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प्रकृति संरक्षण और इको पर्यटन में उद्यमिता के अनलिमिटेड अवसर: इमरान खान का प्रेरक सत्र

इमरान खान ने प्रकृति संरक्षण और इको पर्यटन में उद्यमिता के बेहतरीन अवसरों पर किया संवाद

रामनगर(एस पी न्यूजू़)। नेचुरलिस्ट इमरान अहमद खान ने प्रकृति संरक्षण और इको पर्यटन में उद्यमिता के बढ़ते अवसरों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में कई रोमांचक और लाभकारी व्यावासिक संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने छात्रों को यह समझाया कि कैसे वे प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ इको पर्यटन उद्योग में अपना भविष्य बना सकते हैं। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में चल रहे बारह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के छठे दिन इमरान खान ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि इको पर्यटन केवल पर्यटकों को आकर्षित करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह स्थानीय समुदायों के लिए एक स्थायी आय का स्रोत बन सकता है। इसके माध्यम से लोग न केवल पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए जागरूक हो सकते हैं, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना सकते हैं।

इमरान खान ने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि प्रकृति संरक्षण और इको पर्यटन में शामिल होने के लिए कई अलग-अलग उद्यमिता के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने उदाहरण के रूप में नेचर गाइड, पक्षी अवलोकन, वाइल्डलाइफ और बर्ड्स फोटोग्राफी, ब्लॉगिंग, होम स्टे और सोवेनियर आइटम्स जैसे व्यवसायों की जानकारी दी। इसके अलावा, इमरान खान ने विद्यार्थियों को यह भी समझाया कि कैसे वे सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से अपनी सेवाओं और उत्पादों को प्रमोट कर सकते हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय वस्त्र और हस्तशिल्प उत्पादों को पर्यटन स्थलों पर बेचकर स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस प्रकार, इको पर्यटन न केवल पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है, बल्कि यह स्थानीय विकास और आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकता है।

उद्यमिता के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर जगमोहन सिंह नेगी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों को यह बताया कि किसी भी उद्यम की सफलता के लिए मानव संसाधन का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है। प्रोफेसर नेगी ने उद्यमिता की सफलता में मानव संसाधन के महत्व को विस्तार से समझाया और विद्यार्थियों को यह प्रेरणा दी कि वे अपने कार्यक्षेत्र में सही कौशल और संसाधनों का उपयोग करें। उनका मानना था कि कोई भी व्यवसाय तभी सफल हो सकता है जब उसमें शामिल सभी लोग अपने काम को सच्ची निष्ठा और मेहनत से करें। प्रोफेसर नेगी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रखने से पहले यह जरूरी है कि कोई भी व्यक्ति बाजार की मांग और आवश्यकताओं को सही तरीके से समझे और अपने व्यवसाय को उसी हिसाब से तैयार करे।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम.सी. पाण्डे, डॉ. प्रमोद जोशी, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. दीपक खाती, डॉ. योगेश चन्द्रा, डॉ. डी.एन. जोशी, डॉ. नवभा जोशी, दीपक सिंह सहित अन्य शिक्षकों और विद्यार्थियों की भी उपस्थिति रही। सभी ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सराहा और इसे उद्यमिता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अपने सवालों और विचारों के माध्यम से इस विषय पर चर्चा की और इस क्षेत्र में अपने करियर के विकल्पों को लेकर मार्गदर्शन प्राप्त किया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता के प्रति जागरूक करना और उन्हें विभिन्न उद्योगों में संभावनाओं के बारे में बताना था।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए बल्कि स्थानीय उद्यमियों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत साबित हो सकता है। यह आयोजन इस बात का उदाहरण है कि कैसे शिक्षा और उद्यमिता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय विकास को एक साथ जोड़ा जा सकता है। इसके जरिए न केवल छात्रों को व्यावासिक अवसरों का लाभ मिलेगा, बल्कि वे प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझेंगे। यह कार्यक्रम एक मिसाल पेश करता है कि कैसे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सकता है, विशेषकर जब यह पर्यावरण के संरक्षण से जुड़ा हो।

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