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महंत शुभम गिरी की हुंकार, ब्लॉक गठन से लेकर हवाई अड्डे तक उठाई गरजती मांग

श्यामपुर या लालढांग को ब्लॉक बनाने, अस्पताल में डॉक्टर तैनाती, कुंभ से पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त करने और हवाई अड्डे की मांग ने सरकार को झकझोरा।

हरिद्वार। धार्मिक नगर कि धरती से उठी जनता की आवाज अब तीव्र होती जा रही है, और इस बार यह मांग सीधे तौर पर विकास, स्वास्थ्य सेवाओं और कानून व्यवस्था से जुड़ी हुई है। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव महंत शुभम गिरी ने स्पष्ट शब्दों में प्रशासन और सरकार को चेताया है कि यदि समय रहते लालढांग या श्यामपुर को नया ब्लॉक नहीं बनाया गया, तो यह क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से वंचित रह जाएगा। उनका तर्क है कि वर्तमान में बहादराबाद ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले लालढांग और श्यामपुर कांगड़ी के निवासियों को सरकारी कामकाज के लिए बहादराबाद तक का लंबा सफर करना पड़ता है, जो न केवल समय की बर्बादी है बल्कि बुजुर्गों और महिलाओं के लिए भारी असुविधा भी पैदा करता है। यह स्पष्ट संकेत है कि जनसंख्या और भौगोलिक दूरी को देखते हुए इन क्षेत्रों को प्रशासनिक इकाई का दर्जा देना आवश्यक हो चुका है, जिससे लोगों को शासन की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित किया जा सके।

राजकीय चिकित्सालय भूपतवाला की दुर्दशा पर महंत शुभम गिरी ने गहरी चिंता व्यक्त की और स्वास्थ्य सेवाओं के बदहाल हालात को उजागर किया। उन्होंने कहा कि जिस अस्पताल में हर रोज सैकड़ों मरीज इलाज की आस लेकर पहुंचते हैं, वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी ने इसे महज इमारत बना दिया है। न तो वहां सही इलाज मिल रहा है और न ही आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे आम नागरिकों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट मांग की कि कुंभ से पहले अस्पताल को पूरी तरह आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए, ताकि श्रद्धालु और स्थानीय निवासी समय पर इलाज पा सकें। उनकी यह मांग केवल स्थानीय आवश्यकता नहीं, बल्कि धर्मनगरी हरिद्वार के भविष्य से जुड़ी है, क्योंकि 2027 के कुंभ मेले में लाखों लोगों की उपस्थिति संभावित है और यदि चिकित्सा सेवाओं का हाल ऐसा ही रहा, तो यह एक बड़ी त्रासदी में बदल सकता है।

भविष्य में होने वाले भव्य कुंभ मेले को लेकर भी महंत शुभम गिरी ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए सरकार को समय रहते सचेत किया। उन्होंने कहा कि 2027 के आयोजन से पहले शहर की आधारभूत संरचनाओं में व्यापक सुधार किया जाना अनिवार्य है। चाहे बात पार्किंग स्थलों की हो, सीवर व्यवस्था की या फिर शुद्ध पेयजल की-हर एक सुविधा का विस्तार जरूरी है ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके साथ ही उन्होंने कुंभ म्यूजियम की स्थापना और गंगा प्रदर्शनी के आयोजन का प्रस्ताव भी रखा, जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह हरिद्वार की सांस्कृतिक पहचान को भी सशक्त करेगा। उनका यह भी कहना था कि कुंभ प्रारंभ होने से पहले ही सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जानी चाहिए ताकि कोई भी कार्य अधूरा न रहे और संतों व श्रद्धालुओं का विश्वास प्रशासन पर बना रहे। महंत की यह दूरदर्शी मांग धर्म, संस्कृति और पर्यटन के त्रिवेणी संगम को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

महंत शुभम गिरी की मांगों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि हरिद्वार जैसे धार्मिक नगर में हवाई अड्डे का निर्माण अब आवश्यक हो गया है। यह न केवल देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों के आगमन को सुगम बनाएगा, बल्कि हरिद्वार को एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी बड़ा कदम होगा। उनका कहना था कि आज जब हरिद्वार विश्व के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है, तो यहां एक आधुनिक हवाई अड्डे की अनुपस्थिति सरकार की नाकामी का प्रतीक बनती जा रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि सरकार वास्तव में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करना चाहती है, तो हरिद्वार में हवाई संपर्क को प्राथमिकता पर लाना होगा। उन्होने कहा कि ये केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अपराध और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी पत्रकार वार्ता में तीखे शब्द सुनने को मिले, जब पूर्व महानगर अध्यक्ष लव दत्ता और कपिल जौनसारी ने धर्मनगरी में बढ़ते अपराध पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जैसे पवित्र स्थल में नशे का जाल फैल रहा है और यह समाज को भीतर से खोखला कर रहा है। विशेष रूप से किशोरों और युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर लाने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी मांग की कि जिस मासूम बालिका की निर्मम हत्या ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया, उसके हत्यारे को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और उसके खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर उसे ऐसी सजा दी जाए जो दूसरों के लिए भी नजीर बने। लव दत्ता और कपिल जौनसारी की यह मांग हर उस व्यक्ति की आवाज है जो धर्मनगरी को अपराधमुक्त, शांतिपूर्ण और संयमित बनाना चाहता है। उनका स्पष्ट संदेश था कि यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो हरिद्वार की पहचान केवल धार्मिक नहीं, बल्कि अपराधग्रस्त नगर के रूप में भी उभर सकती है।

इस पूरी पत्रकार वार्ता ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब हरिद्वार की जनता केवल धार्मिक आयोजनों की मांग नहीं कर रही, बल्कि वे स्वास्थ्य, सुरक्षा, प्रशासनिक सुविधा और आधारभूत ढांचे की संपूर्ण व्यवस्था चाहती है। महंत शुभम गिरी, लव दत्ता और कपिल जौनसारी की ओर से उठाई गई मांगें न केवल समाज की वास्तविक जरूरतों को उजागर करती हैं, बल्कि सरकार के लिए भी एक चेतावनी हैं कि यदि अब भी समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाला समय जनता के आक्रोश का सामना कर सकता है। धर्मनगरी की गरिमा, संतों की प्रतिष्ठा और आम नागरिकों की आशाओं को बचाए रखने के लिए अब ठोस और तेज़ निर्णय लेने का समय आ गया है।

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