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पीएनजी कॉलेज में उद्यमिता विकास कार्यक्रम, छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

व्यवसायिक कौशल, टीमवर्क और समय प्रबंधन से छात्रों को उद्यमिता की नई राह

रामनगर(एस पी न्यूज़)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उद्यमिता विकास कार्यक्रम की जोरदार शुरुआत हो चुकी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक दृष्टिकोण प्रदान करना और उन्हें एक कुशल उद्यमी बनने के लिए तैयार करना है। वर्तमान समय में स्वरोजगार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों की महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। इसी उद्देश्य के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों को व्यापार की बारीकियों से अवगत कराने और उन्हें व्यवसायिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष जोर दिया गया।

इस दो दिवसीय सत्र में देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर जे.एस. नेगी, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. जे.पी. त्यागी और प्रकाश बिष्ट सहित कई विशेषज्ञों ने भाग लिया। इन विशेषज्ञों ने छात्रों को व्यवसाय प्रबंधन, मार्केटिंग रणनीतियां, पूंजी निवेश, जोखिम प्रबंधन और बाजार विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। उनका मानना था कि यदि छात्रों को सही मार्गदर्शन और उचित संसाधन मिलें, तो वे केवल नौकरी मांगने वाले ही नहीं, बल्कि स्वयं रोजगार देने वाले भी बन सकते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि किस तरह एक मजबूत व्यावसायिक योजना किसी भी स्टार्टअप की सफलता के लिए आवश्यक होती है।

दूसरे दिन के सत्र में देवभूमि उद्यमिता योजना से जुड़े मास्टर ट्रेनर मनीष आर्य ने छात्रों को टीमवर्क, समय प्रबंधन और रोजगार सृजन के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि यदि कोई भी उद्यमी टीम के साथ संगठित रूप से कार्य करता है और समय का सही प्रबंधन करता है, तो उसका व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी नए व्यापार को स्थापित करने के लिए बाजार की समझ और नवीन विचारों का होना अत्यंत आवश्यक है। उनके व्याख्यान ने छात्रों को अपनी सोच को व्यवसायिक रूप से विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर एस.एस. मौर्य, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. सुरेश चंद्रा और डॉ. डी.एन. जोशी सहित कई वरिष्ठ शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया और उद्यमिता की बारीकियों को समझा। इस आयोजन ने छात्रों में आत्मनिर्भरता की भावना को और अधिक प्रबल किया, जिससे वे भविष्य में अपने खुद के व्यवसाय को स्थापित करने के लिए प्रेरित हो सकें। इस कार्यक्रम का प्रभाव लंबे समय तक बना रहेगा और यह छात्रों के करियर को एक नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगा।

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