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भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में भीमराव अंबेडकर जयंती का भव्य आयोजन

काशीपुर। कुंडेश्वरी स्थित एक प्रमुख संस्थान में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के गौरव, हिमालय पुत्र भगत सिंह कोश्यारी ने शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई, जिससे वातावरण में एक विशेष श्रद्धा का माहौल बन गया। श्रद्धालुओं ने ‘जय भीम’ के उद्घोष के साथ अपने महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में डॉ. अंबेडकर के संघर्षों, उनके दृष्टिकोण और उनके योगदान को याद करते हुए उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। उपस्थित जनसमूह ने बाबा साहेब के मार्गदर्शन में सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में काम करने की प्रेरणा ली।

भगत सिंह कोश्यारी ने अपने संबोधन में डॉ. भीमराव अंबेडकर की महानता को गहरे शब्दों में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि वे एक सशक्त सामाजिक न्याय के प्रतीक भी थे, जिन्होंने समाज के वंचित वर्गों को समान अधिकार दिलाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। कोश्यारी ने यह भी स्पष्ट किया कि बाबा साहेब का संघर्ष सिर्फ कानून और संविधान तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सामाजिक समानता, शिक्षा, और न्याय के लिए भी निरंतर प्रयास किए। उन्होंने कहा कि अगर अंबेडकर ने अपने जीवन में सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया, तो हम सभी को उनके मार्गदर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कोश्यारी ने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन यह संदेश देता है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर हमारे इरादे मजबूत हों, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए खुद को समर्पित करें। उनके अनुसार, युवाओं की ऊर्जा और कार्यों से ही देश का निर्माण होगा और समाज में समानता और न्याय का उद्देश्य पूरा किया जा सकेगा।

भा.ज.पा. जिला अध्यक्ष मनोज पाल ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान और उनके संघर्षों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने समाज को समानता, न्याय और बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन रोकने के लिए कड़ा संघर्ष किया। उनके संघर्ष ने न केवल समाज के वंचित वर्गों को आवाज दी, बल्कि भारतीय संविधान को आकार देने में भी अहम भूमिका निभाई। मनोज पाल ने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन यह संदेश देता है कि किसी भी समस्या का हल शिक्षा और संघर्ष से संभव है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा डॉ. अंबेडकर के विचारों और आदर्शों का पालन करने वाली पार्टी रही है, और उनका उद्देश्य यही है कि समाज के हर वर्ग को बराबरी का अवसर मिले। मनोज पाल ने यह भी उल्लेख किया कि भाजपा के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारें समाज में समानता स्थापित करने के लिए लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई योजनाओं और नीतियों का निर्माण किया है, जो समाज के निचले वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित हैं।

कार्यक्रम के दौरान बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान पर विचार गोष्ठियों का आयोजन किया गया, जिसमें उनके संघर्ष, समर्पण और संविधान निर्माण में भूमिका को विस्तार से चर्चा की गई। यह गोष्ठियां बाबा साहेब के विचारों को समझने और उनके योगदान को समाज में व्याप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनीं। इन सत्रों में उपस्थित वक्ताओं ने अंबेडकर जी के दृष्टिकोण और उनके संघर्षों को संजीवनी दी, जो आज भी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। कार्यक्रम में क्षेत्र के भारी संख्या में लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस अवसर पर बाबा साहेब के विचारों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उपस्थित जनसमूह ने ‘जय भीम’ के उद्घोष के साथ बाबा साहेब को सम्मानित किया, जिससे कार्यक्रम का माहौल भावनात्मक और प्रेरणादायक बन गया। यह दिन डॉ. अंबेडकर के जीवन और कार्यों की महिमा को मान्यता देने का महत्वपूर्ण अवसर था।

उक्त कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद किया और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। इनमें मनफूल सिंह, विजय सिंह (अध्यक्ष), बाल किशन (भा.ज.पा. मंडल अध्यक्ष), अर्जुन कश्यप (ब्लॉक प्रमुख) सहित अन्य प्रमुख सामाजिक नेता शामिल थे। इन नेताओं ने इस अवसर पर बाबा साहेब के संघर्ष, उनके सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण और संविधान निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन समाज के हर वर्ग को समान अधिकार देने की प्रेरणा देता है। सभी ने मिलकर बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और समाज में समानता, न्याय और समरसता के लिए कार्य करने का वचन लिया।

कार्यक्रम में एक सजीव वातावरण बना था, जिसमें लोग अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करते हुए एक साथ जुटे थे। बाबा साहेब के विचार आज भी समाज में उतने ही प्रासंगिक हैं और उनके संघर्षों के कारण ही भारतीय समाज में बदलाव आया। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल भारतीय संविधान को आकार दिया, बल्कि भारतीय समाज को एक नई दिशा भी दी। इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि बाबा साहेब का सपना आज भी जीवित है, और हमें उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज को सशक्त और समृद्ध बनाना है।

इस आयोजन में सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने की बात की। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि अंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर हमें अपने समाज के हर वर्ग को समान अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करना चाहिए। उनके जीवन के संघर्षों को याद करते हुए सभी ने यह संकल्प लिया कि वे बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलकर समाज के लिए कार्य करेंगे।

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