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मेधावी छात्रों के सम्मान में जल उठा शिक्षा का दीप, रामनगर में छाया जश्न का माहौल

रितिका, प्रशस्ती और हंसिका ने मेरिट में मचाया धमाल, 90% से ऊपर पाने वाले 17 होनहारों को सम्मानित कर झलकी शिक्षा की चमक

रामनगर। शहर के शिक्षा प्रेमियों की निगाहें उस समय गौरवान्वित हो उठीं जब एम० पी० हिंदू इंटर कॉलेज, रामनगर के प्रांगण में एक भव्य और प्रेरणादायक समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें बोर्ड परीक्षा में उच्चतम प्रदर्शन करने वाले होनहार छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में 90% से अधिक अंक अर्जित करने वाले कुल 17 विद्यार्थियों ने न केवल अपने विद्यालय का, बल्कि पूरे जनपद का नाम रोशन किया। इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और उनके गर्वित अभिभावकों को विद्यालय की ओर से मोमेंटो और प्रमाण पत्र भेंट कर सराहना की गई, जिससे विद्यालय परिसर में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई। इस उपलब्धि से न केवल अभिभावकों की आंखें नम हो गईं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मापदंड स्थापित हुआ, जिसने यह साबित कर दिया कि अनुशासन, परिश्रम और सही मार्गदर्शन के साथ कुछ भी असंभव नहीं।

गगनचुंबी आत्मविश्वास और भावनाओं के समुंदर के बीच कार्यक्रम की शुरुआत एक अत्यंत गरिमामयी दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसे विद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार अग्रवाल, प्रबंधक विनय जिंदल और प्रधानाचार्य संजीव कुमार शर्मा ने सामूहिक रूप से संपन्न किया। यह दीपक न केवल इस समारोह की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक था, बल्कि उन ज्ञान-ज्योतियों का प्रतिनिधित्व कर रहा था, जिन्होंने अपने उजाले से शिक्षा के क्षितिज को रोशन किया। जैसे ही दीप प्रज्वलित हुआ, समूचे सभागार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हुआ, और उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गूंज के साथ इस पावन क्षण का स्वागत किया। यह क्षण विद्यालय के लिए स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो जाने वाला था, जिसने सभी को यह संदेश दिया कि मेहनत की चमक किसी भी मंच पर नजरअंदाज नहीं की जा सकती।

सम्मानित छात्राओं की सूची में तीन ऐसी प्रतिभाशाली बेटियाँ रहीं, जिन्होंने न केवल विद्यालय में बल्कि पूरे उत्तराखंड राज्य में अपनी मेधा का डंका बजा दिया। इनमें रितिका शर्मा, प्रशस्ती करगेती और हंसिका चौहान ने कमाल कर दिखाया, जिन्होंने उत्तराखंड द्वारा जारी मेरिट सूची में क्रमशः 14वां, 17वां और 25वां स्थान प्राप्त कर शैक्षणिक इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। इन तीनों छात्राओं की यह ऐतिहासिक उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, लगन और निरंतर प्रयास ही किसी को भी बुलंदियों तक पहुंचा सकता है। रितिका, प्रशस्ती और हंसिका के नाम जैसे ही मंच से पुकारे गए, सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और उनके सम्मान में उठते हुए दर्शकों की आंखों में गर्व और प्रेरणा की चमक साफ दिखाई दी। इन तीनों बालिकाओं ने समूचे छात्र समुदाय को एक नई दिशा दी है।

प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार अग्रवाल ने मंच से जब माइक संभाला, तो उनके शब्दों में गर्व, आत्मीयता और प्रेरणा का अद्भुत समावेश था। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन सभी होनहार छात्र-छात्राओं को हार्दिक बधाई दी, जिन्होंने कठिन परिश्रम, अनुशासन और आत्मविश्वास के दम पर बोर्ड परीक्षा में 90% से अधिक अंक अर्जित कर विद्यालय को गौरवान्वित किया। उनके शब्दों में विशेष रूप से तीन प्रतिभाशाली बेटियों—रितिका शर्मा, प्रशस्ती करगेती और हंसिका चौहान—का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन बालिकाओं ने न केवल मेरिट सूची में उत्तराखंड स्तर पर उल्लेखनीय स्थान प्राप्त किया है, बल्कि समस्त छात्र समुदाय को यह सिखा दिया है कि नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है।

अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह सफलता विद्यार्थियों की मेहनत का परिणाम तो है ही, साथ ही अभिभावकों और शिक्षकों के समर्पण, मार्गदर्शन और सकारात्मक माहौल की भी देन है। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय सदैव मेधावी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के अवसर देता रहा है और आगे भी हर संभव सहायता प्रदान करता रहेगा ताकि हर छात्र-छात्रा अपनी मंज़िल पा सके।

इस आयोजन के संचालन की बागडोर जिन सशक्त और उत्साही व्यक्तित्वों के हाथ में थी, वे थे डॉ० प्रभाकर पाण्डे और प्रेमा नेगी। इन दोनों की संयुक्त मंचीय प्रस्तुतियाँ इतनी कुशल और प्रभावशाली थीं कि पूरे कार्यक्रम में अनुशासन और उत्साह दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिला। डॉ० प्रभाकर पाण्डे की वाणी में जहां एक गंभीरता और औपचारिकता थी, वहीं प्रेमा नेगी ने अपनी ऊर्जा और संवेदनशीलता से माहौल को जीवंत बनाए रखा। दोनों की युगलबंदी ने कार्यक्रम को एक समरस और सुव्यवस्थित अनुभव में परिवर्तित कर दिया। संचालन के दौरान उन्होंने हर सम्मानित छात्र और अभिभावक के लिए दिल से शब्दों की सराहना अर्पित की, जिससे हर एक उपस्थित व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में आभार का भाव दिखाई दिया।

इस भव्य समारोह में नगर और विद्यालय के कई गणमान्य शिक्षक, शिक्षिकाएँ और अभिभावक भी उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमा प्रदान की। इन सम्मानित उपस्थित जनों में मेवालाल, चेतन स्वरूप, चंद्रशेखर मिश्रा, के० सी० सती, चारु तिवारी, के० सी० त्रिपाठी, के० के० फुलेरा, नीलम सुंदरियाल, नेहा गुप्ता, अंकना शाह, मोनिका रावत, दिव्या पाठक, श्याम सुंदर मेहरा, वन्दना, ज़फर अली, प्रदीप रावत, हरीश बिष्ट, नीलू जिंदल तथा उमेश विष्ठानिया जैसी शख्सियतें शामिल थीं। इन सभी की मौजदूगी ने कार्यक्रम को एक पारिवारिक महोत्सव में परिवर्तित कर दिया।

शिक्षकों और अभिभावकों के बीच परस्पर संवाद, प्रशंसा और स्नेह ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन है जो पूरे समाज को आगे बढ़ाता है। समारोह की समापन बेला में जब सभी सम्मानित विद्यार्थी अपने प्रमाणपत्रों के साथ मंच से उतरे, तब वातावरण में आत्मीयता और उम्मीद की ऐसी सुगंध फैली जिसे आने वाले वर्षों तक याद किया जाएगा।

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