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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश सचिव जितेन्द्र सरस्वती को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी

जसपुर में संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए कांग्रेस ने जितेन्द्र सरस्वती पर जताया भरोसा, चुनावी तैयारियों में आएगी तेजी।

काशीपुर। राज्य में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को धार देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उत्तराखंड कांग्रेस ने भी अपने संगठन को नए सिरे से सक्रिय करते हुए अहम दांव चला है। पार्टी के भीतर एक नई हलचल उस समय देखी गई जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश सचिव जितेन्द्र सरस्वती को जसपुर का चुनाव प्रभारी नियुक्त करने की घोषणा की। इस नियुक्ति को संगठनात्मक दृष्टि से बेहद निर्णायक माना जा रहा है, क्योंकि जसपुर विधानसभा क्षेत्र हमेशा से कांग्रेस के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। जमीनी पकड़ और सांगठनिक अनुभव के चलते जितेन्द्र सरस्वती की तैनाती कांग्रेस की उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत हर ब्लॉक और ग्राम पंचायत तक पार्टी को मजबूत बनाया जाना है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरस्वती अपने प्रभारी पद का किस तरह से निर्वहन करते हैं।

पार्टी सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस ने यह जिम्मेदारी ऐसे समय में सौंपी है जब जसपुर का सियासी समीकरण बेहद पेचीदा होता जा रहा है। स्थानीय राजनीति में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं और भाजपा, आम आदमी पार्टी सहित अन्य दल भी मैदान में अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। ऐसे में कांग्रेस की यह नियुक्ति बहुत सोच-समझकर की गई रणनीतिक चाल मानी जा रही है। जितेन्द्र सरस्वती न केवल पार्टी के अनुभवी और समर्पित कार्यकर्ता हैं, बल्कि उनका स्थानीय जनाधार भी बेहद मजबूत है। जसपुर क्षेत्र की भौगोलिक और सामाजिक जटिलताओं को वे नजदीक से जानते हैं, और यही कारण है कि कांग्रेस नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया है। प्रदेश स्तर पर भी उनकी सक्रियता हमेशा सकारात्मक रही है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वे जसपुर को संगठनात्मक रूप से सशक्त बनाएंगे।

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव हमेशा से सत्ता का रुख तय करने वाले होते हैं और कांग्रेस इस बार इसे हल्के में नहीं लेना चाहती। पार्टी हाईकमान द्वारा स्थानीय नेताओं को सशक्त बनाने और हर क्षेत्र में प्रभारी नियुक्त करने की जो रणनीति बनाई गई है, उसके तहत सरस्वती को अहम जिम्मेदारी दी गई है। जसपुर जैसे क्षेत्र में संगठन को फिर से जीवंत करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि जितेन्द्र सरस्वती ने इस जिम्मेदारी को पूरी ऊर्जा और समर्पण से स्वीकार किया है। वे शीघ्र ही क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू करेंगे और ब्लॉक स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक संगठनात्मक ढांचा तैयार करेंगे। उनका मानना है कि पंचायत चुनाव ही वह पहला मंच होता है जहाँ से संगठन की असली ताकत का परीक्षण होता है।

कांग्रेस की यह नियुक्ति केवल एक पद भर नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि पार्टी अब मैदान में पूरी गंभीरता से उतर रही है। सरस्वती के पास चुनावी रणनीति, प्रचार प्रबंधन, जनसंपर्क और कार्यकर्ता जोड़ने की प्रभावशाली क्षमता है, जो पार्टी को जसपुर में एक नया आधार दे सकती है। स्थानीय मुद्दों, किसान, युवाओं और महिलाओं से जुड़े विषयों पर वे अच्छी पकड़ रखते हैं, और कांग्रेस के घोषणापत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में वे निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। उनकी नियुक्ति के साथ ही क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं में नया जोश भी देखने को मिल रहा है और पार्टी की बैठकों में भी सक्रियता बढ़ी है, जो चुनावी तैयारी के लिहाज से शुभ संकेत है।

प्रदेश कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जसपुर में सरस्वती सभी धड़ों के बीच समन्वय स्थापित करने में सक्षम हैं और इसी कारण उन्हें सर्वसम्मति से यह जिम्मेदारी सौंपी गई। चुनाव के दौरान बूथ मैनेजमेंट से लेकर प्रचार की रणनीति, सोशल मीडिया की मुहिम और मतदाताओं से संवाद की योजनाओं को वे स्वयं देखेंगे। कांग्रेस की योजना है कि जसपुर को पंचायत चुनाव में बड़ी जीत दिलाकर पूरे उधम सिंह नगर जिले में संगठन का परचम लहराया जाए। इसके लिए जितेन्द्र सरस्वती जैसे जमीनी नेता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। अब देखना होगा कि वे इस विश्वास पर कितना खरा उतरते हैं और कांग्रेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव जितेन्द्र सरस्वती ने “सहर प्रजातंत्र” से विशेष बातचीत में कहा कि पार्टी ने जो भरोसा जताया है, वह मेरे लिए सम्मान के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी भी है। जसपुर क्षेत्र हमेशा से कांग्रेस की मजबूत भूमि रहा है और अब मेरी प्राथमिकता रहेगी कि संगठन को ग्राम स्तर तक और अधिक सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव केवल सत्ता का रास्ता नहीं, बल्कि जनता से सीधा जुड़ाव बनाने का सबसे मजबूत मंच होता है। मेरी कोशिश रहेगी कि हर कार्यकर्ता को सम्मान और भूमिका दी जाए, जिससे एकजुट होकर हम बड़ी जीत की ओर अग्रसर हो सकें। सरस्वती ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जसपुर में गुटबाजी नहीं, बल्कि समन्वय और संगठनात्मक मजबूती की भावना के साथ काम करेंगे। कांग्रेस की नीति और विचारधारा को जनता के बीच ले जाने के लिए वे शीघ्र ही रणनीतिक बैठकों और जनसंपर्क अभियानों की शुरुआत करेंगे।

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