spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeउत्तराखंडनकाबपोशों ने कांग्रेस नेता को पीटकर सोशल मीडिया पर मचाई सनसनी

नकाबपोशों ने कांग्रेस नेता को पीटकर सोशल मीडिया पर मचाई सनसनी

सोशल मीडिया पर बेबाकी महंगी पड़ी, बेल्टों से पीटकर वीडियो वायरल करने की साजिश लोकतंत्र की आवाज को दबाने की नाकाम कोशिश साबित हुई।

काशीपुर। कांग्रेस नेता रवि पपनै पर हमला कर उनकी आवाज दबाने की कोशिश ने शहर की सियासत में सनसनी फैला दी है। सोमवार की रात दुर्गा कॉलोनी में हुए इस हमले ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। बताया जा रहा है कि कुछ नकाबपोश युवकों ने उन्हें उस वक्त घेरकर पीटा, जब वह अपने घर लौट रहे थे। हैरानी की बात यह रही कि हमलावरों ने इस पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की और उसे खुद ही सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस हमले को लेकर रवि पपनै ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि यह पूरा मामला उन्हें चुप कराने और उनकी मुखरता को कुचलने की कोशिश है। आईटीआई थाना क्षेत्र की पुलिस को उन्होंने तहरीर सौंप दी है, जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

रवि पपनै, जो कभी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे और अब कांग्रेस में बतौर आईटी सेल प्रदेश सचिव सक्रिय हैं, हाल ही में सोशल मीडिया पर खासे मुखर नजर आए हैं। उन्होंने लगातार महापौर दीपक बाली की कार्यशैली को सवालों के घेरे में लिया है। साथ ही, उन्होंने उन मीडिया कर्मियों पर भी निशाना साधा है जो महापौर की रिपोर्टिंग करते हैं। रवि ने सोशल मीडिया पर उन पत्रकारों का नाम लेकर उन्हें ‘चाटुकार’ कहने से भी परहेज़ नहीं किया, जिससे शायद कुछ लोग असहज हो गए होंगे। सोमवार रात को घटी यह घटना इसी विवाद की परिणति मानी जा रही है। उनका कहना है कि हमलावरों की मंशा केवल शारीरिक क्षति पहुंचाने की नहीं, बल्कि उन्हें चुप कराने की थी। उन्होंने साफ किया कि उनकी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, और न ही उनकी ओर से कभी किसी को धमकी दी गई है।

घटना को लेकर सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि पिटाई की घटना न केवल योजनाबद्ध थी, बल्कि अत्यंत संगठित भी लग रही है। चार से पांच नकाबपोश युवकों ने बेल्टों और अन्य वस्तुओं से पपनै को पीटा, और फिर पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद कर इंटरनेट पर प्रसारित कर दिया। यह न केवल एक भयावह आपराधिक कृत्य है, बल्कि सोशल मीडिया को हथियार की तरह प्रयोग करने का खतरनाक उदाहरण भी है। रवि पपनै ने यह भी कहा कि यह हमला उन्हें डराने और उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है, लेकिन वह पीछे नहीं हटेंगे। वह लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं और इस हमले से डरने वाले नहीं हैं। उनका यह भी कहना है कि यह हमला किसी ‘राजनीतिक संदेश’ से कम नहीं है, जिसे जनता के बीच फैलाकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि रवि पपनै ने इस पूरे मामले से महापौर दीपक बाली को बाहर रखा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह महापौर को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और वह किसी भी कीमत पर ऐसी शर्मनाक हरकत नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि विरोध होना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन उसे इस तरह हिंसा के माध्यम से दबाने की कोशिश, साफ तौर पर कायरता का प्रमाण है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है और इस बात की उम्मीद जताई है कि पुलिस जल्द से जल्द इस पूरे मामले की सच्चाई सामने लाएगी। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि हमला करने वाले युवक कौन थे और किसके इशारे पर यह काम अंजाम दिया गया, लेकिन रवि पपनै ने दावा किया है कि यह घटना उनकी बढ़ती लोकप्रियता और बेबाक बोल की प्रतिक्रिया है।

शहर में इस घटना को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रवि पपनै पर हुआ हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चोट है। सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी बात रखने वाले नेताओं को इस तरह डराना-धमकाना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। कई स्थानीय नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, जनता के बीच भी इस घटना को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद से सोशल मीडिया पर ‘न्याय दो पपनै को’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि वह वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है और जल्द ही हमलावरों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाएगा।

रवि पपनै का यह भी कहना है कि वह राजनीतिक आलोचना करते हैं लेकिन किसी के चरित्र पर आक्षेप नहीं लगाते। वह अपने विचारों को तथ्यों और मुद्दों पर आधारित रखते हैं। उनका मानना है कि जो लोग लोकतांत्रिक ढांचे को नहीं समझते, वही इस तरह की हिंसक मानसिकता को जन्म देते हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह न तो झुकेंगे और न ही डरेंगे। वह आगे भी जनता से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से उठाते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी तकलीफ क्यों न सहनी पड़े। इस पूरी घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज के समय में राजनीतिक मतभेद और व्यक्तिगत रंजिशें किस हद तक जा सकती हैं।

इस हमले के बाद कांग्रेस खेमे में भी गहमागहमी बढ़ गई है। पार्टी नेताओं ने एक स्वर में रवि पपनै पर हुए हमले की निंदा की है और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं, पुलिस प्रशासन ने कहा है कि तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और वीडियो फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इस पूरे मामले की सच्चाई सामने लाना अब कानून व्यवस्था की प्राथमिकता बन गई है। प्रशासनिक स्तर पर भी इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह घटना महज एक आपराधिक कृत्य थी या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक साजिश छिपी है।

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!