देहरादून(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड विधानसभा में 20 फरवरी को धामी सरकार 2.O के कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया गया, जिसमें वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 1,01,175.33 करोड़ रुपए का बजट सदन में प्रस्तुत किया। इस बजट में सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और युवाओं को सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इसे सात बिंदुओं पर केंद्रित बजट करार दिया और कहा कि यह बजट उत्तराखंड को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने बड़े पैमाने पर निवेश करने की घोषणा की, जिससे प्रदेश के विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार ने 178.83 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की है, ताकि प्रदेश में सभी छात्रों को शिक्षा का समुचित अधिकार मिल सके। वहीं, 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों के लिए 59.41 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, प्राथमिक स्तर के छात्रों के लिए सरकार ने जूते और बैग की व्यवस्था हेतु 23 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। इन योजनाओं से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी विद्यार्थी मूलभूत संसाधनों के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे।
बजट में छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है। विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए 15 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है, जिससे हजारों विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त, शैक्षिक कार्यक्रमों के अंतर्गत भी 15 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति के लिए रखे गए हैं। खासकर बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साइकिल) योजना के लिए 15 करोड़ रुपए का आवंटन किया है, ताकि प्रदेश की बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें और सशक्त बन सकें।
सरकार ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी निवेश किया है, ताकि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को और अधिक उन्नत किया जा सके। उत्तराखंड में साइंस सिटी और विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए 26.64 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे छात्रों को विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर मिलेगा। अंतरिक्ष उपयोग केंद्र को सहायता के लिए 5.75 करोड़ रुपए और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के लिए 16.80 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, उत्तराखंड विज्ञान एवं शिक्षण अनुसंधान की स्थापना हेतु 5.40 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
प्रदेश में विज्ञान केंद्रों की स्थापना के तहत चंपावत में विज्ञान केंद्र के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे वहां के छात्रों को विज्ञान से संबंधित प्रयोगात्मक शिक्षा प्राप्त हो सके। साथ ही, विद्या समीक्षा केंद्र के लिए 2.41 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, ताकि शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिससे विद्यार्थियों को डिजिटल संसाधनों के माध्यम से बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके।
इस बजट में युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। शिक्षा के साथ-साथ उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आधुनिक संसाधनों से लैस करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह बजट उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और सरकार की विकास योजनाओं को गति देने में सहायक होगा। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और आधुनिक तकनीक से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए।
बजट में किए गए प्रावधानों से यह स्पष्ट है कि धामी सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। सरकार का यह चौथा बजट राज्य की विकास योजनाओं को नए स्तर पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित हो सकता है। इस बजट से यह भी संकेत मिलता है कि सरकार प्रदेश के सभी वर्गों के समग्र विकास की दिशा में प्रतिबद्ध है और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लगातार कार्य कर रही है।