रामनगर। यह वर्ष उत्तराखंड के छात्रों के लिए नई उम्मीद और तकनीक के संगम का प्रतीक बनकर सामने आया है। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम अब 19 अप्रैल को जारी किया जाएगा, जिसकी आधिकारिक घोषणा परिषद के सचिव विनोद प्रसाद सिमल्टी द्वारा की गई है। लेकिन इस बार सिर्फ वेबसाइट तक ही सीमित नहीं रहेगा यह रिजल्ट–पहली बार छात्रों को अपने-अपने विद्यालय के पोर्टल पर भी परिणाम देखने की सुविधा प्रदान की गई है। यह कदम न केवल तकनीकी विकास की दिशा में एक साहसिक पहल है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और पहुंच को बढ़ावा देने वाला भी साबित होगा। सचिव सिमल्टी ने बताया कि इस साल का परीक्षा आयोजन बेहद शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रहा, जो कि एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेशभर के परीक्षा केंद्रों में प्रशासनिक निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था ने बोर्ड को समय से मूल्यांकन पूरा करने में मदद की है, जिससे परिणाम तय समय पर जारी करने की स्थिति बनी है।
राज्यभर में आयोजित हुई परीक्षाएं 21 फरवरी से 11 मार्च के बीच संपन्न हुई थीं। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने इस दौरान कुल 1,245 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा संचालन किया था, जिनमें से 165 को संवेदनशील और 5 को अति संवेदनशील घोषित किया गया था। यह विशेष सुरक्षा व्यवस्था छात्रों को एक नकलमुक्त और भयमुक्त वातावरण देने के उद्देश्य से लागू की गई थी, जिससे विद्यार्थियों को पूरी निष्ठा और आत्मविश्वास के साथ अपने प्रदर्शन को दिखाने का अवसर मिला। परीक्षा समाप्त होते ही उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य को युद्धस्तर पर संपन्न किया गया, जिससे परिणाम समयबद्ध तरीके से घोषित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। सचिव विनोद प्रसाद सिमल्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया तकनीकी रूप से बेहतर और पारदर्शी तरीके से की गई है, ताकि छात्रों को उनके मेहनत के सटीक परिणाम मिलें।
इस वर्ष परीक्षाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या ने भी एक नया मुकाम छू लिया। कुल 2,23,403 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी, जिनमें से कक्षा 10 के 1,13,690 और इंटरमीडिएट के 1,09,713 परीक्षार्थी शामिल थे। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों का शांतिपूर्ण परीक्षा में सम्मिलित होना न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि छात्र शिक्षा के प्रति कितने गंभीर हैं। सचिव ने बताया कि छात्रों को अब अपना रिजल्ट देखने के लिए उत्तराखंड बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ूूू.नइेम.ना.हवअ.पद के अलावा स्कूल पोर्टल का भी विकल्प मिलेगा, जिससे उन्हें आसानी और गति से अपने परिणाम मिल सकेंगे। यह दोहरी व्यवस्था छात्र और स्कूल दृ दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
एक और उल्लेखनीय बात यह रही कि उत्तराखंड सरकार और परिषद ने पहली बार राज्य के प्रत्येक स्कूल को एक विशेष पोर्टल उपलब्ध कराया है, जहां छात्र अपने-अपने विद्यालय से ही परिणाम देख सकेंगे। इस नवाचार के पीछे उद्देश्य न केवल तकनीकी दक्षता को बढ़ाना है, बल्कि विद्यालयों को छात्र आधारित डेटा विश्लेषण और व्यक्तिगत शैक्षणिक प्रगति की समीक्षा में सक्षम बनाना भी है। सचिव सिमल्टी ने यह भी जानकारी दी कि स्कूलों को पहले से लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान कर दिए गए हैं, जिससे रिजल्ट जारी होते ही छात्रों का विवरण सीधे स्कूल को प्राप्त हो सकेगा। इससे उन छात्रों को विशेष सुविधा मिलेगी जिनके पास निजी इंटरनेट सुविधा नहीं है और वे विद्यालय की मदद से परिणाम जान सकेंगे।
तकनीकी दृष्टिकोण से बात की जाए तो बोर्ड ने इस बार रिजल्ट की ऑनलाइन प्रक्रिया को और भी मज़बूती दी है। वेबसाइट और स्कूल पोर्टल दोनों को भारी ट्रैफिक को झेलने की क्षमता के अनुसार अपग्रेड किया गया है, जिससे रिजल्ट जारी होते समय किसी भी तकनीकी परेशानी का सामना न करना पड़े। पिछली बार की तुलना में इस बार रिजल्ट प्रक्रिया में पारदर्शिता, सटीकता और छात्रों की पहुंच को प्राथमिकता दी गई है। इस पहल से न केवल छात्र, बल्कि उनके अभिभावक और शिक्षक भी एक साथ जुड़े महसूस करेंगे, जिससे शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण होगा। परिषद के सचिव ने यह भी बताया कि शिक्षा को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर राज्य नई पीढ़ी को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रहा है, और यह शुरुआत एक मील का पत्थर साबित होगी।