काशीपुर। गुरुवार का दिन आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रतीक बनकर सामने आया जब नागनाथ मंदिर के समीप स्थित बाबा रिसोर्ट का माहौल श्रद्धा और उल्लास से गूंज उठा। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर समिति काशीपुर के तत्वावधान में अध्यक्ष योगेश जैन के नेतृत्व में भगवान महावीर के जन्मोत्सव को समर्पित एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें न केवल धार्मिक भावनाओं को स्थान मिला, बल्कि रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच पर भगवान महावीर की बाल लीलाओं को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया, तो वहीं दीप प्रज्वलन कर उनकी प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा अर्पित की गई। कार्यक्रम में शामिल अतिथियों को पारंपरिक माला और शॉल से सम्मानित कर भव्य स्वागत किया गया, जिससे आयोजन में आध्यात्मिक गरिमा के साथ-साथ आत्मीयता की गहराई भी दिखाई दी।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर समिति के अध्यक्ष योगेश जैन ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भगवान महावीर का जीवन पूरी मानवता के लिए एक अनुपम प्रेरणा है। उनका संपूर्ण जीवन सत्य, अहिंसा, तप और संयम की मिसाल है, जिसे आज की युवा पीढ़ी को न केवल जानना चाहिए बल्कि आत्मसात भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं, बल्कि भगवान महावीर के सिद्धांतों को समाज तक पहुंचाना है। हम चाहते हैं कि आज का युवा महावीर के आदर्शों को अपने जीवन में उतारे और एक शांतिपूर्ण व नैतिक समाज के निर्माण में भागीदार बने। उन्होंने नगरवासियों और समिति के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन तभी सफल होते हैं जब समाज की एकजुटता और सक्रिय भागीदारी साथ हो। उन्होंने महापौर दीपक बाली द्वारा जैन समाज के लिए दिए गए प्रस्ताव की भी सराहना की और कहा कि यह समाज के सम्मान और योगदान का प्रतीक है।

श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर समिति के महामंत्री सीए (डॉ.) विनय जैन ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान महावीर का जीवन दर्शन आज के युग में और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि जब समाज भौतिकता, प्रतिस्पर्धा और अशांति की ओर बढ़ रहा है, तब महावीर स्वामी के सिद्धांतकृअहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांतकृहमें संतुलन, संयम और सहिष्णुता की राह दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और समाज को दिशा देने का एक प्रयास है। उन्होंने समिति की ओर से सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और नागरिकों का आभार प्रकट किया जो इस भव्य आयोजन में सहभागी बने। उन्होंने कहा कि जैन समाज सदैव से काशीपुर नगर के विकास, सेवा और नैतिक मूल्यों की स्थापना में अग्रणी रहा है और आगे भी यह सेवा भावना बनी रहेगी। साथ ही उन्होंने महापौर दीपक बाली के उस आश्वासन की सराहना की जिसमें उन्होंने भगवान महावीर के नाम पर शहर में कोई पार्क, चौक या सड़क समर्पित करने की बात कही।
कार्यक्रम में एक विशेष क्षण तब आया जब नगर के महापौर दीपक बाली ने मंच से जैन समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग पर ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि काशीपुर नगर में भगवान महावीर के नाम से सड़क, पार्क, चौक अथवा सार्वजनिक स्थल समर्पित किया जाएगा। उन्होंने यह निर्णय समाज पर ही छोड़ दिया कि वे किस स्वरूप में भगवान महावीर को नगर में स्थायी रूप से स्थापित देखना चाहते हैं। जैसे ही दीपक बाली ने यह बात कही, हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर उठा और हर ओर से जय घोष सुनाई देने लगा। यह घोषणा न केवल जैन समाज के लिए एक गौरवशाली क्षण था, बल्कि नगर की सामाजिक चेतना और सर्वधर्म समभाव की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल भी सिद्ध हुई। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि नगर प्रशासन धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर संवेदनशील दृष्टिकोण रखता है और नागरिकों की भावनाओं को महत्व देता है।

भाजपा विधायक त्रिलोक सिंह सीमा ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भगवान महावीर के जीवन और उपदेशों को समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया। उन्होंने कहा कि जैन धर्म का मूल भाव अहिंसा, सत्य और त्याग है, जो आज के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में अत्यंत प्रासंगिक हैं। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यदि समाज भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपनाए तो आपसी वैमनस्य, हिंसा और असहिष्णुता स्वतः समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जैन समाज का काशीपुर में हमेशा से ही उल्लेखनीय योगदान रहा है, चाहे वह व्यापार हो, सामाजिक सेवा हो या धार्मिक आयोजन। उन्होंने समिति के अध्यक्ष योगेश जैन, महामंत्री सीए (डॉ.) विनय जैन और संयोजक विकास जैन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से न सिर्फ धर्मबल बढ़ता है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना को भी बल मिलता है। उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए सभी को बधाई दी।

जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा, पूरा रिसोर्ट भगवान महावीर के जीवन दर्शन और शिक्षाओं से गूंज उठा। भगवान महावीर के बालरूप की जीवंत झलकियों को नाट्य और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। विशेष रूप से झांकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समारोह को एक अनोखा आकार दिया, जिसमें भक्ति, संस्कृति और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम देखा गया। कार्यक्रम के मुख्य संचालन विकास जैन ने मंच संचालन में अपनी दक्षता का परिचय दिया, जबकि कोषाध्यक्ष राजेश जैन ने पूरी व्यवस्था को सुदृढ़ रूप से संभाले रखा। इस आयोजन में न केवल जैन समाज बल्कि काशीपुर की तमाम प्रमुख हस्तियां भी सहभागी बनीं, जिन्होंने अपने वक्तव्यों और उपस्थिति से आयोजन की गरिमा में चार चांद लगा दिए।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर समिति के कार्यक्रम संयोजक विकास जैन ने आयोजन की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान महावीर के जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में आयोजित यह भव्य कार्यक्रम जैन समाज की एकता, समर्पण और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन नहीं, बल्कि समाज को भगवान महावीर के आदर्शों की ओर प्रेरित करना भी है। कार्यक्रम में नृत्य, झांकियों और बाल रूपों के माध्यम से भगवान महावीर की संपूर्ण जीवनी को जीवंत किया गया, जिससे सभी उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों, स्वयंसेवकों और बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी ने अपनी जिम्मेदारियां निष्ठा से निभाई हैं, जिसके कारण कार्यक्रम भव्य और यादगार बन सका। साथ ही उन्होंने महापौर दीपक बाली और सभी विशिष्ट अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनका आशीर्वाद और समर्थन समाज के लिए गर्व की बात है और प्रेरणा का स्रोत भी।

जब नगर की गलियों से होकर विशाल शोभायात्रा निकली, तो पूरा वातावरण श्रद्धा, उत्साह और गौरव से ओतप्रोत हो उठा। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ती गई, नगर के हर गली, हर मोड़, हर चौराहे पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक स्वरूप पुष्पवर्षा कर यात्रियों का अभूतपूर्व स्वागत किया। यह दृश्य इतना अद्भुत था कि मानो पूरा शहर भगवान महावीर के स्वागत में सजीव हो उठा हो। शोभायात्रा में शामिल आकर्षक झांकियों ने न केवल जैन धर्म के पौराणिक प्रसंगों और ऐतिहासिक क्षणों को सजीव किया, बल्कि नगरवासियों को भी उनके समृद्ध और गौरवशाली अतीत से जोड़ने का कार्य किया। भगवान महावीर के बालरूप, तपस्या के दृश्य और उपदेशों को कलात्मकता से प्रस्तुत करती झांकियां हर आयु वर्ग के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही थीं। यात्रा में बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों की भागीदारी ने इसे एक जनआंदोलन का रूप दे दिया, जो सामाजिक एकता और धार्मिक समरसता का प्रतीक बन गई।

इस भव्य आयोजन में जहां आध्यात्मिक और धार्मिक ऊर्जा का वातावरण चारों ओर महसूस हो रहा था, वहीं कार्यक्रम की गरिमा उस समय और भी अधिक बढ़ गई जब सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े कई प्रतिष्ठित चेहरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। विशेष रूप से पूर्व महापौर उषा चौधरी, पूर्व नगर अध्यक्ष अभिषेक गोयल, कांग्रेस के सक्रिय नेता संदीप सहगल, भाजपा के वरिष्ठ महामंत्री खिलेंद्र चौधरी, लोकप्रिय समाजसेवी गुरविंदर सिंह चंडोक, जाने-माने उद्योगपति मितेश अग्रवाल, भाजपा नेता आशीष गुप्ता, आशीष अरोड़ा, बॉबी, सनी छाबड़ा, सक्रिय पार्षद मनोज जगा, पूर्व पार्षद राजू सेठी और सामाजिक कार्यकर्ता बिट्टू राणा की मौजूदगी ने कार्यक्रम को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक सौहार्द का जीता-जागता प्रतीक बना दिया। इन सभी गणमान्य लोगों की सहभागिता से आयोजन को नया आयाम मिला और जनसामान्य को यह संदेश भी मिला कि धार्मिक आयोजनों का सामाजिक महत्व कितना गहरा होता है।
यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह काशीपुर की सामाजिक चेतना, धार्मिक सहिष्णुता और प्रशासनिक सहभागिता का एक सुंदर उदाहरण बनकर उभरा। जब नगर के नागरिक, जनप्रतिनिधि और समाज के सभी वर्ग एक मंच पर भगवान महावीर की शिक्षाओं के माध्यम से समरसता का संकल्प लें, तो यह सिर्फ आयोजन नहीं, एक आंदोलन बन जाता है। काशीपुर ने भगवान महावीर के जन्म दिवस पर, अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी पुनः जागृत किया।