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देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर हरिद्वार में सांस्कृतिक गौरव और नारी शक्ति का भव्य उत्सव

भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने देवी अहिल्याबाई के आदर्शों को सलाम किया।

हरिद्वार। भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय पर इतिहास की उस विलक्षण महिला को श्रद्धांजलि दी गई, जिनका व्यक्तित्व आज भी भारतीय संस्कृति की चेतना में जीवित है। देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के पावन अवसर पर आयोजित गोष्ठी ने पूरे आयोजन स्थल को आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणादायक विचारों से भर दिया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब देवी अहिल्याबाई के जीवन दर्शन की व्याख्या की, तो उपस्थितजनों के बीच भारतीय नारी की शक्ति और गरिमा का गहन बोध हुआ। उन्होंने कहा कि वैदिक काल से आधुनिक युग तक नारी को देवी, शक्ति और मातृरूप में सम्मान मिला है, और इस शाश्वत परंपरा की प्रत्यक्ष जीवंत मिसाल थीं देवी अहिल्याबाई होल्कर। उनका जीवन किसी एक युग तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत के हर कालखंड में उन्होंने अपने आदर्शों से रोशनी फैलाई। बद्री-केदार धाम से लेकर हरिद्वार और काशी तक, उनके द्वारा कराए गए धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार ने भारतीय सांस्कृतिक चेतना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा का अनावरण इस बात का प्रमाण है कि उनका योगदान केवल किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सोमनाथ से काशी तक मंदिरों का जीर्णाेद्धार कर भारत की आध्यात्मिक पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखा। इसी क्रम में देहरादून की निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान ने उन्हें आधुनिक भारत की सबसे महान महिला बताते हुए कहा कि उनका चरित्र समुद्र जितना गहरा और हिमालय जितना ऊंचा था। उनका सशक्त और स्वतंत्र व्यक्तित्व हर उस नारी के लिए प्रेरणास्रोत है जो अपने अधिकारों के प्रति सजग और कर्तव्यों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राजकीय प्रणाली में आदर्श शासक का परिचय दिया और समाज सेवा में अप्रतिम योगदान देकर समकालीन और भविष्य की पीढ़ियों को दिशा दी।

डॉ मनु शिवपुरी, जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर हैं, ने देवी अहिल्याबाई को शिव की साधिका और देश की सांस्कृतिक एकता की मूर्तरूप संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आदि शंकराचार्य ने पूरे भारत में धर्मध्वजा फहराई, उसी प्रकार देवी अहिल्याबाई ने सामाजिक और धार्मिक पुनरुत्थान के कार्यों को देश के कोने-कोने में पहुंचाया। उनका नेतृत्व और कार्य शैली उन्हें केवल एक वीरांगना नहीं बनाते, बल्कि उन्हें एक दृष्टिसंपन्न राष्ट्रशिल्पी के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं। धार्मिक सुधार, सामाजिक पुनर्निर्माण और जनकल्याण की जो लहर उन्होंने चलाई, वह आज भी अनेक संस्थाओं और सरकारों द्वारा स्थापित स्मारकों में जीवित है। उनके द्वारा किए गए 30 वर्षों के शासन में केवल राजनीति नहीं, बल्कि जनकल्याण और धर्म का अनुपम समन्वय दिखाई देता है।

हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन भारतीय संस्कृति की आत्मा का सजीव प्रतिबिंब है। उनकी महानता केवल किसी शासनकाल की कथा नहीं, बल्कि एक ऐसे जीवन की गाथा है जो धर्म, संस्कृति, राजनीति और समाज सेवा को एक सूत्र में पिरोता है। उन्होंने कहा कि ऐसा विलक्षण चरित्र और आदर्श नारीत्व का उदाहरण पूरी मानव सभ्यता में ढूंढ पाना कठिन है। उनका जीवन आज भी भारत के साथ-साथ विश्व के समाजों को सामाजिक, धार्मिक और आत्मिक चेतना से प्रेरित कर रहा है। वे एक दैवीय प्रकाश पुंज थीं जिन्होंने जीवन को कर्म, सेवा और ज्ञान से महकाया।

भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में जिन नीतियों को अमल में लाया, वे केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण नहीं थीं, बल्कि वे एक संवेदनशील हृदय से निकलीं जो गरीबों, दलितों और उपेक्षितों के कल्याण के लिए समर्पित थीं। उनकी वीरता और नैतिक मूल्यों का संगम ऐसा था जिसे आज की राजनीति में आदर्श माना जा सकता है। सत्ता को सुचारु और जनहितकारी बनाए रखने के उनके उपाय न केवल शासन कौशल का परिचय देते हैं, बल्कि एक नारी के भीतर छिपे नेतृत्व क्षमता की मिसाल भी हैं। उन्होंने सबको आह्वान किया कि हम सबको देवी अहिल्याबाई के जीवन से सीख लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम संयोजक आशु चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन एक दैदीप्यमान और प्रेरणादायक यात्रा है, जिसे युगों तक स्मरण किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज जब समूचा समाज नारी सशक्तिकरण की बात कर रहा है, ऐसे दौर में देवी अहिल्याबाई का जीवनचरित्र हमें वह आदर्श देता है जिसे अपनाकर हम न केवल सामाजिक चेतना को जागृत कर सकते हैं, बल्कि एक समरस, समर्पित और सांस्कृतिक मूल्यों से युक्त समाज की रचना भी कर सकते हैं। उनके विचार, नीति और जीवनशैली आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं। हमें उनके बताए गए मार्ग पर चलकर समाज में सेवा, समरसता और सनातन संस्कृति के मूल तत्वों को मजबूत करना चाहिए। इस गरिमामयी आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप देने में उपस्थित सभी विशिष्टजनों, समाजसेवियों और विचारशील नागरिकों की उपस्थिति ने एक विशेष भूमिका निभाई।

इस भव्य गोष्ठी में हरिद्वार महापौर किरण जैसल, दर्जाधारी राज्य मंत्री जयपाल सिंह चौहान, पूर्व जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष रंजना चतुर्वेदी, युवा मोर्चा अध्यक्ष विक्रम भुल्लर, ब्लॉक प्रमुख आशा नेगी, अनु कक्कड़, मुनेश पाल, रीता चमोली, कमला जोशी, प्रीति गुप्ता, शीतल पुंडीर, लव शर्मा, नकली रामसैनी, गौरव पुंडीर, आभा शर्मा, रजनी वर्मा, रेनू शर्मा, मन्नू रावत, शर्मिला बगवाड़ी, मनोज शर्मा, रंजीता झा, नीति शर्मा, चित्रा शर्मा, गुड्डी कश्यप, श्रुति केवड़िया, पिंकी चौधरी, मंजू रावत, लीला रावत, सुषमा चौहान, अमिता गुप्ता, रूबी बेगम, गोमती मिश्रा, सुधा राठौर, संगीता बंसल, सपना पंडित, अनीता गुप्ता, विपिन शर्मा, नागेंद्र राणा, रविंद्र सैनी, दीपांशु विद्यार्थी, दयाराम वालिया, वरुण चौहान, अभिनव चौहान, दर्शना सिंह, सूबे सिंह, मनोज चौहान सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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