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प्रणव चौंपियन उमेश कुमार विवाद हिरासत में लिए गए उमेश कुमार बैठक पर पुलिस की पैनी नजर

उत्तराखंड में राजनीतिक घमासान उमेश कुमार और चौंपियन विवाद में फायरिंग गिरफ्तारी और तनाव चरम पर

हरिद्वार/डोईवाला(सुरेन्द्र कुमार)। उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है, जब खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन के बीच का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। यह विवाद अब केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि खुलेआम फायरिंग और पुलिस कार्रवाई तक पहुंच चुका है। हालात इतने गंभीर हो गए कि प्रशासन को तत्काल अलर्ट मोड पर आना पड़ा। ताजा घटनाक्रम में, खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय में ब्राह्मण समाज की बैठक आयोजित करने की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया। बैठक की खबर मिलते ही डोईवाला पुलिस ने विधायक उमेश कुमार को हिरासत में ले लिया। उनके कार्यालय की ओर जाने वाले हर मार्ग पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। विधायक उमेश कुमार ने इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया और इसे अनुचित करार दिया। उनका कहना था कि वह किसी तरह की हिंसा या अराजकता के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते थे। उन्होंने प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां लोकतंत्र की भावना के खिलाफ हैं।

इससे पहले भी विधायक उमेश कुमार को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि खानपुर विधायक ने ब्राह्मण समाज की बैठक बुलाने की योजना बनाई थी, जिसे लेकर पहले से ही तनाव का माहौल था। डोईवाला पुलिस की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोतवाली क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। वहीं, हिरासत में लिए जाने के बाद विधायक उमेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह कानून और संविधान का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की पुलिस कार्रवाई को सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह केवल जनता से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका। विधायक उमेश कुमार ने इस पूरे मामले को निजी लड़ाई करार दिया। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य में शांति बनी रहे और किसी भी तरह की अराजकता न फैले। उन्होंने प्रशासन और जनता से भी अपील की कि इसे किसी जातिगत या समुदाय विशेष की लड़ाई न बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और इस विवाद का निपटारा कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होना चाहिए। हालांकि, इस मामले की जड़ें काफी गहरी हैं और इसका इतिहास हाल ही में हुई घटनाओं तक जाता है।

यह विवाद 25 जनवरी की रात उस समय चरम पर पहुंच गया था, जब विधायक उमेश कुमार, लंढौरा स्थित कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन के महल पहुंचे और सोशल मीडिया पर चौंपियन को चुनौती देते दिखाई दिए। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने वहां पिस्टल भी लहराई। इस घटना के बाद, 26 जनवरी को कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन अपने समर्थकों के साथ उमेश कुमार के कार्यालय पहुंचे और वहां ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे राज्य में हलचल मच गई। इस घटना के बाद दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच भी तनाव बढ़ गया। आरोप है कि कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन और उनके समर्थकों ने उमेश कुमार के समर्थकों के साथ मारपीट भी की। इसके बाद, जब चौंपियन वहां से चले गए, तो विधायक उमेश कुमार मौके पर पहुंचे और फिर से पिस्टल लहराते देखे गए। इस मामले में पुलिस ने दोनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। जहां कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया, वहीं उमेश कुमार को जमानत मिल गई।

चौंपियन की गिरफ्तारी के बाद, उनके समर्थकों ने जमकर नाराजगी जताई। गुर्जर समाज ने इस मामले को लेकर एक महापंचायत बुलाने का ऐलान किया। हालांकि, कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन ने पत्र लिखकर इस महापंचायत को स्थगित करने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में उनके समर्थक उनके महल के बाहर एकत्र हो गए। इन लोगों ने चौंपियन की रिहाई की मांग करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और विधायक उमेश कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अब इस विवाद का असर राज्य की राजनीति पर भी पड़ने लगा है। पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जहां एक ओर चौंपियन के समर्थक उन्हें निर्दाेष बताते हुए उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं, वहीं उमेश कुमार के समर्थक भी उनके पक्ष में खड़े हैं। हालात को देखते हुए, प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि वह कानून-व्यवस्था को कैसे बनाए रखे। यह मामला अभी भी तूल पकड़ रहा है और आने वाले दिनों में इस पर और बड़े फैसले हो सकते हैं। फिलहाल, पुलिस की ओर से दोनों पक्षों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।

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