किच्छा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय ने भाजपा सरकार के तीन साल के कार्यकाल को पूरी तरह निराशाजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इसे श्बेमिसालश् बता रही है, लेकिन असलियत यह है कि यह कार्यकाल प्रदेश की जनता के लिए छलावा साबित हुआ है। खासकर युवाओं और छात्रों के साथ बड़ा धोखा हुआ है।
छात्रों और युवाओं के साथ छल
उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में छात्र संघ चुनाव नहीं कराकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। स्वस्थ लोकतंत्र की पहली सीढ़ी छात्र संघ चुनाव होते हैं, लेकिन इन्हें रोककर सरकार ने युवा नेतृत्व को खत्म करने की कोशिश की है। वहीं, बेरोजगारी चरम पर है, लाखों युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं, जबकि उत्तराखंड में 63,000 पद खाली पड़े हैं।
सड़कों पर गड्ढे, स्कूलों में शिक्षक नहीं, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं
प्रदेश के हालात बदतर हो चुके हैं। नगर निगम और पालिका क्षेत्रों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, पुलिस में हजारों पद रिक्त हैं। महंगाई चरम पर पहुंच गई है, व्यापारी परेशान हैं, किसानों की फसल का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जनता भ्रष्टाचार और घोटालों से त्रस्त आ चुकी है।
ऊर्जा प्रदेश से श्उजड़ा प्रदेशश् बनने की ओर उत्तराखंड
प्रदेश सरकार ऊर्जा प्रदेश का सपना दिखा रही थी, लेकिन आज स्थिति यह है कि उत्तराखंड में रोज़ाना सिर्फ 91 लाख यूनिट बिजली पैदा हो रही है, जबकि खपत 2 लाख यूनिट की है। हम प्रतिदिन 10 से 13 करोड़ रुपये की बिजली बाहर से खरीद रहे हैं। भाजपा सरकार के डबल इंजन के दावों की पोल खुल चुकी है।
विकास कार्यों पर रोक, केंद्र सरकार के पास अटकी योजनाएं
उपाध्याय ने कहा कि 21 विद्युत परियोजनाएं पिछले 11 वर्षों से केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। अगर इन्हें स्वीकृति मिलती, तो प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपये बिजली खरीदने में बचते और विकास कार्यों में खर्च होते। लेकिन भाजपा सरकार हवा-हवाई दावे कर जनता को गुमराह कर रही है।
रजत जयंती के नाम पर दिखावा, आंदोलनकारी ठगा महसूस कर रहे
मुख्यमंत्री यह कह रहे हैं कि उत्तराखंड रजत जयंती मना रहा है और प्रदेश को अन्य राज्यों से आगे ले जाएंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि जिन आंदोलनकारियों ने इस राज्य की लड़ाई लड़ी, वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। निकाय चुनावों में भाजपा के स्टार प्रचारकों को जनता ने नकार दिया, जिसके कारण बाहर से प्रचारक बुलाने पड़े। जनता अब भाजपा की सच्चाई जान चुकी है।
नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल की मिसाल दी, भाजपा की तुलना में विकास ठप
उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान नारायण दत्त तिवारी ने प्रदेश में औद्योगिक विकास की नींव रखी। 900 करोड़ की वार्षिक योजना को 5000 करोड़ तक पहुंचाया गया, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिले। कांग्रेस सरकार ने टिहरी बांध, मनेरी भाली और धौली गंगा जल विद्युत परियोजनाएं पूरी कर राज्य को आत्मनिर्भर बनाया। लेकिन भाजपा सरकार आज तक परिसंपत्तियों का सही बंटवारा तक नहीं कर पाई।
पलायन बना नासूर, सरकार सिर्फ बातें कर रही
आज भी उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में 3 लाख घरों पर ताले लटके हुए हैं। पलायन प्रदेश के लिए एक नासूर बन चुका है। भाजपा सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित रही है, लेकिन धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यदि यही स्थिति बनी रही, तो आने वाली पीढ़ी इस सरकार को माफ नहीं करेगी।
कर्ज में डूबता उत्तराखंड, आर्थिक स्थिति गंभीर
प्रदेश लगातार कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है। सरकार के पास स्थायी समाधान नहीं है और हर महीने 200 से 300 करोड़ रुपये का ऋण बाजार से उठाना पड़ रहा है। जब राज्य बना था, तब पर्यटन, बागवानी और जल विद्युत को आर्थिक आधार बताया गया था, लेकिन भाजपा सरकार इन क्षेत्रों में भी फेल हो गई है। स्थानीय निवासियों की हिस्सेदारी लगातार घटती जा रही है।
भाजपा की नाकामी, जनता सिखाएगी सबक
उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए खुद की पीठ थपथपा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि युवा, किसान, व्यापारी और बेरोजगार सभी परेशान हैं। जनता ने मन बना लिया है कि आने वाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी और इस नाकाम सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।