रामनगर(एस पी न्यूज़)। नेशनल हाईवे 309 पर मंगलवार की शाम एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने इलाके को हिलाकर रख दिया। तेलीपुरा के पास हरियाणा रोडवेज की तेज रफ्तार बस और टांडा की ओर जा रहे एक टैम्पो के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में टैम्पो पलटने के कारण उसमें सवार एक यात्री की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक, यह हादसा उस समय हुआ जब हरियाणा रोडवेज की बस तेज रफ्तार में टैम्पो को साइड से टक्कर मारने में सफल रही। टक्कर इतनी भयंकर थी कि टैम्पो पलटकर सड़क किनारे गिर गया। हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई और आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े। घायलों को तत्काल रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान टांडा निवासी शफीक को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं, अन्य पांच घायलों का इलाज जारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी जोरदार थी कि टैम्पो के पलटने के बाद उसमें सवार लोग घायलों में बुरी तरह से फंस गए थे। कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। यह हादसा उस समय हुआ जब टैम्पो ने सड़क पर कड़ी भीड़ को पार करते हुए तेज रफ्तार से अपनी मंजिल की ओर बढ़ने की कोशिश की। हादसे के बाद कुछ मिनटों तक हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। घटना की जानकारी मिलने पर नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल लिया। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए शफीक के परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। हाजी मोहम्मद अकरम ने अस्पताल प्रशासन से घायल यात्रियों के इलाज की व्यवस्था को लेकर बातचीत की और उनकी जल्दी स्वस्थ होने की कामना की।

पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई की और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हाईवे से हटवाया। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हादसे की वजहों का खुलासा करने के लिए जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सड़क हादसा हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों की लापरवाही और सड़क सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। स्थानीय लोग और यात्री अक्सर तेज रफ्तार की वजह से हो रहे हादसों की शिकायत करते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय निवासी और यात्री इस बात से परेशान हैं कि नेशनल हाईवे पर आवागमन के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
इस हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं, जिनमें प्रमुख है कि क्या अधिकारियों द्वारा हाईवे पर यातायात नियमों के पालन को लेकर कड़ी निगरानी रखी जा रही है? और क्या सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं? वाहन चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं के चलते इस मुद्दे पर अब स्थानीय समुदाय की तरफ से भी आवाज उठ रही है। यह हादसा इस बात को भी उजागर करता है कि नेशनल हाईवे पर यातायात नियमों के उल्लंघन के चलते रोजाना होने वाली दुर्घटनाओं के कारण लोगों की जान खतरे में बनी हुई है। कई बार सुरक्षा उपायों के अभाव के कारण बडे़ हादसों की स्थिति बन जाती है। पुलिस और प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद यातायात नियमों को और सख्ती से लागू किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्घटनाओं की वजह से इस हाईवे पर अक्सर सड़क सुरक्षा की अनदेखी होती है। हालाँकि पुलिस और प्रशासन अब इस मुद्दे पर गंभीर नजर आ रहे हैं, लेकिन तब तक यह हादसा लोगों को अपने परिवारों और अपनी जिंदगी की सुरक्षा के लिए जागरूक करता रहेगा। इस सड़क हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हाईवे पर बढ़ती हुई तेज रफ्तार पर काबू पाया जा सकेगा? क्या प्रशासन उस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा? इन सवालों का जवाब समय आने पर ही मिलेगा। फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है। हादसे के बाद परिवार और क्षेत्रीय लोग शोक में डूबे हुए हैं, और इस घटनाक्रम ने हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था की तत्काल समीक्षा की आवश्यकता को और भी प्रबल बना दिया है।