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निकाय चुनाव में 1043 अतिसंवेदनशील बूथ, 30 लाख वोटर करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों का माहौल चरम पर है। 23 जनवरी को प्रदेश भर में मतदान होना है, जबकि मतगणना 25 जनवरी से शुरू होगी। पूरे राज्य में इस चुनाव को लेकर जोश और उत्साह अपने चरम पर है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं, और पोलिंग बूथों की संवेदनशीलता के आधार पर व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया है। इस बार प्रदेश में कुल 30,29,028 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 15,62,349 पुरुष, 14,66,151 महिलाएं और 528 अन्य मतदाता शामिल हैं। खास बात यह है कि आयोग ने इस बार मतगणना की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए वेब कास्टिंग की व्यवस्था भी की है। इसके तहत मतगणना केंद्रों पर कैमरों की निगरानी रहेगी, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

चुनावी प्रचार का सिलसिला 21 जनवरी की शाम को थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार कर सकते हैं। प्रदेश के 100 नगर निकायों में होने वाले इस चुनाव में कुल 1282 वार्ड हैं। चुनाव के लिए 1515 मतदान केंद्र और 3394 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इनमें से कई पोलिंग बूथों को संवेदनशील और अति संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने मतदान के दिन सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है, ताकि हर नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।

राज्य निर्वाचन आयोग ने कुल 588 मतदान केंद्र और 1290 पोलिंग बूथों को संवेदनशील और 419 मतदान केंद्र व 1043 पोलिंग बूथों को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा है। इनमें से देहरादून जिले में सबसे अधिक 379 संवेदनशील और 302 अति संवेदनशील बूथ हैं। उधमसिंह नगर और हरिद्वार जैसे जिलों में भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। हरिद्वार जिले में 197 संवेदनशील और 207 अति संवेदनशील बूथ हैं, जबकि उधमसिंह नगर में 279 संवेदनशील और 229 अति संवेदनशील बूथ चिह्नित किए गए हैं। ऐसे पोलिंग बूथों पर सुरक्षा के अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं ताकि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।

वहीं, नैनीताल जिले में 124 संवेदनशील और 185 अति संवेदनशील बूथ चिह्नित किए गए हैं। चमोली, रुद्रप्रयाग, और उत्तरकाशी जैसे पर्वतीय जिलों में भी सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। बागेश्वर जिले में 17 संवेदनशील और 19 अति संवेदनशील बूथ हैं, जबकि रुद्रप्रयाग में 16 संवेदनशील और 5 अति संवेदनशील बूथ बनाए गए हैं।

राज्य में मतदाताओं की संख्या भी इस बार चर्चा का विषय बनी हुई है। देहरादून जिले में सबसे अधिक 9,98,231 मतदाता हैं, जिनमें 4,85,103 महिलाएं और 5,13,080 पुरुष शामिल हैं। हरिद्वार जिले में 5,87,127 मतदाता हैं, जिनमें 2,79,924 महिलाएं और 3,07,053 पुरुष हैं। उधमसिंह नगर जिले में कुल 5,67,684 मतदाता हैं। वहीं, नैनीताल जिले में 3,43,824 मतदाता हैं, जिनमें 1,68,084 महिलाएं और 1,75,704 पुरुष हैं। पर्वतीय जिलों की बात करें तो चंपावत में 33,689, पिथौरागढ़ में 61,421 और बागेश्वर में 25,321 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

इस बार की मतदाता सूची को नामांकन की अंतिम तिथि तक दुरुस्त किया गया है। पिछले आंकड़ों के मुकाबले इस बार मतदाताओं की संख्या में बदलाव हुआ है। इससे यह स्पष्ट है कि चुनाव को लेकर राज्य में जबरदस्त उत्साह है। हर जिले में उम्मीदवारों ने प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

यह चुनाव सिर्फ संख्या का खेल नहीं है, बल्कि यह राज्य की राजनीति के भविष्य की दिशा तय करेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि हर मतदाता स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। सुरक्षा बलों की तैनाती से लेकर वेब कास्टिंग जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल, सब कुछ इस चुनाव को यादगार बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।

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