रामनगर। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामनगर द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत “गंगा स्वच्छता पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य गंगा और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ रखना एवं समाज को जल स्रोतों के संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना है। इस क्रम में अभियान के दूसरे दिन महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्राचार्य प्रो. एम.सी. पांडे के निर्देशन में कोसी नदी के किनारे व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया। विद्यार्थियों ने कोसी नदी क्षेत्र में फैले प्लास्टिक, पॉलीथीन एवं अन्य कचरे को एकत्र कर सफाई की और स्थानीय लोगों से अपील की कि वे भी इस अभियान में योगदान दें।
अभियान में भाग ले रहे छात्र-छात्राओं ने समाज को जागरूक करते हुए कहा कि जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विशेष रूप से प्लास्टिक और पॉलीथीन के उपयोग को कम करने का आग्रह किया, जिससे नदियों और पर्यावरण की स्वच्छता बनी रहे। विद्यार्थियों ने स्थानीय लोगों को समझाया कि प्लास्टिक और अन्य कचरा नदियों में डालने से जल प्रदूषण बढ़ता है, जिससे न केवल जलीय जीवों को नुकसान पहुँचता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने हाथों में जागरूकता संदेश लिखी तख्तियाँ लेकर लोगों को प्रेरित किया और नारा लगाया, “जल ही जीवन है, इसे स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है”। इस दौरान विभिन्न नुक्कड़ नाटकों और समूह चर्चाओं के माध्यम से भी जनजागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया।

स्वच्छता अभियान की शुरुआत महाविद्यालय परिसर से की गई, जहाँ से विद्यार्थियों और शिक्षकों की टोली कोसी नदी क्षेत्र की ओर रवाना हुई। नदी किनारे पहुँचने के बाद सभी ने अलग-अलग समूहों में विभाजित होकर सफाई कार्य किया। कुछ विद्यार्थियों ने नदी में फैले प्लास्टिक और अन्य कचरे को एकत्र किया, जबकि कुछ ने स्थानीय लोगों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी। नोडल अधिकारी नमामि गंगे डॉ. नीमा राणा ने बताया कि स्वच्छता सिर्फ एक दिन की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह निरंतर किया जाने वाला कार्य है। उन्होंने कहा, “हमें अपनी नदियों और जल स्रोतों को स्वच्छ रखने के लिए सतत प्रयास करने होंगे। यदि आज हम इनकी सफाई नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल नहीं मिल पाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय प्रशासन और छात्र संगठन मिलकर समय-समय पर ऐसे अभियानों का आयोजन करते रहेंगे।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के कई शिक्षकों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. पुनीता कुशवाहा, डॉ. सुमन कुमार, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. कृष्णा भारती, डॉ. सुरेश चंद्रा सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। साथ ही, विद्यार्थियों में दिनेश, राजेंद्र सिंह, सुमित, नवीन, भूपाल बिष्ट, कैलाश, लक्ष्मी, पदमा, अंजू, श्रुति, पूजा रावत, मनीषा पंत, प्रेरणा, लता धामी, कमला, मुस्कान, हिमानी जोशी, सपना, वीना धामी सहित कई छात्र-छात्राएँ इस स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर शामिल हुए।

कोसी नदी क्षेत्र के स्थानीय निवासियों ने भी इस पहल की सराहना की और विद्यार्थियों के इस प्रयास की प्रशंसा की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम वर्षों से इस नदी के किनारे रहते हैं, लेकिन इस तरह का अभियान पहली बार इतने बड़े स्तर पर होते देख रहे हैं। यदि सभी लोग मिलकर प्रयास करें, तो हमारी नदियाँ हमेशा स्वच्छ बनी रहेंगी।” कुछ दुकानदारों और अन्य स्थानीय लोगों ने भी अपने स्तर पर सहयोग देने का वादा किया और आगे से नदी किनारे कूड़ा-कचरा न फेंकने का संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने भी लोगों को कूड़ा-कचरा फेंकने के लिए निर्धारित स्थानों का उपयोग करने की सलाह दी और नगर निगम से इस क्षेत्र में कचरा निस्तारण की व्यवस्था को और बेहतर बनाने की अपील की।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य प्रो. एम.सी. पांडे ने विद्यार्थियों को इस अभियान की सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि महाविद्यालय भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत केवल स्वच्छता अभियान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए लगातार जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि महाविद्यालय के विद्यार्थी भविष्य में भी समय-समय पर नदी किनारे सफाई अभियान चलाते रहेंगे। डॉ. नीमा राणा ने बताया कि आगामी सप्ताह में इस अभियान के तहत एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा जल संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता पर व्याख्यान दिए जाएंगे। साथ ही, विद्यार्थियों के लिए पोस्टर मेकिंग और स्लोगन लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे वे इस विषय को और अधिक गहराई से समझ सकें।

नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत चलाए जा रहे इस स्वच्छता अभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि युवा जागरूक हो जाएँ, तो समाज में सकारात्मक बदलाव अवश्य आ सकता है। विद्यार्थियों द्वारा कोसी नदी क्षेत्र में किए गए इस सफाई अभियान से स्थानीय लोगों को भी प्रेरणा मिली है और उन्होंने भी इस पहल में सहयोग देने की इच्छा जताई है। महाविद्यालय के इस प्रयास से न केवल कोसी नदी की सफाई को बढ़ावा मिला है, बल्कि इससे जल स्रोतों के संरक्षण के प्रति भी जागरूकता आई है। आने वाले समय में इस प्रकार के और भी कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में स्वच्छता और जल संरक्षण को लेकर और अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।