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महाविद्यालय की पुरातन छात्र समिति का पंजीकरण शिक्षा में एक नया अध्याय

पुरातन छात्र समिति का पंजीकरण महाविद्यालय की प्रगति में नया मोड़, छात्रों के योगदान से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद

रामनगर। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है, जिसने शैक्षिक क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है। लंबे समय से महाविद्यालय के पुरातन छात्रों द्वारा इस समिति के पंजीकरण की मांग की जा रही थी, जो अब उत्तराखण्ड सरकार के सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण पोर्टल पर पूरी तरह से पंजीकृत हो चुकी है। यह पहल महाविद्यालय के लिए न केवल एक उपलब्धि है, बल्कि इससे संस्थान की शैक्षिक विरासत को संरक्षित और समृद्ध करने का अवसर भी मिलेगा। पुरातन छात्र समिति के पंजीकरण के बाद, महाविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं को एक मंच पर लाने का रास्ता साफ हुआ है, जिससे उनकी अनुभवों और मार्गदर्शन का लाभ वर्तमान छात्रों को मिल सकेगा। यह कदम महाविद्यालय के विकास और उसकी सामाजिक जिम्मेदारी को नई दिशा देने में सहायक साबित होगा, जिससे शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और संस्थान की प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकेगी।

इस समिति की जिम्मेदारी जिन हाथों में सौंपी गई है, वे भी उतने ही ऊर्जावान और समर्पित हैं। समिति की संयोजक के रूप में डॉ. लोतिका अमित को नियुक्त किया गया है, जिनके नेतृत्व में समिति पूरे उत्तराखण्ड ही नहीं, बल्कि देशभर में फैले हुए पीएनजी महाविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों को एक सूत्र में पिरोने का काम करेगी। डॉ. देव आशीष, डॉ. मनोज नैलवाल और डॉ. हिमावती पन्त को सदस्य बनाकर समिति की नींव को और भी सुदृढ़ बनाया गया है। इन सभी शिक्षकों का उद्देश्य केवल नाम मात्र की समिति नहीं, बल्कि एक ऐसा सशक्त मंच बनाना है जो भावनात्मक, शैक्षिक और सांस्कृतिक रूप से पूर्व छात्रों को उनके पुराने संस्थान से जोड़ सके। इस प्रयास में सभी संबंधित प्रोफेसरों और महाविद्यालय स्टाफ की सहभागिता ने इसे एक सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन का स्वरूप दे दिया है, जिसकी गूंज आने वाले वर्षों तक सुनाई देगी।

महाविद्यालय की प्रगति में पूर्व छात्रों का योगदान एक सशक्त आधार बन सकता है, यह बात समिति के अध्यक्ष गणेश रावत ने प्रमाणपत्र सौंपते समय कही। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि महाविद्यालय ने पचास वर्षों में जिन अनगिनत प्रतिभाओं को तराशा है, अब समय आ गया है कि वे सभी अपने संस्थान के लिए मिलकर कुछ लौटा सकें। गणेश रावत ने यह भी बताया कि समिति एक ऐसा मंच बनेगी जो समाज में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सफल पूर्व छात्रों को एकत्र करेगी और उनकी विशेषज्ञता से वर्तमान विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। इससे महाविद्यालय को न केवल आर्थिक या भौतिक सहयोग मिलेगा बल्कि मार्गदर्शन, नेटवर्किंग और प्रेरणा जैसी अमूल्य धरोहरें भी प्राप्त होंगी, जो किसी भी संस्था की वास्तविक संपत्ति होती हैं।

प्राचार्य प्रो. एम.सी. पाण्डे ने पुरातन छात्र समिति के पंजीकरण को महाविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि महाविद्यालय के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इससे संस्थान को भविष्य में अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रो. पाण्डे ने यह भी बताया कि इस समिति के माध्यम से महाविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं के अमूल्य अनुभव और मार्गदर्शन को प्राप्त कर, शैक्षिक गुणवत्ता और संस्थान के विकास में तेजी से प्रगति की जाएगी। वे मानते हैं कि पुरातन छात्रों का योगदान महाविद्यालय को और भी उच्च स्तर पर पहुंचाने में मदद करेगा। उन्होंने इस समिति के पंजीकरण को महाविद्यालय की स्वर्ण जयंती वर्ष में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा। प्राचार्य ने आशा जताई कि इस समिति से महाविद्यालय के सभी पूर्व छात्र एकजुट होकर अपने अनुभवों का साझा करेंगे और महाविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सक्रिय योगदान देंगे।

इस शुभ अवसर पर महाविद्यालय परिवार में एक उत्सव जैसा माहौल रहा। प्राचार्य प्रो. एम.सी. पाण्डे के साथ ही चीफ प्रॉक्टर प्रो. एस.एस. मौर्या, प्रो. अनीता जोशी, प्रो. जे.एस. नेगी, डॉ. लवकुश चौधरी, डॉ. प्रमोद जोशी, डॉ. योगेश चन्द्रा और डॉ. डी.एन. जोशी ने इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी और आशा जताई कि समिति आने वाले समय में महाविद्यालय के सर्वांगीण विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह पहल सिर्फ शैक्षिक विकास का माध्यम नहीं होगी, बल्कि यह पीएनजी महाविद्यालय के उस गौरवशाली अतीत को वर्तमान और भविष्य से जोड़ने की अद्वितीय कड़ी बनकर उभरेगी। रामनगर का यह महाविद्यालय अब केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक विचारधारा, एक परंपरा और एक प्रेरणा स्थल बनकर समाज में अपनी भूमिका और प्रभाव को और भी व्यापक बनाएगा।

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