काशीपुर। उत्तराखंड के काशीपुर विधानसभा क्षेत्र ने बीते तीन वर्षों में जो विकास यात्रा तय की है, वह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए एक आदर्श उदाहरण बन चुकी है। इस परिवर्तन की पटकथा लिखने वाले विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने अपने कार्यकाल के दौरान न सिर्फ धरातल पर योजनाओं को मूर्त रूप दिया, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और समर्पण के साथ क्षेत्र की जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा। वर्ष 2022 से शुरू हुई यह विकास यात्रा आज इतने व्यापक स्तर पर पहुंच चुकी है कि काशीपुर की गिनती राज्य के प्रगतिशील शहरों में होने लगी है। इन वर्षों में आधारभूत संरचना से लेकर सामाजिक सुविधाओं तक, हर क्षेत्र में परिवर्तन स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। शहर की सड़कों से लेकर सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण संरक्षण जैसे तमाम मोर्चों पर जो कार्य हुए हैं, वे यह दर्शाते हैं कि परिवर्तन केवल वादों से नहीं, काम से आता है।
वर्ष 2022-23 की बात करें तो यह समय सड़कों के सशक्त नेटवर्क की नींव रखने का काल रहा। क्षेत्र में 22 प्रमुख मार्गों का निर्माण कराया गया जिस पर कुल 362 लाख रुपये की लागत आई। यही नहीं, राज्य सेक्टर से प्राप्त मंजूरी के तहत 7 और महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण कार्य भी पूरे किए गए जिनमें लगभग 3.80 करोड़ रुपये की राशि व्यय हुई। क्षेत्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पुलिस विभाग को 5 लाख रुपये की लागत से आवश्यक संसाधनों की पूर्ति कराई गई, जिससे कानून व्यवस्था को नई मजबूती मिली। अम्बेडकर पार्क में 50 लाख की लागत से सुरक्षा दीवार का निर्माण हुआ, जिससे स्थानीय निवासियों को न सिर्फ संरक्षा मिली बल्कि शहरी सौंदर्यीकरण को भी नया रूप मिला। इस दौर में विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने यह संकेत दे दिया था कि वे केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि परिणाम देने में विश्वास रखते हैं।
वर्ष 2023-24 के दौरान काशीपुर के विकास ने और रफ्तार पकड़ी। इस अवधि में क्षेत्र में 39 नई सड़कों का निर्माण कराया गया, जिन पर 479.50 लाख रुपये का बजट व्यय किया गया। इसके अलावा, राज्य सेक्टर से 11 मार्गों के लिए 7.15 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त की गई। पुलिस विभाग को फिर से 4 लाख रुपये की धनराशि से सशक्त किया गया। ग्रामीण विकास की दिशा में भी ठोस कदम उठाए गए, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्राम सितारगंज पूर में पक्की सड़कों के निर्माण के लिए 2.5 लाख रुपये की विशेष स्वीकृति प्रदान की गई। इसने ग्रामीण क्षेत्रों को भी शहर जैसी आधारभूत सुविधाओं से जोड़ा, जिससे वहां के लोगों को आवागमन की समस्या से राहत मिली। त्रिलोक सिंह चीमा की यही सोच रही है कि विकास केवल शहरी सीमाओं तक न सिमटे, बल्कि हर घर, हर गली, हर गांव तक पहुंचे।
अब नजर डालें वर्ष 2024-25 पर तो यह समय काशीपुर को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारियों का काल है। आगामी योजनाओं के तहत क्षेत्र में 14 नई सड़कों को 233 लाख रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा, वहीं राज्य सेक्टर के माध्यम से 13 और मार्गों को 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे अंडरपास की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। रेलवे रोड कटिंग क्षेत्र में अंडरपास निर्माण को रेलवे विभाग की स्वीकृति मिल चुकी है, और एलसी गेट 143 पर अंडरब्रिज के लिए प्रशासनिक स्वीकृति के रूप में 25 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त श्रीरामपुर रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर निर्माण की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो आने वाले समय में ट्रैफिक जाम की समस्या को काफी हद तक समाप्त कर देगा।
इसी क्रम में युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य और खेल विकास को केंद्र में रखते हुए क्षेत्र में स्पोर्ट्स हेल्थ सेंटर की स्थापना की योजना बनाई गई है, जिसे शासन स्तर से हरी झंडी मिल चुकी है। इसके अलावा, काशीपुर शहर में सुरक्षा को तकनीकी आधार देने के लिए हाई मास्ट लाइटिंग, सीसीटीवी कैमरे और स्मार्ट निगरानी तंत्र की स्थापना की परियोजना पर भी कार्य शुरू किया गया है। हरित वातावरण को बढ़ावा देने हेतु एक कम्पोजिट ग्रीन पार्क के निर्माण की योजना को स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिस पर 28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह पार्क बच्चों, बुजुर्गों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनकर उभरेगा। साथ ही मुरादाबाद रोड से रामनगर रोड तक प्रस्तावित बायपास का कार्य भी शासन की स्वीकृति के साथ 28 करोड़ रुपये की लागत में कराया जाएगा, जिससे शहर के भीतर यातायात का बोझ कम होगा और यात्रियों को सुगमता मिलेगी।
त्रिलोक सिंह चीमा मानते हैं कि जनता का अटूट विश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। उनका कहना है कि काशीपुर को उत्तराखंड की एक आदर्श विधानसभा के रूप में स्थापित करना ही उनका संकल्प है और इस दिशा में आने वाले दो वर्षों में और तीव्र गति से कार्य किए जाएंगे। वे स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवीन योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका साफ कहना है कि यह सफलता अकेले संभव नहीं, बल्कि यह सरकार, प्रशासन और जनता की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है। उनका नेतृत्व सिर्फ योजनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि एक स्पष्ट दृष्टिकोण और दूरदर्शिता से प्रेरित है।
त्रिलोक सिंह चीमा का कहना है कि यदि विकास की वर्तमान गति इसी प्रकार बनी रही और योजनाएं पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतरती रहीं, तो वह दिन दूर नहीं जब काशीपुर न केवल उत्तराखंड की बल्कि पूरे देश की अग्रणी विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि विकास केवल बजट या घोषणाओं से नहीं होता, इसके लिए जनप्रतिनिधि के पास ईमानदारी, जमीनी हकीकत की समझ और जनसेवा का संकल्प होना चाहिए। जब नेतृत्व नीयत और नीति दोनों में साफ हो, तो परिणाम अपने आप सामने आने लगते हैं। काशीपुर इसका उदाहरण बन चुका है। उनका मानना है कि क्षेत्र की जनता ने जो भरोसा जताया है, वही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है। त्रिलोक सिंह चीमा ने यह केवल कहकर नहीं, बल्कि तीन वर्षों की मेहनत और दर्जनों सफल परियोजनाओं से इसे साबित करके दिखाया है कि बदलाव वास्तव में संभव है।
विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने सहर प्रजातंत्र से विशेष बातचीत के दौरान अपने तीन वर्षों के कार्यकाल और आगामी विकास योजनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उन्होंने हमेशा योजनाबद्ध और धरातली कार्यशैली अपनाई है। उनका लक्ष्य केवल सड़कें बनाना या भवन खड़े करना नहीं, बल्कि क्षेत्र की सोच, जीवनशैली और सुविधाओं को एक नए स्तर पर ले जाना है। उन्होंने बताया कि चाहे शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण इलाका, हर जगह पर समान रूप से ध्यान दिया गया है। चीमा ने यह भी कहा कि जो योजनाएं शुरू की गई हैं, वे आने वाले वर्षों में काशीपुर की तस्वीर ही बदल देंगी। रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर, स्मार्ट लाइटिंग, ग्रीन पार्क और स्पोर्ट्स हेल्थ सेंटर जैसी परियोजनाएं जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह सब जनता के विश्वास और राज्य सरकार के सहयोग से संभव हो पाया है। आने वाले समय में और अधिक विकास योजनाएं लागू की जाएंगी।