रामनगर। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) ने प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तीन साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार दिया है। पार्टी के प्रधान महासचिव और राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि धामी सरकार ने प्रदेश के विकास की जगह नफरत की राजनीति को बढ़ावा दिया है। उनका कहना है कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए जनता को सांप्रदायिक और क्षेत्रीय आधार पर विभाजित करने का प्रयास कर रही है।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि धामी सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब हो गई है, बेरोजगारी चरम पर है, और पलायन की दर बढ़ती जा रही है। पहाड़ों के सैकड़ों गांव खाली हो चुके हैं, वहीं सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार घटती जा रही है। प्रदेश में रोजगार के अवसर न मिलने के कारण बड़ी संख्या में युवा पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई, जिससे स्थानीय लोग रोजगार के लिए मजबूरी में शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। पार्टी के अनुसार, सरकार सिर्फ औद्योगिक घरानों के हित साधने में लगी हुई है और आम जनता के सरोकारों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि धामी सरकार का रिमोट कंट्रोल पूरी तरह से पूंजीपतियों और भूमाफियाओं के हाथ में है। राज्य की नीतियां उन्हीं के हिसाब से बनाई जा रही हैं, जिससे आम जनता को कोई लाभ नहीं हो रहा है। ध्यानी ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि सरकारी नौकरियों में धांधली, शिक्षा व्यवस्था में अनियमितताएं, और स्वास्थ्य सुविधाओं में गिरावट साफ देखी जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए जनहित की नीतियों को दरकिनार कर रही है।
उपपा नेता ने धामी सरकार पर समाज में नफरत फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पहले हिंदू-मुस्लिम मुद्दे को उछालकर समाज में दरार पैदा करने का प्रयास करती रही, और अब श्पहाड़ी-मैदानीश् विवाद खड़ा करके उत्तराखंड की जनता को आपस में लड़ाने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रकार के विवादों को हवा देकर अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे शांति प्रिय राज्य में इस तरह की राजनीति करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस तरह की विभाजनकारी राजनीति से राज्य की सामाजिक एकता कमजोर होगी और इसका खामियाजा भविष्य में प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।
ध्यानी ने कहा कि सरकार को वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि धामी सरकार जनहित के मुद्दों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन सालों में महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ी है, लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस नीति बनाने में विफल रही है। सरकार ने जिस प्रकार से जल, जंगल और जमीन से जुड़े मामलों में उदासीनता दिखाई है, वह स्पष्ट करता है कि इस सरकार का आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि प्रदेश की जनता अब सरकार की वास्तविकता समझ चुकी है और अगले चुनावों में भाजपा सरकार को करारा जवाब देगी। ध्यानी ने कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और भ्रष्टाचार तथा नफरत की राजनीति करने वालों को सबक सिखाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को एक सशक्त और ईमानदार नेतृत्व की जरूरत है, जो प्रदेश की असल समस्याओं का समाधान कर सके। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी आवाज बुलंद करें और सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ संघर्ष करें।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को पूरी तरह से निराशाजनक बताते हुए कहा कि यह सरकार प्रदेश के विकास की बजाय पूंजीपतियों और माफियाओं के इशारों पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पलायन और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण जैसी समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए उपपा ने कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और आने वाले चुनावों में सरकार को इसका जवाब मिलेगा।