रामनगर। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामनगर में नमामि गंगे स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस अभियान के तहत महाविद्यालय के स्वयंसेवियों के मध्य गंगा स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता युवाओं को गंगा संरक्षण एवं जल स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। कार्यक्रम में छात्रों ने जोश और उत्साह के साथ भाग लिया, जिससे आयोजन बेहद रोचक और प्रेरणादायक बन गया।
प्रतियोगिता में कुल 46 स्वयंसेवियों ने भाग लिया, जिनमें से छात्रा वर्ग एवं छात्र वर्ग में अलग-अलग विजेताओं को चुना गया। छात्रा इकाई में दीक्षा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, हर्षिता ने दूसरा और दिव्या तीसरे स्थान पर रहीं। वहीं, छात्र वर्ग में दीपक ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि रितेश ने दूसरा और जितेंद्र तीसरे स्थान पर रहे। प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने गंगा नदी की स्वच्छता, जल संरक्षण, जल प्रदूषण के दुष्परिणाम और इसके समाधान से जुड़े महत्वपूर्ण संदेशों को पोस्टर और स्लोगन के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों के पोस्टर और स्लोगन में रचनात्मकता और जागरूकता का बेहतरीन मेल देखने को मिला। कुछ स्लोगन इतने प्रभावशाली थे कि उन्होंने उपस्थित सभी लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जैसे:
“गंगा जल से है जीवन हमारा, इसे बचाना है हम सबका नारा।”
“जल ही जीवन है, इसे बचाना हमारा कर्तव्य है।”
“गंगा को स्वच्छ रखना है, हमें अपनी जिम्मेदारी निभानी है।”
इन प्रेरणादायक संदेशों ने न केवल प्रतियोगिता को रोचक बनाया, बल्कि उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को भी गंगा संरक्षण के प्रति नई ऊर्जा और संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में नमामि गंगे अभियान की नोडल अधिकारी डॉ. नीमा राणा ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर सभी विजेताओं को सम्मानित किया और पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी आस्था, संस्कृति और जीवनदायिनी स्रोत है। इसे स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य ही नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि युवाओं की भागीदारी से ही स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रयास सफल हो सकते हैं। उन्होंने छात्रों को जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व को अपने परिवारों और समाज तक पहुंचाने का संदेश दिया।
इस मौके पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. पुनीता कुशवाहा, डॉ. ममता जोशी, डॉ. सुरेश चंद्र, डॉ. नेहा पपनोई और वयोवृद्ध समाजसेवी श्री दौलत राम सहित अन्य कई गणमान्य उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और गंगा की स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्थानीय स्तर पर भी इस तरह के अभियानों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. पुनीता कुशवाहा ने कहा कि “गंगा की सफाई केवल सरकार का दायित्व नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यदि युवा इस आंदोलन में आगे बढ़ेंगे, तो गंगा को स्वच्छ बनाने की मुहिम को निश्चित ही मजबूती मिलेगी।”
इस आयोजन ने छात्रों को सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी छात्रों ने अपने रचनात्मक विचारों और संदेशों से स्वच्छता की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस मौके पर डॉ. ममता जोशी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से न केवल विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ती है, बल्कि वे अपने परिवार और समाज में भी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाते हैं।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. नीमा राणा ने सभी छात्रों को गंगा स्वच्छता की शपथ दिलाई। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या में जल संरक्षण और स्वच्छता को अपनाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि हमें अपनी छोटी-छोटी आदतों में बदलाव लाकर स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
इस आयोजन को और प्रभावी बनाने के लिए छात्रों को विभिन्न स्वच्छता अभियानों और सरकारी योजनाओं से भी अवगत कराया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को नमामि गंगे योजना, स्वच्छ भारत अभियान और जल संरक्षण से जुड़ी अन्य सरकारी पहलों की जानकारी दी गई। महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी इस दौरान अपने विचार रखे और छात्रों को सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ सुरेश चन्द्रा ने आयोजन सचिव की भूमिका निभाते हुए सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सिर्फ प्रतियोगिता तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि इन्हें एक मिशन के रूप में अपनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि भविष्य में महाविद्यालय में ऐसे और भी अभियानों का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और सामाजिक विकास से जुड़ने के अधिक अवसर मिल सकें।
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि आज का युवा वर्ग गंगा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने जिस जोश और संकल्प के साथ भाग लिया, वह दर्शाता है कि नमामि गंगे अभियान को जन आंदोलन बनाने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सभी स्वयंसेवियों, शिक्षकों और आयोजन समिति के सदस्यों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया गया।