काशीपुर। 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मोत्सव पर वाल्मीकि समाज द्वारा एक भव्य अंबेडकर संदेश यात्रा शोभायात्रा निकाले जाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस संबंध में एक बैठक सोमवार को आयोजती कि गई, जिसमें वाल्मीकि समाज के विभिन्न प्रमुख सदस्य उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता सरपंच डीपी रत्नाकर ने की और अंबेडकर संदेश यात्रा के आयोजन को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। सभा का संचालन अंबेडकर संदेश यात्रा के संस्थापक जितेंद्र देवांतक ने किया। बैठक में इस यात्रा को भव्य बनाने के लिए सभी लोगों से सहयोग की अपील की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 14 अप्रैल को होने वाली शोभायात्रा को लेकर वाल्मीकि समाज पूरी श्रद्धा और हर्षाेल्लास के साथ भागीदारी करेगा। साथ ही, यह भी तय किया गया कि यात्रा में समाज के हर वर्ग के लोग हिस्सा लेंगे, ताकि बाबा साहब के आदर्शों का संदेश और ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में दलित अधिकारियों के मामले में एक बयान दिया था, जिसे सभा में कड़ी आलोचना की गई। उन्होंने कहा था कि दलित अधिकारियों को सभ्यता का प्रयोग करना चाहिए, जिस पर समाज के लोगों ने आपत्ति जताई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 11:30 बजे इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत होगी, जिसमें समाज के लोग एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएंगे। विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य दलित अधिकारियों के खिलाफ दिए गए इस बयान के खिलाफ विरोध दर्ज कराना था और समाज में समानता की बात करना था। विरोध प्रदर्शन के दौरान इस मुद्दे को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

समाज के सदस्य इस बात को लेकर भी गंभीर थे कि वाल्मीकि समाज की महत्वपूर्ण आवाज़ को अनदेखा न किया जाए और समान अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्ष जारी रखा जाए। समाज के विभिन्न सदस्य इस विरोध प्रदर्शन में पूरी तरह से सहभागी होंगे। बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्तियों में डीपी रत्नाकर, हरिओम साहू, आरबी सिंह, नरेश पहलवान, अनिल राठौड़, संगम, अशोक पुजारी, अशोक पेंटर, महेश वरदान, राजेश सोदा, रामावतार पंडित, अमित टांक, हिमांशु गोरव, सुमित सौदा, राजीव कुमार, संजय कुमार, रिंकू सुपरवाइजर, अजय कुमार, संजीव पिंटू, डॉ. भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समारोह समिति के अध्यक्ष शुकलेश कुमार आजाद, सचिन सुरेंद्र सागर, कोषाध्यक्ष शंकर सिंह, और संरक्षक महिलाल गौतम, हरबू लाल गौतम प्रमुख रूप से शामिल थे। इन सभी ने मिलकर इस सभा को सफल बनाने में अपना योगदान दिया और सभी ने अपने विचार साझा किए।
बैठक के दौरान समाज के लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को सही रूप में मनाने के लिए इस यात्रा को भव्य बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। इस यात्रा का उद्देश्य ना केवल बाबा साहब की जयंती मनाना है, बल्कि उनके द्वारा किए गए संघर्षों और उनके विचारों को समाज में फैलाना भी है। इसके साथ ही समाज में हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाना भी इसका मुख्य उद्देश्य है। इस यात्रा को लेकर हर स्तर पर समर्पण और उत्साह देखा जा रहा है।
अंबेडकर संदेश यात्रा के आयोजन में समाज के हर वर्ग को शामिल करने का उद्देश्य है, ताकि बाबा साहब के विचारों को समाज में फैलाया जा सके। साथ ही, इस यात्रा के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। बाबा साहब के योगदान को सही रूप में सम्मानित करने के लिए यह शोभायात्रा अहम कदम है। समाज के सभी लोग एकजुट होकर इस यात्रा में भाग लेंगे और इसे सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। यह यात्रा न केवल बाबा साहब के विचारों को मान्यता देने का एक तरीका है, बल्कि यह समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
समाज में बढ़ते भेदभाव और असमानता को लेकर लोगों में गहरी चिंता व्याप्त है, जिससे यह यात्रा और विरोध प्रदर्शन समाज के लिए नई उम्मीद का प्रतीक बन गए हैं। बैठक में सभी भागीदारों ने इस विचार पर सहमति जताई कि इस यात्रा के माध्यम से बाबा साहब के आदर्शों को और मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही, लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का भी प्रयास किया जाएगा। इस यात्रा का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय की भावना को प्रबल करना है। सभी ने मिलकर संकल्प लिया कि इस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी ताकत और एकजुटता से काम किया जाएगा, ताकि बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके और समाज में बदलाव लाया जा सके।