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महिला एकता मंच ने मालधन अस्पताल की समस्याओं को लेकर सरकार को दी चेतावनी

महिला एकता मंच ने मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी सेवाओं की कमी पर सरकार से तत्काल समाधान की मांग करते हुए आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।

रामनगर। मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, इमरजेंसी, सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर महिला एकता मंच ने उपजिलाधिकारी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य इन सभी समस्याओं का समाधान तलाशना था ताकि अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। महिला एकता मंच की सदस्याओं ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मालधन की जनता को जानबूझकर उपेक्षित किया जा रहा है और इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। बैठक में सीएमएस प्रशांत कौशिक ने अस्पताल की स्थिति को विस्तार से बताया और बताया कि कैसे आवश्यक पदों की कमी के कारण अस्पताल की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

सीएमएस प्रशांत कौशिक ने बताया कि मालधन अस्पताल में परिचारिका के कुल 10 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन फिलहाल सिर्फ 5 परिचारिकाओं की नियुक्ति हुई है। इसके अलावा, डॉ. यादव के गेठिया अस्पताल से सम्बद्ध होने के कारण इमरजेंसी सेवाएं केवल 3 दिनों के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन इसे बढ़ाकर 6 दिन करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, निश्चेतक और रेडियोलॉजिस्ट के पद भी खाली पड़े हैं। यह स्थिति तब और जटिल हो जाती है जब अस्पताल में रोजाना करीब 150 मरीज आते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन से सप्ताह में 6 दिन अल्ट्रासाउंड वैन की सुविधा देने की मांग की गई है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

महिला एकता मंच ने बैठक में सरकार की नीतियों पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि मालधन अस्पताल में चिकित्सकों का ट्रांसफर किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। मंच की सदस्य पुष्पा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने जनता के आंदोलनों से फीजिशियन, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, 5 परिचारिका, एंबुलेंस और पैथोलॉजी लैब जैसी सुविधाएं जनता को उपलब्ध करवाई थीं, लेकिन अब सरकार इन सुविधाओं को छीनने के साथ ही शराब की दुकानें खोलने की कोशिश कर रही है। महिला एकता मंच की नेता सरस्वती जोशी ने कहा कि उनका संगठन हमेशा जनता के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा करेगा, और उनका अभियान श्नशा नहीं, इलाज दोश् जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जनहित में निर्णय लेना चाहिए और अस्पतालों की हालत में सुधार लाना चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

बैठक में उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार द्वारा आयोजित इस वार्ता में सीएमएस मालधन, डॉ. प्रशांत कौशिक, सीएमएस बैल पड़ाव, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, ममता, पुष्पा, और उपपा नेता प्रभात ध्यानी भी उपस्थित थे। इन सभी ने मिलकर मालधन स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए अपने विचार रखे और सरकार से यह उम्मीद जताई कि जल्द ही अस्पताल में सर्जन, निश्चेतक और अन्य जरूरी पदों पर नियुक्तियां की जाएं। इसके साथ ही, अस्पताल में एक्स-रे मशीन के टेक्नीशियन की नियुक्ति की भी जरूरत बताई गई, ताकि अस्पताल में मरीजों को सभी प्रकार की जांच सेवाएं मिल सकें।

महिला एकता मंच ने यह स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मालधन स्वास्थ्य केंद्र में सभी आवश्यक पदों पर नियुक्तियां नहीं हो जातीं और अस्पताल में सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो जातीं। मंच ने इसके लिए सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो वह और भी बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। यह बैठक एक बड़ी पहल साबित हो सकती है, जो मालधन क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

इस वार्ता के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि अगले सप्ताह एक और बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। महिला एकता मंच की ओर से इस बैठक में उठाए गए मुद्दे यह साबित करते हैं कि जनता अपनी समस्याओं को लेकर जागरूक है और सरकार से उनके अधिकारों की रक्षा करने की उम्मीद करती है।

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