काशीपुर(एस पी न्यूज़)। देश के आम बजट 2025-26 पर काशीपुर बार एसोसिएशन के उप-सचिव सूरज कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे मिलाजुला और संतुलित बजट बताया। उनके अनुसार, इस बजट में मध्यम वर्ग को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है, हालांकि आंकड़ों के आधार पर इसके वास्तविक प्रभाव का आकलन आने वाले वक्त में ही हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट के जरिए न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की कोशिश की है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को राहत देने का प्रयास भी किया है। यह बजट सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे लागू कैसे किया जाता है और इसके प्रभाव को किस तरह से आम जनता तक पहुंचाया जाता है।
सूरज कुमार ने कहा कि बजट में जो आंकड़े दिए गए हैं, वे भले ही आकर्षक नजर आते हों, लेकिन असलियत में इनके असर का पता तब ही चलेगा जब ये योजनाएं जमीनी स्तर पर लागू होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन इन योजनाओं का क्रियान्वयन किस हद तक प्रभावी होगा, यह समय ही बताएगा। उन्होंने कहा कि जब तक इन योजनाओं का लाभ सामान्य जनता तक नहीं पहुंचता और इसे जमीन पर सही तरीके से लागू नहीं किया जाता, तब तक इनकी सफलता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी के लिए कुछ राहत देने के संकेत हैं, लेकिन यह देखना होगा कि क्या वह वास्तव में राहत देने के रूप में साबित होता है या फिर महज आंकड़ों की बाजीगरी होती है।
काशीपुर के यूवा वकिल सूरज कुमार ने बजट में खासतौर से किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए की गई घोषणाओं पर भी विचार व्यक्त किया। उनके मुताबिक, किसानों के लिए बढ़ाई गई किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सीमा और युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों की घोषणा स्वागत योग्य है। लेकिन उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि क्या इन योजनाओं का वास्तविक फायदा उन तक पहुंचेगा जो इनकी असली जरूरतमंद हैं। उनका कहना था कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि योजनाओं का सही तरीके से प्रचार-प्रसार हो और इनका लाभ उन वर्गों तक पहुंचे जिनके लिए ये योजनाएं बनाई गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बेरोजगारी और गरीबी जैसे मसलों को हल करने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि यह बजट वास्तव में देश की विकास यात्रा में योगदान दे सके।
काशीपुर बार एसोसिएशन के उप सचिव सूरज कुमार ने बजट में किए गए विभिन्न वादों पर भी टिप्पणी की। उनका मानना था कि सरकार ने बजट में आंकड़ों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की है कि उन्होंने कई क्षेत्रों में विकास के लिए योजनाएं बनाई हैं, लेकिन असलियत में इसका लाभ किस हद तक मिलेगा, यह वक्त ही बताएगा। उन्होंने कहा कि बजट का असर जमीनी स्तर पर तभी दिखाई देगा, जब इसमें दी गई योजनाओं और सुविधाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं किया गया तो यह बस कागजी आंकड़ों तक सीमित रह जाएगा और इसका कोई ठोस असर नहीं होगा।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि बजट में सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, लेकिन इन सुधारों का असर तब तक स्पष्ट नहीं हो सकता जब तक इनका सही तरीके से पालन नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि कई बार सरकारें आंकड़ों के जरिए विकास का दावा करती हैं, लेकिन असल में यह विकास केवल कागजों तक सीमित रह जाता है। उनका मानना है कि समय के साथ सरकार को यह साबित करना होगा कि जो कदम उठाए गए हैं, वे वास्तव में लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं और यह बदलाव दिखने भी चाहिए।
अंत में एडवोकेट सूरज कुमार ने कहा कि यह बजट एक ऐसा कदम है जिसे लागू करने के लिए सरकार को कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, लेकिन असल में इसका क्या असर होगा, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा। उन्होंने यह भी कहा कि काशीपुर और अन्य छोटे शहरों के लोग इस बजट से उम्मीदें लगाए बैठे हैं, और अब यह देखना होगा कि सरकार इस उम्मीद को कितना पूरा कर पाती है।