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कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में जलीय जीवों की गणना टली, अब नए शेड्यूल में होगा बड़ा सर्वेक्षण

मौसम बना बाधा, कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में जलीय जीवों की गणना टली, अब मार्च में होगा बड़ा और विस्तृत सर्वेक्षण

रामनगर। उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में प्रस्तावित जलीय जीवों की गणना को खराब मौसम के चलते फिलहाल रोक दिया गया है। पहले यह सर्वेक्षण 27 फरवरी से आरंभ किया जाना था, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण इसे 1 से 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस गणना का मुख्य उद्देश्य रामगंगा नदी में रहने वाले दुर्लभ जलीय जीवों की संख्या को दर्ज कर उनके संरक्षण की दिशा में प्रभावी कदम उठाना है।

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व भारत के सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव अभयारण्यों में शामिल है और यहां हर वर्ष जलीय जीवों की गणना की जाती है। यह प्रक्रिया रामगंगा नदी में निवास करने वाले मगरमच्छ, घड़ियाल और ओटर्स की संख्या का सही अनुमान लगाने में मदद करती है। पार्क प्रशासन ने हालिया सर्वेक्षण में यहां 197 मगरमच्छ, 183 घड़ियाल और 161 ओटर्स के मौजूद होने की जानकारी दी थी। ये आंकड़े संरक्षण प्रयासों को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाते हैं। पार्क प्रशासन इन जीवों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखता है, जिससे उनकी संख्या और प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने में सहायता मिलती है।

रामगंगा नदी कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के कोर एरिया से गुजरती है और यह कई दुर्लभ जलीय जीवों का प्राकृतिक आवास मानी जाती है। मगरमच्छ, घड़ियाल और ओटर्स यहां बड़ी संख्या में पाए जाते हैं, जो पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मौसम की प्रतिकूलता के चलते इन जीवों की गणना संभव नहीं हो सकी क्योंकि खराब मौसम में ये जीव पानी से बाहर नहीं आते, जिससे उनकी सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, वन विभाग ने साफ किया है कि 1 से 3 मार्च के बीच यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व भारत का पहला टाइगर रिज़र्व होने के साथ ही वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाता है। यहां सिर्फ बाघों का ही नहीं बल्कि अन्य जीवों का भी संरक्षण किया जाता है। यही कारण है कि जलीय जीवों की गणना को भी अत्यधिक महत्व दिया जाता है। इससे प्रशासन को यह जानकारी मिलती है कि इन जीवों की संख्या में किसी भी प्रकार की गिरावट तो नहीं हो रही और उनके संरक्षण के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

पार्क के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने जानकारी देते हुए कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में हर साल जलीय जीवों की गणना की जाती है, जिससे उनकी संख्या दर्ज कर भविष्य की योजनाएं बनाई जा सकें। यह प्रक्रिया संरक्षण के लिए बेहद आवश्यक मानी जाती है, क्योंकि इससे यह जानने में मदद मिलती है कि जलीय जीवों की आबादी स्थिर बनी हुई है या उसमें कोई गिरावट आ रही है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रतिकूल मौसम के चलते गणना को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है, क्योंकि बारिश और ठंड के कारण जल जीव जलाशयों से बाहर नहीं निकलते, जिससे उनकी सटीक संख्या का आकलन कठिन हो जाता है। हालांकि, वन्यजीव विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि 1 से 3 मार्च के बीच इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाएगा।

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व प्रशासन लगातार इस दिशा में प्रयासरत है कि यहां पाई जाने वाली वन्य प्रजातियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। पार्क में बाघों की संख्या 260 से अधिक है, जबकि 1200 से ज्यादा हाथी, बड़ी संख्या में तेंदुए, 600 से ज्यादा पक्षी प्रजातियां और अन्य वन्य जीव-जंतु भी पाए जाते हैं। जैव विविधता से भरपूर इस जंगल में संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस तरह की गणना से यह सुनिश्चित किया जाता है कि दुर्लभ जीवों की संख्या में किसी भी प्रकार की गिरावट न हो और उनके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम समय पर उठाए जाएं।

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