रामनगर। मालधन चौड़ की जनता एक बार फिर अपनी आवाज़ बुलंद करने को तैयार है, और इस बार मुद्दा है अंग्रेजी शराब की उस अवैध दुकान का, जो गोपालनगर सेक्टर नंबर-6 में पिछले कुछ समय से संचालित हो रही है। इस दुकान को लेकर इलाके में लंबे समय से रोष व्याप्त था, लेकिन अब जब स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो जनता ने स्वयं मोर्चा संभालने का निर्णय ले लिया है। कल दिनांक 11 अप्रैल 2025 को सुबह 9 बजे इसी अवैध रूप से चल रही दुकान के सामने मालधन चौड़ की समस्त जनता, जनप्रतिनिधि, युवा, माताएं और बहनें एकत्र होकर धरना प्रदर्शन करेंगी। यह कोई साधारण विरोध नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है-अब अवैध शराब कारोबार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खास बात यह है कि यह दुकान मूल रूप से हाथीडगर (मालधन रोड) पर स्वीकृत थी, लेकिन उसे नियमों को ताक पर रखकर गोपालनगर क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा चार दिन पहले ही एसडीएम रामनगर और आबकारी निरीक्षक रामनगर को इस गंभीर मसले को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें स्पष्ट तौर पर मांग की गई थी कि इस अवैध दुकान को त्वरित रूप से बंद कराया जाए। लेकिन दुर्भाग्यवश, संबंधित अधिकारियों द्वारा अभी तक इस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया, जिससे लोगों में आक्रोश और अधिक गहरा गया है। गोपालनगर की गलियों में अब एक ही चर्चा हैकृजब स्वीकृति किसी और स्थान की है, तो फिर यहां पर शराब की दुकान क्यों और कैसे चलाई जा रही है? जनता का मानना है कि प्रशासन की यह चुप्पी कहीं न कहीं इस अवैध कारोबार को परोक्ष रूप से समर्थन देने जैसी स्थिति पैदा कर रही है, जो किसी भी सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
इस बार का आंदोलन सिर्फ एक दुकान बंद कराने का प्रयास नहीं, बल्कि पूरे तंत्र को यह चेतावनी है कि अगर जनता की आवाज़ को अनसुना किया गया, तो सड़कों पर उतरकर अपने हक के लिए हर स्तर तक संघर्ष किया जाएगा। माताएं, बहनें, नौजवान और हर वर्ग के लोग इस विरोध में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले हैं, जिससे साफ़ हो गया है कि अब इस अवैध शराब दुकान को चलने देना असंभव होगा। धरने का स्थान तय किया गया हैकृगोपालनगर में वही जगह जहां यह अवैध दुकान चलाई जा रही है। ग्रामीणो ने लोगों से निवेदन किया है कि वे कल समय पर सुबह 9 बजे भारी संख्या में पहुंचें, ताकि यह प्रदर्शन न केवल प्रशासन को चेताए, बल्कि शराब माफिया को भी यह स्पष्ट संदेश मिले कि अब जनता जाग चुकी है।
अब मालधन चौड़ की गलियों से यह स्वर निकल रहा है कि सिर्फ ज्ञापन देना काफी नहीं, अब वास्तविकता में कार्रवाई चाहिए। लोग यह भी पूछ रहे हैं कि जब आबकारी विभाग का कार्य अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाना है, तो फिर कार्रवाई करने में इतनी ढिलाई क्यों बरती जा रही है? यह भी आशंका जाहिर की जा रही है कि यदि समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो यह दुकान आगे चलकर क्षेत्र में अपराध, नशाखोरी और सामाजिक विघटन का अड्डा बन सकती है। इसलिए इस बार का धरना प्रदर्शन केवल एक प्रशासनिक मुद्दे तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों और भावनात्मक आक्रोश की झलक भी देने जा रहा है।
धरना स्थल पर जुटने वालों को एक उद्देश्य के साथ आना है-नियमों का सम्मान और समाज को नशामुक्त बनाने का संकल्प। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कल जब गोपालनगर की गलियां लोगों से भर जाएंगी, तो क्या प्रशासन अपनी नींद से जागेगा या फिर यह जनसैलाब और भी उग्र रूप धारण करेगा। मालधन चौड़ की इस आवाज़ को अब दबाया नहीं जा सकता, क्योंकि यह आवाज़ उस भविष्य के लिए उठ रही है जहां बच्चों के हाथों में किताबें हों, न कि शराब के जाम।