देहरादून(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है। हाल ही में तैयार की गई यूसीसी नियमावली में कुछ संशोधनों के बाद इसे अंतिम मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई, जिससे अब राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का मार्ग पूरी तरह से साफ हो गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद राज्य में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर यूसीसी लागू किए जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। राज्य सरकार का कहना है कि समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे। उत्तराखंड सरकार इस कदम को ऐतिहासिक मान रही है और इसे राज्य की प्रगति के लिए आवश्यक बता रही है।
सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने संशोधित नियमावली को विधि विभाग के पास परीक्षण के लिए भेजा था। विधि विभाग द्वारा विस्तृत समीक्षा के बाद इसे मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया गया। चूंकि वर्तमान में नगर निकाय चुनावों के कारण आचार संहिता लागू है, इसलिए राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग से विशेष अनुमति प्राप्त करने के बाद इस पर निर्णय लिया। अब इस निर्णय के बाद उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मंत्रिमंडल की इस अहम बैठक में सरकार ने समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमावली को अंतिम रूप दिया। मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के बाद कहा कि यह निर्णय उत्तराखंड के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी नागरिकों को समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है और यह कदम पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री पौड़ी गढ़वाल में निकाय चुनाव प्रचार के दौरान पहुंचे, जहां उन्होंने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित होंगे, जिससे समाज में समरसता और एकता को बल मिलेगा।
विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है, लेकिन भाजपा सरकार इसे अपने विकास एजेंडे का महत्वपूर्ण हिस्सा मान रही है। मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ दल केवल तुष्टिकरण की राजनीति में लगे हुए हैं, जबकि उनकी सरकार राज्य को शीर्ष स्थान पर पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। इस फैसले के बाद उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और इसे लेकर राज्यभर में चर्चाओं का दौर जारी है। भाजपा समर्थकों में इस निर्णय को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है, वहीं अन्य राजनीतिक दल इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। आगामी गणतंत्र दिवस पर उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के आसार हैं और इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी जोरों पर हैं। राज्य सरकार इसे विकास और सामाजिक एकता की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है।