हरिद्वार(एस पी न्यूज़)। राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर देने के मुद्दे पर विवाद अब काफी बढ़ता जा रहा है। पहले जहां इस निर्णय का विरोध केवल राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा किया जा रहा था, वहीं अब कांग्रेस भी इस मुद्दे पर खुलकर मैदान में उतर आई है। सोमवार, 13 जनवरी को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के इस कदम को जनविरोधी करार दिया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज में घुसकर विरोध जताया और नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस फोर्स भी तैनात था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़कर कॉलेज के गेट तक पहुंचने में सफलता पाई। इस अप्रत्याशित प्रदर्शन से हड़कंप मच गया, और मामले ने तूल पकड़ लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए और आरोप लगाया कि सरकार जनता को धोखा दे रही है। यूथ कांग्रेस के इस प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक रवि बहादुर भी शामिल रहे, जिन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि इस कदम से जनता का भला नहीं हो सकता।
कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों से मिलने के लिए जाना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें बल प्रयोग करके रोक दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छात्रों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन देती है। रवि बहादुर ने यह भी सवाल उठाया कि पहले राज्य सरकार ने हरिद्वार नगर निगम की जमीन पर राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अब अचानक इस कॉलेज को पीपीपी मोड पर क्यों दिया जा रहा है? क्या ऐसी कोई खास मजबूरी थी, जिससे सरकार को यह कदम उठाना पड़ा? उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएगी और बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार और गलत नीतियों को उजागर करेगी। इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रस कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ पीपीपी मोड को लेकर सवाल उठाए, बल्कि राज्य सरकार की योजनाओं पर भी तीखा हमला बोला।
वहीं, हरिद्वार के एसडीएम अजय वीर सिंह ने भी इस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज में घुसकर छात्रों से बातचीत करने का प्रयास किया था, जो कि कानून के खिलाफ था। उनका कहना था कि पहले ही प्रदर्शनकारियों को सूचित कर दिया गया था कि मेडिकल कॉलेज में छात्रों की क्लास शुरू हो चुकी है और उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, कुछ लोग फिर भी प्रदर्शन कर रहे हैं, और प्रशासन ने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने यह भी बताया कि प्रशासन ने पहले ही छात्रों से बातचीत कर उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी फीस पहले की तरह सामान्य रहेगी और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद कांग्रेस ने इस मुद्दे को फिर से हवा दी है और प्रदर्शन जारी रखा है।
इस प्रदर्शन के बाद यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। दरअसल, बीते दिनों प्रशासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों से एक बैठक की थी, जिसमें छात्रों को आश्वासन दिया गया था कि उनकी फीस में कोई वृद्धि नहीं होगी और उनकी अन्य समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इस बैठक के बाद छात्रों ने भी क्लासेस की शुरुआत कर दी थी और मामला शांत हो गया था। लेकिन कांग्रेस का यह नया विरोध प्रदर्शन उस शांति को तोड़ते हुए एक नई हलचल पैदा कर चुका है। अब यह देखने की बात होगी कि सरकार इस विरोध प्रदर्शन का कैसे जवाब देती है और क्या यह मामला और भी गंभीर रूप लेता है। कांग्रेस की ओर से किए गए इस प्रदर्शन ने पूरे राज्य में पीपीपी मोड के मुद्दे को और भी तूल दे दिया है, और यह साफ हो गया है कि यह मुद्दा आगामी दिनों में और भी बड़े विरोधों का कारण बन सकता है।