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पीएनजी महाविद्यालय में पूर्व छात्र परिषद की सभा ने उन्नति और विकास की नई दिशा दी

पूर्व छात्र परिषद की सभा में महाविद्यालय के भविष्य के लिए प्रेरणादायक योजनाओं पर चर्चा

रामनगर(एस पी न्यूज़)। शहर के प्रतिष्ठित पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पूर्व छात्र परिषद की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के विकास और उन्नति को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक में परिषद की कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारी और सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. लोतिका अमित ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए बैठक की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यह सभा पूर्व छात्र परिषद की आगामी कार्ययोजना और महाविद्यालय के हित में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। इस दौरान उपस्थित सभी सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे और सुझाव प्रस्तुत किए।

पूर्व छात्र परिषद के अध्यक्ष गणेश रावत ने सभा को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की उन्नति के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में भौतिक संसाधनों की बढ़ोतरी, पुस्तकालय के उन्नयन, छात्रों के लिए नवीन सुविधाओं की व्यवस्था और परिसर के सौंदर्यीकरण जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उपाध्यक्ष संजय डौर्बी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि महाविद्यालय के पूर्व छात्रों को एकजुट होकर अपने संस्थान के विकास में योगदान देना चाहिए। महासचिव सुमित जोशी ने कहा कि इस परिषद का मुख्य उद्देश्य महाविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास को गति देना है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी पूर्व छात्रगण महाविद्यालय के वर्तमान छात्रों के साथ संवाद स्थापित करें और अपने अनुभव साझा करें, जिससे उनकी शिक्षा और करियर मार्गदर्शन में सहायता मिल सके। कोषाध्यक्ष यशपाल सिंह रावत ने महाविद्यालय के लिए आर्थिक संसाधनों को जुटाने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला और सुझाव दिया कि पूर्व छात्रों का एक कोष स्थापित किया जाए जिससे महाविद्यालय के विकास कार्यों में सहायता मिल सके।

बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने पूर्व छात्र परिषद द्वारा प्रस्तावित योजनाओं का समर्थन किया और उन्हें साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर महाविद्यालय के संरक्षक, प्राचार्य प्रो. एम.सी. पाण्डे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्था के विकास में पूर्व छात्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में प्रस्तावित योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि इन योजनाओं को वास्तविक रूप में लागू करने के लिए सभी पक्षों को समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने परिषद के सभी सदस्यों को सुझाव दिया कि वे महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें।

बैठक के दौरान अन्य वरिष्ठ शिक्षकों और पूर्व छात्रों ने भी अपने विचार रखे। पूर्व छात्र समिति के सक्रिय सदस्य डॉ. देव आशीष ने महाविद्यालय के लिए एक स्थायी फंड बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। समर्थ नोडल अधिकारी डॉ. अलका राजौरिया ने महाविद्यालय में नवाचार और शोध कार्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, डॉ. दीपक खाती, डॉ. सुभाष पोखरियाल और डॉ. मनोज कुमार नैलवाल ने भी महाविद्यालय के विकास को लेकर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए। सभी सदस्यों ने एकमत होकर कहा कि यदि पूर्व छात्र परिषद और वर्तमान छात्र मिलकर कार्य करें, तो महाविद्यालय को शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया जा सकता है।

बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रस्तावित योजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए अपने समर्थन का आश्वासन दिया। सभा के अंत में संयोजिका डॉ. लोतिका अमित ने सभी उपस्थित सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि यह बैठक महाविद्यालय के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र परिषद की यह पहल महाविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को और समृद्ध बनाएगी तथा नए छात्रों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने महाविद्यालय की उन्नति के लिए अपने स्तर पर हर संभव सहयोग देने का संकल्प लिया और इस बैठक को अत्यंत सफल और उपयोगी करार दिया।

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