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त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ उबाल, सफाई कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन और पुतला दहन

पूर्व मुख्यमंत्री के विवादित बयान पर भड़के सफाई कर्मचारी, सड़कों पर उतरे, जोरदार नारेबाजी के साथ पुतला जलाया, प्रधानमंत्री से संसद सदस्यता रद्द करने की मांग

काशीपुर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के विवादित बयान को लेकर काशीपुर में सफाई कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा। दलित अधिकारी के खिलाफ अपशब्दों के प्रयोग के विरोध में सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम से महाराणा प्रताप चौक तक विशाल प्रदर्शन किया और चौक पर रावत का पुतला दहन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के काशीपुर महानगर अध्यक्ष सुमित सौदा, उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ शाखा काशीपुर के अध्यक्ष अजय कुमार और डॉ. भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समाज समिति के संरक्षक महिलाल गौतम ने किया।

मंगलवार को सुबह बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी नगर निगम काशीपुर में एकत्र हुए। आक्रोशित कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए महाराणा प्रताप चौक तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जमकर नारे लगाए और उनके बयान को दलित समाज का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि दलित अधिकारी के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सफाई कर्मचारियों ने महाराणा प्रताप चौक पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया और मांग की कि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पद से इस्तीफा दें। कर्मचारियों का कहना था कि जिस तरह से उत्तराखंड के एक मंत्री को पर्वतीय समाज पर विवादित टिप्पणी के बाद इस्तीफा देना पड़ा था, उसी तरह त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए और सांसद पद से इस्तीफा देना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन के बाद सफाई कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम उप जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इसमें मांग की गई कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दलित अधिकारी के प्रति दिए गए अमर्यादित बयान पर सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी संसद सदस्यता समाप्त की जाए। सफाई कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अंबेडकर जयंती जैसे पवित्र महापर्व के निकट इस तरह का बयान देना पूरे दलित समाज का अपमान है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे उत्तराखंड में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि समाज के किसी भी वर्ग के प्रति अपमानजनक भाषा का उपयोग अस्वीकार्य है और ऐसे नेताओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की भाषा का प्रयोग न करे।

देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ शाखा काशीपुर के महानगर अध्यक्ष सुमित सौदा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा अनुसूचित जाति के एक वरिष्ठ अधिकारी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया जाना अत्यंत निंदनीय है। यह केवल एक अधिकारी का नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर जयंती जैसे महत्वपूर्ण पर्व से पहले इस तरह की अमर्यादित भाषा का उपयोग करके त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। यह अस्वीकार्य है और हम इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार इस पर उचित कार्रवाई नहीं करती, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा सरकार दलित विरोधी मानसिकता रखती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि जिस तरह पर्वतीय समाज पर टिप्पणी करने वाले मंत्री से इस्तीफा लिया गया था, उसी प्रकार त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी अपने पद से हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

डॉ. भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समाज समिति के संरक्षक महिलाल गौतम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का दलित अधिकारी के प्रति दिया गया अपमानजनक बयान न केवल उस अधिकारी का, बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने इस देश में समानता और न्याय का जो सपना देखा था, उसे ऐसे जातिवादी मानसिकता के लोग कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर जयंती के अवसर पर दलित समाज और पिछड़े वर्गों का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसे नेता अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर समाज में भेदभाव को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है और इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। महिलाल गौतम ने सरकार से मांग की कि जैसे पूर्व में उत्तराखंड के एक मंत्री को उनके विवादित बयान के चलते इस्तीफा देना पड़ा था, उसी तरह त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पद से हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा।

देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ शाखा काशीपुर के महासचिव राजीव कुमार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा वरिष्ठ दलित अधिकारी के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। यह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी समाज हमेशा से अपने कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक पालन करता आ रहा है, लेकिन जब समाज के उच्च पदों पर बैठे लोग इस तरह की जातिवादी मानसिकता दिखाते हैं, तो यह हमारे आत्मसम्मान और अस्तित्व पर चोट पहुंचाने जैसा है। उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर जयंती जैसे महत्वपूर्ण पर्व के समय इस तरह का बयान देना यह दर्शाता है कि कुछ लोग अब भी जातिगत भेदभाव की मानसिकता से ग्रस्त हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माफी नहीं मांगी और सरकार ने उनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की, तो सफाई कर्मचारी संघ बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा, जो पूरे उत्तराखंड में फैलेगा। संघ पीछे हटने वाला नहीं है!

इस प्रदर्शन में देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ शाखा काशीपुर के प्रदेश सचिव जितेंद्र देवांतक, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय कुमार, उपाध्यक्ष रिंकू कुमार, रामावतार पंडित, अमित टांक, अर्जुन कुमार, अरुण कुमार, विपिन कुमार, सुदेश कुमार, हरिओम साहू, महेश, पंकज सौदा, अंशु कुमार, हर्ष, विनोद कुमार, रितिक कुमार और जाटव समाज के शंकर सिंह, हर गुलाल गौतम, किशोर कुमार, प्रदीप कुमार, शुभम कुमार और नरेंद्र सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

सफाई कर्मचारी संगठनों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विवादित बयान पर माफी नहीं मांगी, तो आंदोलन और तेज होगा। यह विरोध केवल काशीपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे पूरे उत्तराखंड में व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा। संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो सफाई कर्मचारी संघ राज्यव्यापी आंदोलन करेगा, जिसमें हजारों लोग सड़कों पर उतरेंगे।उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग अस्वीकार्य है और सरकार को ऐसे नेताओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की टिप्पणी करने का साहस न करे। सफाई कर्मचारी संघ ने मांग की कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को सांसद पद से बर्खास्त किया जाए, ताकि समाज में समानता और सम्मान की भावना बनी रहे।

इस प्रदर्शन के बाद उत्तराखंड के राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान की निंदा की है और इसे भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता करार दिया है। हालांकि, भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि उत्तराखंड में राजनीतिक तापमान चढ़ता जा रहा है और यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा इस पर क्या रुख अपनाती है और त्रिवेंद्र सिंह रावत क्या स्पष्टीकरण देते हैं।

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