था, जिससे राजनीतिक हलचल और भी तेज हो गई थी। इस समय बीजेपी नेताओं पर आरोप लगे थे कि वे पीपीपी मोड को संरक्षण दे रहे हैं, जिसके कारण पार्टी को स्थानीय निकाय चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए कि अस्पताल को अब पीपीपी मोड से हटा लिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अपनी घोषणा के बाद अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की प्रक्रिया को जल्द ही शुरू कर दिया। इसके तहत नैनीताल के सीएमओ डॉ. हरीश पंत ने खुद रामनगर सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया और इस अस्पताल की हैंडओवर प्रक्रिया को पूरा किया। डॉ. पंत ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए निर्देश दिए, ताकि अब अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जल्द कार्रवाई की बात भी कही।

डॉ. हरीश पंत ने यह भी बताया कि अस्पताल को अब एक मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को जल्द ही पूरा किया जाएगा और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति भी की जाएगी। इसके साथ ही, अस्पताल में सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि मरीजों को हर तरह की सुविधाएं दी जा सकें। इस पहल से अस्पताल में सेवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और रामनगर क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।

अस्पताल के फिर से सरकारी नियंत्रण में आने की खबर से स्थानीय लोग बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड में अस्पताल में अनुभवहीन डॉक्टरों और कर्मचारियों की तैनाती के कारण इलाज में बहुत कठिनाई होती थी, लेकिन अब सरकारी अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों के आने से उन्हें उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि अब अस्पताल के कर्मचारियों को सरकार की ओर से जरूरी प्रशिक्षण और संसाधन मिलेंगे, जिससे इलाज में सुधार होगा और अस्पताल में कार्यरत सभी लोग अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन करेंगे।

अब जब रामनगर अस्पताल को फिर से सरकारी नियंत्रण में लाया गया है, यह क्षेत्रीय नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत का कारण बन गया है। अस्पताल के अधिक संगठित और सुव्यवस्थित संचालन से न केवल मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के स्वास्थ्य स्तर में भी सुधार होगा। यह बदलाव रामनगर के विकास के प्रति सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है और यह भविष्य में एक मॉडल अस्पताल बनने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। स्थानीय जनता और नेताओं का मानना है कि यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ-साथ मूलभूत ढांचे को भी मजबूत करेगा, जिससे आने वाले समय में रामनगर क्षेत्र एक स्वस्थ और खुशहाल स्थान बनेगा।

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!