spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeउत्तराखंडबरसात में भी चमकेगा उत्तराखंड, पर्यटन से बदलेगा रोजगार का नक्शा

बरसात में भी चमकेगा उत्तराखंड, पर्यटन से बदलेगा रोजगार का नक्शा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून को अवसर में बदलने की रणनीति बताई, बोले– अब बारिश में भी रोजगार और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम।

रामनगर। शनिवार को जैसे ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हेलीकॉप्टर सांवल्दे गांव स्थित अस्थायी हेलीपैड पर उतरा, वैसे ही उनका स्वागत किसी महोत्सव की तरह हुआ। पारंपरिक वेशभूषा में सजे लोक कलाकारों और स्थानीय नागरिकों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर उनका जोरदार अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री के इस एक दिवसीय प्रवास का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में वर्षा ऋतु के दौरान हो रहे पर्यटन विकास की समीक्षा और व्यवस्थाओं की निगरानी था। बारिश के इस मौसम में जब आमतौर पर उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा छा जाता था, वहीं अब तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार पूरी सजगता के साथ मौसम की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है और इसके समानांतर, राज्य की आर्थिकी को मजबूती देने के लिए इस मौसम को पर्यटन की नई संभावनाओं से जोड़ने की कोशिश जारी है।

प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही जहां पहले चिंता और असहजता का माहौल छा जाता था, अब वही वक्त पर्यटन गतिविधियों के लिए अवसर का मंच बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि पहले बारिश के मौसम में पर्यटन व्यवसाय लगभग ठप हो जाया करता था, जिससे हजारों लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब स्थिति में बड़ा बदलाव आया हैकृमानसून पर्यटन को लेकर पर्यटकों की सोच बदली है और लोग इस मौसम में भी उत्तराखंड की हरियाली, नदियों की रवानी और पहाड़ों के सौंदर्य का लुत्फ उठाने उमड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मानसूनी सीजन को अवसर में बदलने का काम कर रही है और इससे जुड़े स्थानीय लोगों को आजीविका के बेहतर साधन देने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसी क्रम में पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा और सुविधा को लेकर कड़े कदम भी उठाए गए हैं।

हर जिले के प्रशासन को मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए हैं कि वर्षा के दौरान आने वाली किसी भी आपातकालीन स्थिति में बिना देरी के राहत कार्य शुरू किए जाएं। उन्होंने बताया कि लगातार समीक्षा बैठकों के माध्यम से आपदा प्रबंधन की तैयारियों का आकलन किया जा रहा है। यदि कहीं भी नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ता है या पानी भराव की स्थिति बनती है, तो तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता जनता की जान-माल की सुरक्षा है और इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा गया है। बरसात के समय जो हालात पहले भय और परेशानी की स्थिति पैदा करते थे, अब वहीं हालात एक संगठित और सजग तंत्र के कारण अवसर में बदले जा रहे हैं। इस पूरी रणनीति का उद्देश्य है कि राज्य की प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता को बरसात के समय में भी पर्यटन से जोड़ा जाए।

रामनगर में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि बहुप्रतीक्षित कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ भी आज से हो गया है। यात्रा के पहले दल को टनकपुर से रवाना करते समय वे स्वयं उपस्थित रहे और तीर्थयात्रियों को व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय महत्व भी रखती है। इसके सफल संचालन के लिए राज्य सरकार ने सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य व्यवस्थाओं की व्यापक तैयारी की है। खासतौर पर मानसून की चुनौतियों को देखते हुए रूट पर हर स्तर पर प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को आध्यात्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में यह यात्रा बेहद अहम कड़ी है और सरकार इसे संजीदगी से लेकर आगे बढ़ा रही है।

पूरे दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने यह संदेश देने की कोशिश की कि उत्तराखंड सरकार अब केवल आपदाओं की प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि हर संभावित जोखिम को पहले से पहचानकर उससे निपटने की ठोस रणनीति पर काम कर रही है। मानसून को लेकर बनाई गई योजनाएं अब जमीनी स्तर पर क्रियान्वित हो रही हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर संभावित संवेदनशील क्षेत्र में पहले से तैयारी रखें, ताकि किसी भी आपदा को शुरू होते ही नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य की संवेदनशील भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा तंत्र विकसित किया जा रहा है, जो सिर्फ प्रतिक्रिया न दे, बल्कि पूर्वानुमान के आधार पर पहले ही आवश्यक कदम उठा सके। लोगों को इस विश्वास के साथ जीने का अधिकार मिलना चाहिए कि यदि कोई प्राकृतिक आपदा आती भी है तो सरकार उनके साथ खड़ी मिलेगी।

पुष्कर सिंह धामी ने अपने इस संक्षिप्त दौरे में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार अब हर मौसम को एक संभावित अवसर की तरह देख रही है। चाहे वह मानसून हो या शीतकालीन बर्फबारीकृप्राकृतिक बदलावों को राज्य के आर्थिक विकास से जोड़ने का उनका दृष्टिकोण अब धरातल पर नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब पर्यटन से जुड़े नए अवसरों की शुरुआत की जा रही है, ताकि गांवों में रहकर भी लोग आय के स्थायी स्रोत पा सकें। बारिश के मौसम में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाए जा रहे हैं और स्थानीय स्तर पर होमस्टे, ट्रेकिंग, नेचर वॉक जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अंत में यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर राज्य सरकार गहरी नजर रखे हुए है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उत्तराखंड केवल संकटों से जूझता प्रदेश नहीं, बल्कि अवसरों को पहचानकर आगे बढ़ता हुआ राज्य बने।

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!