रामनगर। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामनगर के अर्थशास्त्र विभागीय परिषद द्वारा निबंध प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने लेखन कौशल का परिचय दिया। प्रतियोगिता का विषय ‘‘उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भूमिका’’ रखा गया था, जिस पर प्रतिभागियों ने अपने विचारों को विस्तार से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग प्रभारी प्रोफेसर अनुमिता अग्रवाल ने विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके विकास से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने छात्रों को विषय की गहराई से जानकारी लेने और अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एम.सी. पांडे ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि लेखन कला केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता को भी विकसित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को नियमित पाठ्यक्रम के साथ-साथ रोजगारपरक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि वर्तमान समय में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है, इसलिए छात्रों को अपने ज्ञान को केवल पुस्तकों तक सीमित न रखते हुए व्यावहारिक रूप से भी विकसित करना चाहिए। प्राचार्य ने कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है, यह न केवल राज्य के लोगों को रोजगार प्रदान करता है बल्कि सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को भी संजोकर रखता है। इस विषय पर गहराई से अध्ययन करना छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा।
प्रतियोगिता के निष्पक्ष निर्णय के लिए तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल का गठन किया गया था, जिसमें प्रो. जगमोहन सिंह नेगी, डॉ. कुसुम गुप्ता और डॉ. अलका राजौरिया शामिल रहे। निर्णायकों ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के निबंधों का गहन मूल्यांकन किया और उनकी लेखन शैली, शोध क्षमता, तर्कशक्ति एवं प्रस्तुतीकरण के आधार पर अंक प्रदान किए। निर्णायक मंडल ने कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन सराहनीय रहा और यह देखकर खुशी होती है कि विद्यार्थी न केवल पढ़ाई में रुचि रखते हैं, बल्कि समसामयिक विषयों पर भी अपनी सोच को लिखित रूप में व्यक्त कर सकते हैं।
प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों की घोषणा अर्थशास्त्र विभागीय परिषद की संयोजक डॉ. कृष्णा भारती द्वारा की गई। निर्णायक मंडल द्वारा किए गए मूल्यांकन के अनुसार, लता ने प्रथम स्थान प्राप्त कर प्रतियोगिता में बाजी मारी। द्वितीय स्थान हर्षिता चंटोला को मिला, जबकि पूजा जोशी तृतीय स्थान प्राप्त करने में सफल रहीं। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली लता ने अपने निबंध में पर्यटन उद्योग के विभिन्न पहलुओं, इसकी आर्थिक भूमिका और उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
हर्षिता चंटोला ने अपने निबंध में पर्यटन क्षेत्र में नई संभावनाओं को रेखांकित किया और सुझाव दिए कि कैसे उत्तराखंड में पर्यटन को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने होमस्टे, इको-टूरिज्म और साहसिक पर्यटन के बढ़ते रुझानों पर भी चर्चा की। पूजा जोशी ने अपने लेख में पर्यटन उद्योग से संबंधित सरकारी नीतियों और योजनाओं का विश्लेषण किया और बताया कि किस प्रकार सरकार इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्थानीय समुदायों को पर्यटन से जोड़कर किस तरह आर्थिक विकास को और गति दी जा सकती है।
इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग की प्राध्यापिका डॉ. रश्मि आर्या, स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थी एवं अन्य संकायों के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। विद्यार्थियों ने न केवल प्रतियोगिता में भाग लिया, बल्कि अन्य प्रतिभागियों के विचारों को भी ध्यानपूर्वक सुना और उनसे प्रेरणा ली। प्रतियोगिता के अंत में प्राध्यापकों ने विजेताओं को बधाई दी और अन्य विद्यार्थियों को भी ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के समापन पर विभागाध्यक्ष प्रो. अनुमिता अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और कहा कि यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए एक बेहतरीन अवसर था, जिससे उन्हें अपने विचारों को सुस्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने और लेखन क्षमता को निखारने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी, ताकि विद्यार्थियों को अपने विचारों को प्रभावी तरीके से अभिव्यक्त करने का अवसर मिलता रहे।
निबंध प्रतियोगिता का आयोजन न केवल एक अकादमिक गतिविधि थी, बल्कि यह विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख भी थी। इससे न केवल उनके लेखन कौशल में सुधार हुआ, बल्कि उन्होंने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने का प्रयास किया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि वे सामाजिक और आर्थिक विषयों के प्रति जागरूक हैं और अपने विचारों को सशक्त रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ आगे भी आयोजित की जाती रहेंगी, जिससे विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक सोच को और अधिक निखारने का अवसर मिलता रहेगा।