काशीपुर। समाज में जीवन रक्षक तकनीकों को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास करते हुए उदयराज हिंदू इंटर कॉलेज काशीपुर में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी काशीपुर शाखा इकाई के तत्वावधान में एक विशेष प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस जागरूकता अभियान का मकसद न केवल आमजन को जीवन रक्षक तकनीकों की जानकारी देना था, बल्कि उन्हें आपातकालीन परिस्थितियों में आत्मनिर्भर और साहसिक निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित करना भी था। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल तीस प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिन्हें अनुभवी ट्रेनर विमल कुमार द्वारा विस्तृत रूप से सी.पी.आर, हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, ब्लीडिंग कंट्रोल और हड्डियों की चोटों से लेकर बर्न इंजरी, सर्पदंश, कुत्ते के काटने, मिर्गी के दौरे, स्ट्रेचर संचालन जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया गया।
फर्स्ट ऐड एक्सपर्ट विमल कुमार ने बताया कि आपात स्थिति में किसी भी घायल या बीमार व्यक्ति की पहली देखभाल ही उसके जीवन को बचाने में निर्णायक भूमिका निभाती है। उन्होंने CPR की बारीकियों को समझाते हुए एल.एल.एफ. (देखना, सुनना, महसूस करना) की प्रक्रिया को विस्तार से बताया, जिसके माध्यम से हृदय और फेफड़ों की क्रियाशीलता को बहाल किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे मामूली चोटों से लेकर गहरे घावों तक सही ढंग से पट्टी बांधना और रक्तस्राव को नियंत्रित करना सीखकर आम व्यक्ति भी किसी आपात स्थिति में बड़ा फर्क ला सकता है। इस दौरान प्रतिभागियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से विभिन्न प्राथमिक चिकित्सा उपायों की प्रस्तुति भी दिखाई गई, ताकि उन्हें दृश्य माध्यम से भी विषय की गहराई तक जानकारी दी जा सके।
इस अवसर पर भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी काशीपुर शाखा के सचिव अरुण पंत ने बताया कि संस्था लगातार इस प्रकार के जनहित कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक जागरूक नागरिक ही किसी घायल व्यक्ति की जान बचाने में पहली कड़ी साबित हो सकता है, बशर्ते वह सही प्रशिक्षण प्राप्त करे। कार्यक्रम में उपस्थित चेयरमैन गुरनाम सिंह गामा ने प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम प्राथमिक उपचार की जानकारी अवश्य हो, ताकि चिकित्सा मिलने से पहले रोगी को राहत मिल सके और जीवन बचाया जा सके। उन्होंने इस प्रयास को समाज सेवा की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए प्रतिभागियों से इसे जीवन भर अपनाने का आह्वान किया।
इस प्रेरणादायक आयोजन में जिला कोर कमेटी सदस्य सरोज ठाकुर, विकास शर्मा, संयोजक कौशलेश गुप्ता, डा. अकील अहमद, डा. जेड ए रहमान, डा. जगदीश राना, गौरव रस्तोगी, डा. वी. एस. गोला, डा. अमरीक सिंह, डा. आनंद कुमार यादव, डा. चन्द्रशेखर, मौ. आरिफ, प्रदीप कुमार शर्मा, डा. शहजाद, अनीता पंत, नीता पंत, मौ. जावेद, रवि यादव, मौ. इमरान चौधरी, और ललित मोहन तिवारी जैसे कई गणमान्य लोग और प्रशिक्षु उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे समय की मांग बताया और उम्मीद जताई कि इस तरह के प्रशिक्षण सत्रों से समाज में प्राथमिक चिकित्सा की समझ और उपयोगिता दोनों में वृद्धि होगी।
शिविर की पूरी प्रक्रिया को इस तरह से संरचित किया गया कि प्रशिक्षु केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि व्यावहारिक तौर पर भी आपातकालीन स्थितियों से निपटना सीख सकें। हर पहलू को बारीकी से समझाते हुए, प्रशिक्षण को जीवन के विभिन्न जोखिम भरे हालातों से जोड़ा गया, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि प्राथमिक चिकित्सा किसी डॉक्टर तक पहुंचने से पहले का सबसे जरूरी और असरदार कदम है। यह आयोजन न केवल शिक्षाप्रद रहा, बल्कि भावनात्मक रूप से भी प्रतिभागियों को एक सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ गया – क्योंकि अब वे सिर्फ आम नागरिक नहीं, बल्कि संकट की घड़ी में किसी की जान बचाने वाले बन चुके हैं।