नैनीताल(एस पी न्यूज़)। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित रामनगर क्षेत्र के चुकुम और आंशिक अमरपुर गांवों के विस्थापन के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार नैनीताल में बैठक कर इस विस्थापन प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इन गांवों के प्रभावित परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए नवीन पुनर्वास नीति 2021 के तहत आमपोखरा में भूमि प्रस्तावित की जाएगी। इस प्रस्ताव में चुकुम और आंशिक अमरपुर के परिवारों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया है। प्रस्तावित भूमि का भूगर्भीय निरीक्षण कर लिया गया है, और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की संस्तुति के बाद शासन को प्रस्ताव जल्द ही प्रेषित किया जाएगा। चुकुम और आंशिक अमरपुर गांव के विस्थापन की प्रक्रिया तहसील स्तर पर पूरी हो चुकी है, और यह अब शासन स्तर पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है। इस विस्थापन के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रभावित परिवारों को एक सुरक्षित और स्थिर जीवन मिल सके, जहां उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त वातावरण मिलेगा।
एसडीएम रामनगर राहुल शाह ने बताया कि चुकुम गांव में हुए पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार, 97 परिवार मूल रूप से निवासरत पाए गए थे। इनमें से 45 परिवार अनुसूचित जाति (अनु जाति) के हैं, जबकि 52 परिवार सामान्य जाति के हैं। इसमें से अनुसूचित जाति के 22 परिवार और सामान्य जाति के 8 परिवार के नाम भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हैं। ये परिवार राज्य सरकार की भूमि पर काबिज हैं, और उन्हें पुनर्वास के तहत अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा, आंशिक अमरपुर गांव में कुल 39 परिवार निवास कर रहे हैं, जिनमें 11 परिवार अनुसूचित जाति के और 28 परिवार सामान्य जाति के हैं। इन परिवारों में से अनुसूचित जाति के 9 परिवार और सामान्य जाति के 28 परिवार के नाम भूमि के अभिलेखों में दर्ज नहीं हैं, और वे भी राज्य सरकार की भूमि पर काबिज हैं। इन परिवारों के लिए भी विस्थापन प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें इन्हें सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करने का प्रस्ताव है।
इस बैठक के दौरान जिलाधिकारी वंदना सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस विस्थापन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें और प्रभावित परिवारों को एक बेहतर जीवन जीने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्वास नीति 2021 के तहत यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जाएगी, ताकि किसी भी परिवार को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विस्थापन के दौरान प्रभावित परिवारों के लिए सुविधाओं का ध्यान रखा जाए और सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें पर्याप्त आवास, पानी, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए उठाए गए इस कदम से क्षेत्र के नागरिकों में आशा की एक नई किरण दिखाई दी है। यह विस्थापन केवल भूमि के स्थानांतरण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह परिवारों को एक स्थिर और सुरक्षित जीवन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। इस प्रक्रिया के तहत प्रभावित गांवों के परिवारों को न केवल सुरक्षित आवास मिलेगा, बल्कि उन्हें उन क्षेत्रों में रहने का अवसर भी मिलेगा जो प्राकृतिक आपदाओं से कम प्रभावित होते हैं। इस प्रयास के तहत चुकुम और आंशिक अमरपुर के परिवारों को स्थायी पुनर्वास की सुविधा मिल सकेगी, जो उनके जीवन को नया मोड़ देने में मदद करेगा।
बैठक में उपस्थित अन्य अधिकारियों में संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, अपर ज़िलाधिकारी पी आर चौहान, और उप ज़िलाधिकारी रामनगर राहुल शाह भी शामिल थे। इन अधिकारियों ने भी इस विस्थापन प्रक्रिया को जल्द से जल्द प्रभावी रूप से लागू करने की बात कही और यह सुनिश्चित किया कि इस दौरान प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक समर्थन मिले। प्रशासन ने इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्णय लिया है ताकि विस्थापन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो। यह कदम न केवल प्रभावित परिवारों के जीवन में सुधार लाएगा, बल्कि क्षेत्र में विकास और स्थिरता को भी बढ़ावा देगा। इस योजना को लेकर शासन से अपेक्षाएं हैं कि इसे जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए, ताकि विस्थापन का कार्य शीघ्रता से संपन्न हो सके और प्रभावित परिवारों को उनका नया आशियाना मिल सके।