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बाबासाहेब के विचारों की गूंज के साथ अंबेडकर जयंती पर भव्य आयोजन की तैयारी

समरसता, संविधान और सांस्कृतिक चेतना से भरेगा रामनगर; शोभायात्रा, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता और गीतों से गूंजेगा बाबासाहेब का जयघोष

रामनगर। रामनगर की ऐतिहासिक धरती एक बार फिर सामाजिक जागरूकता, समरसता और संविधान के गौरव को आत्मसात करने जा रही है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती को लेकर इस बार शहर में जबरदस्त तैयारियां की गई हैं और एक भव्य समारोह का खाका तैयार हो चुका है। शुक्रवार को अंबेडकर पार्क, रामनगर में आयोजित संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि 14 अप्रैल 2025 को अंबेडकर जयंती समारोह समिति द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की शृंखला रामनगर की सामाजिक चेतना को नई दिशा देगी। संगोष्ठी में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, समाजसेवी, शिक्षाविद, बुद्धिजीवी और स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। खास बात यह रही कि संगोष्ठी में अतिथियों की जो सूची घोषित की गई, उसने इस बार के समारोह को और गरिमामय बना दिया है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड एससी एसटी एम्पलाइज फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मदन कुमार शिल्पकार, सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त शिवराम टम्टा, नगर पालिका परिषद रामनगर के अध्यक्ष मोहम्मद अकरम, उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के सेक्टर ऑफिसर भुवन चंद आर्य, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मदन राम टम्टा और सुरेश चंद्र टम्टा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इन सभी महानुभावों की मौजूदगी समारोह की बौद्धिक और सामाजिक गहराई को कई गुना बढ़ा देगी। वहीं अध्यक्षता रेवि राम खेरिया, मुख्य संयोजक अंबेडकर समारोह समिति द्वारा की जाएगी। यह आयोजन न सिर्फ एक सांस्कृतिक संगम होगा बल्कि सामाजिक न्याय और भारतीय संविधान के मूल्यों को सशक्त बनाने का भी सशक्त प्रयास होगा।

13 अप्रैल 2025 की शाम 4 बजे से 6 बजे तक बाबासाहेब एवं भारतीय संविधान पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शहर के छात्र-छात्राएं, युवा और संविधान प्रेमी बड़ी संख्या में भाग लेंगे। प्रतियोगिता का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान परीक्षा नहीं, बल्कि बाबा साहेब के विचारों की गहराई और उनकी संवैधानिक दृष्टि को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। यह पहल विशेषकर युवाओं को संविधान की नींव और उसकी भूमिका से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

14 अप्रैल को जयंती के मुख्य समारोह का शुभारंभ भव्य शोभायात्रा से होगा, जो लखनपुर अंबेडकर पार्क से शुरू होकर मुख्य बाज़ार से होती हुई नगर पालिका पार्क तक पहुंचेगी। यह शोभायात्रा सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि बाबासाहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का जीवंत उदाहरण बनेगी। डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें, नारों से गूंजता माहौल, सामाजिक समानता के बैनर और जनसमूह की भागीदारी इसे एक ऐतिहासिक यात्रा में बदल देगी।

इस वर्ष की सबसे बड़ी खासियत है ‘मिशन उजागर’ -लता सागर एंड पार्टी, अमरोहा (उत्तरप्रदेश) की प्रस्तुति। बाबा साहेब के जीवन और विचारों पर आधारित गीतों की यह सांस्कृतिक प्रस्तुति समारोह का मुख्य आकर्षण होगी। इन गीतों के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को अंबेडकरवादी आंदोलन की गहराई और व्यापकता का अनुभव कराया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय कलाकारों द्वारा लोक गीत और लोकनृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे, जो क्षेत्रीय सांस्कृतिक विविधता में अंबेडकर विचारधारा को आत्मसात करने का प्रतीक बनेंगे।

कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा बाबा साहेब के जीवन, संघर्ष और संविधान निर्माण में उनके योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा। इन वक्तव्यों के माध्यम से सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के प्रति जागरूकता का सशक्त संदेश दिया जाएगा। समारोह स्थल पर एक विशाल बुक स्टॉल भी लगाया जाएगा, जिसमें बाबा साहेब के जीवन, संविधान, सामाजिक विचारधारा और महापुरुषों के योगदान पर आधारित पुस्तकों का संकलन होगा। यह बुक स्टॉल न सिर्फ जानकारी का स्रोत बनेगा बल्कि नव पीढ़ी के लिए प्रेरणा का केंद्र भी होगा।

इस पूरी श्रृंखला में सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि आयोजन में स्थानीय नेतृत्व की जबरदस्त भूमिका रही। कार्यक्रम में रेवि राम खेरिया, विनोद अनजान, शिवराम टम्टा, धनीराम आर्य, मदन राम, पृथ्वी पाल, चंद्र प्रकाश, त्रिलोक राम, भवानीराम और आनंद टम्टा जैसे कई सक्रिय कार्यकर्ता एवं सामाजिक चेहरे उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को दिशा और ऊर्जा प्रदान की।

विनोद अनजान ने बताया कि रामनगर में डॉ. अंबेडकर की जयंती पर होने वाला यह आयोजन सिर्फ एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के आंदोलन को फिर से जीवित करने का एक निर्णायक क्षण होगा। उन्होने कहा कि बाबा साहेब की शिक्षाएं, उनका संघर्ष और संविधान का गौरव हर नागरिक के दिल में नए सिरे से अंकित होगा-ऐसी ही उम्मीद इस आयोजन से की जा रही है।

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