काशीपुर। तीन महीनों से खाली चल रहे नगर आयुक्त पद पर आखिरकार विराम लग गया है। सोमवार को नगर आयुक्त रविंद्र सिंह बिष्ट ने काशीपुर नगर निगम के नवनियुक्त नगर आयुक्त के रूप में अपना दायित्व ग्रहण कर लिया। लंबे इंतजार के बाद शहर को एक पूर्णकालिक नगर आयुक्त मिलने से आम जनता से लेकर निगम कर्मियों तक में राहत की सांस ली गई है। कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद रविंद्र सिंह बिष्ट ने महापौर दीपक बाली से शिष्टाचार भेंट की और निगम की प्राथमिकताओं को लेकर एक गंभीर संवाद स्थापित किया। यह मुलाकात केवल औपचारिकता नहीं रही, बल्कि शहर के विकास की योजनाओं और लंबित कार्यों पर चर्चा का एक सकारात्मक संकेत बनकर सामने आई। नगर निगम परिसर में बिष्ट की नियुक्ति के बाद से एक नया जोश और उम्मीद का माहौल देखा गया, जो बीते तीन महीनों की ठहराव की स्थिति से बिल्कुल उलट था।
इससे पहले जब नगर आयुक्त का पद खाली पड़ा था, तब मुख्य विकास अधिकारी यानी सीडीओ को इसका अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों के चलते निगम की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी। न तो नियमित बैठकों का आयोजन हो पा रहा था, और न ही विकास योजनाओं की गति में कोई संतुलन बना रह पा रहा था। नगर निगम के अंदरूनी कामकाज से लेकर फील्ड में पेंडिंग कार्यों की लंबी सूची बनती जा रही थी। इस स्थिति को देखते हुए लंबे समय से स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों द्वारा सरकार से यह मांग की जा रही थी कि निगम को स्थायी नगर आयुक्त दिया जाए ताकि शहर के प्रशासनिक ढांचे में स्थायित्व लौट सके। अब जब यह मांग पूरी हुई है, तो यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि एक बहुप्रतीक्षित व्यवस्था का पुनर्संयोजन बन गई है।
काशीपुर नगर निगम के महापौर दीपक बाली ने नवनियुक्त नगर आयुक्त रविंद्र सिंह बिष्ट के कार्यभार संभालने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब वह क्षण आ गया है जब शहर की जमी हुई कार्यप्रणाली में फिर से तेजी और दिशा देखने को मिलेगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बीते तीन महीनों से नगर आयुक्त की गैरमौजूदगी के कारण शहर के अनेक आवश्यक कार्य अधर में लटके हुए थे, जिनमें स्वच्छता अभियान, जलनिकासी तंत्र की बहाली, स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत, टूटी नालियों का पुनर्निर्माण और वार्डवार विकास परियोजनाएं प्रमुख हैं। महापौर का मानना है कि रविंद्र सिंह बिष्ट जैसे अनुभवशील और निर्णयक्षम अधिकारी के आने से इन सभी कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा और नगर निगम की सुस्त पड़ी रफ्तार में फिर से जान आएगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि नए नगर आयुक्त निगम अधिकारियों, कर्मचारियों और पार्षदों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम करेंगे, जिससे आम जनता को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सकेंगी।
निगम परिसर में रविंद्र सिंह बिष्ट के आगमन के बाद पहली ही बैठक में जो ऊर्जा देखने को मिली, उसने यह संकेत दे दिया कि अब निगम की दिनचर्या फिर से पटरी पर लौटेगी। कार्यालय स्टाफ से लेकर विभागीय अधिकारियों तक में एक सकारात्मक हलचल देखी गई। कार्यभार संभालते ही बिष्ट ने कर्मचारियों को अनुशासन और पारदर्शिता की सीख दी, साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि जनसेवा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह जनता की समस्याओं को समझने और तत्काल समाधान निकालने की दिशा में सक्रिय रहेंगे। साथ ही नगर निगम को एक आधुनिक और जवाबदेह इकाई के रूप में विकसित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य शुरू किया जाएगा।
तेजी से प्रगति की ओर बढ़ते नगरों की कतार में शामिल काशीपुर में नगर निगम की भूमिका केवल जल, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह संस्था अब शहर के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास की धुरी बन चुकी है। ऐसे में जब नगर निगम को तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद एक स्थायी नगर आयुक्त के रूप में रविंद्र सिंह बिष्ट जैसा अनुभवी और तेज-तर्रार प्रशासक मिला है, तो यह नियुक्ति स्वाभाविक रूप से विशेष महत्त्व रखती है। बिष्ट की कार्यशैली परिणाम आधारित मानी जाती है और उन्हें नगर प्रशासन से जुड़े हर पहलू का व्यावहारिक ज्ञान है। शहर की भौगोलिक जटिलताओं से लेकर सामाजिक संरचना और प्रशासनिक चुनौतियों तक, उनके पास अनुभव और दृष्टि दोनों है। ऐसे में उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि वे अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करेंगे और निगम की नई योजनाओं को समयबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक लागू कर शहर को नई दिशा देंगे।
नगर आयुक्त पद पर रविंद्र सिंह बिष्ट की नियुक्ति को शहर की जनता एक नई शुरुआत के रूप में देख रही है, जिसने तीन महीने की लंबी प्रतीक्षा के बाद काशीपुर नगर निगम को स्थायित्व प्रदान किया है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि लोगों की उम्मीदों को फिर से संजीवनी देने वाला निर्णय है। जहां शासन ने अब जाकर सही दिशा में कदम बढ़ाया है, वहीं शहरवासी यह देखने को उत्सुक हैं कि नया नेतृत्व अपने वादों और योजनाओं को कितनी तेजी और प्रभावशीलता के साथ धरातल पर उतार पाता है। फिलहाल इतना स्पष्ट है कि बिष्ट के आगमन ने तीन महीने से ठहरी हुई प्रशासनिक व्यवस्था में जान फूंक दी है। नगर निगम की गतिविधियों में जो ऊर्जा और सजीवता लौटती दिखाई दे रही है, वह इस बात का संकेत है कि जनता जल्द ही विकास की नई लहर का प्रत्यक्ष अनुभव करने को तैयार है।
नगर आयुक्त रविंद्र सिंह बिष्ट ने “सहर प्रजातंत्र” से बातचीत के दौरान बेहद स्पष्ट और प्रभावशाली अंदाज़ में कहा कि काशीपुर नगर निगम की प्राथमिकता अब सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना होगा। उन्होंने कहा कि जनता ने बहुत लंबे समय तक अधूरे कार्यों और धीमी प्रक्रिया को झेला है, अब वक्त है उस भरोसे को वापस लौटाने का। रविंद्र सिंह बिष्ट ने दो टूक कहा कि पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध कामकाज ही उनके प्रशासनिक सिद्धांत होंगे। उनकी नज़र शहर की सड़कों, सफाई व्यवस्था, जलनिकासी, रोशनी और नागरिक सेवाओं पर खास तौर पर रहेगी। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि निगम कर्मियों को अब फील्ड पर दिखना होगा, केवल दफ्तरों तक सीमित रहकर विकास संभव नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की शिकायतों का समाधान तय समयसीमा में किया जाएगा, क्योंकि अब सिर्फ योजनाएं नहीं, परिणाम बोलेंगे।