काशीपुर। चिकित्सा के क्षेत्र में काशीपुर का नाम एक बार फिर रोशन हुआ है। शहर के प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. रजनीश को दिल्ली के प्रतिष्ठित होटल ताज में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय होम्योपैथिक समिट में ‘डॉ. बर्नेट होम्योपैथी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। इस प्रतिष्ठित आयोजन में देश की जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं, जिन्होंने डॉ. रजनीश की उपलब्धि की सराहना की और होम्योपैथी चिकित्सा में उनके योगदान को ऐतिहासिक बताया। यह अवॉर्ड उन्हें होम्योपैथी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान और मरीजों के प्रति समर्पण के लिए दिया गया, जिसने उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।
दिल्ली में आयोजित इस भव्य आयोजन में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अश्विनी कुमार चौबे, सांसद मनोज तिवारी, सांसद राजेश वर्मा, सांसद अरुण, प्रसिद्ध अभिनेता आशिष विद्यार्थी, अभिनेत्री मंदिरा बेदी, आईपीएस अधिकारी सुनील झा सहित कई नामचीन हस्तियां मौजूद थीं। इस समारोह की भव्यता और डॉ. रजनीश को मिले सम्मान ने काशीपुर के चिकित्सा क्षेत्र को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।

होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले डॉ. रजनीश को जब अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण बन गया। दिल्ली के होटल ताज में आयोजित यह ‘अंतर्राष्ट्रीय होम्योपैथिक समिट’ देशभर के जाने-माने होम्योपैथिक चिकित्सकों और विशेषज्ञों का संगम था। यह समिट डॉ. नितीश चंद्र दुबे द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें देश-विदेश से कई नामचीन डॉक्टर और विशेषज्ञ शामिल हुए। समिट का उद्देश्य होम्योपैथी चिकित्सा को नई ऊंचाइयों तक ले जाना और इसके क्षेत्र में किए जा रहे शोध व विकास कार्यों पर चर्चा करना था। इसी मंच पर डॉ. रजनीश को उनके अद्वितीय योगदान के लिए ‘डॉ. बर्नेट होम्योपैथी अवॉर्ड’ से नवाजा गया। जब मंच से उनके नाम की घोषणा हुई, तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।

सम्मान मिलने के बाद डॉ. रजनीश ने कहा कि यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी मरीजों का है, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया। होम्योपैथी एक विज्ञान है, जो शरीर को संपूर्ण रूप से ठीक करने में सक्षम है। मैं इस चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा समर्पित रहूंगा। डॉ. रजनीश का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में वर्षों तक कड़ी मेहनत की और मरीजों को बेहतरीन इलाज देने के लिए समर्पित रहे। उनका मानना है कि होम्योपैथी को अब दुनिया भर में मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार किया जा रहा है, और यह चिकित्सा पद्धति न केवल रोगों को जड़ से खत्म करती है, बल्कि शरीर की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती है।

सम्मेलन में मौजूद अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी होम्योपैथी चिकित्सा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि आने वाले वर्षों में यह चिकित्सा प्रणाली स्वास्थ्य जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इस समिट में दुनियाभर के डॉक्टरों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे होम्योपैथी का सही उपयोग लाखों लोगों की जिंदगी बदल सकता है। इस प्रतिष्ठित समारोह में राजनीति, मनोरंजन और प्रशासन से जुड़ी कई जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद थीं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में होम्योपैथी चिकित्सा का भविष्य उज्ज्वल है और सरकार भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए, और इस दिशा में डॉ. रजनीश जैसे चिकित्सक सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
वहीं, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि होम्योपैथी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और इस क्षेत्र में नवाचारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे पुरस्कार न केवल डॉक्टरों को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि मरीजों को भी यह भरोसा दिलाते हैं कि वे एक सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा पद्धति को अपना रहे हैं। सांसद मनोज तिवारी, जो खुद भी स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में रुचि रखते हैं, उन्होंने कहा कि होम्योपैथी का प्रभावी उपयोग कई गंभीर बीमारियों का इलाज कर सकता है। उन्होंने डॉ. रजनीश को बधाई देते हुए कहा किकाशीपुर जैसे छोटे शहर से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना आसान नहीं होता। डॉ. रजनीश ने यह कर दिखाया, और यह पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है।
सम्मान मिलने के बाद जब डॉ. रजनीश से उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि होम्योपैथी को और अधिक वैज्ञानिक और प्रमाणित बनाया जाए। उन्होंने बताया कि वे निकट भविष्य में होम्योपैथी पर एक रिसर्च सेंटर स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जहां नए शोध और अनुसंधान कार्य किए जाएंगे। उनका कहना है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ होम्योपैथी को जोड़कर मरीजों को अधिक प्रभावी इलाज दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि लोग होम्योपैथी को एक सटीक और वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार करें और इसका अधिकतम लाभ उठाएं।
डॉ. रजनीश की इस उपलब्धि ने काशीपुर को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। इस सम्मान के बाद स्थानीय लोगों में भी उत्साह देखा जा रहा है। उनके मरीजों और सहयोगियों ने इस सफलता पर उन्हें बधाई दी और कहा कि यह काशीपुर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। इस उपलब्धि के साथ ही डॉ. रजनीश ने यह साबित कर दिया है कि अगर मेहनत और लगन से अपने क्षेत्र में योगदान दिया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। उनकी यह कामयाबी होम्योपैथी चिकित्सा जगत में एक नई रोशनी लेकर आई है और भविष्य में इससे हजारों मरीजों को लाभ मिलेगा। क्या आप भी होम्योपैथी चिकित्सा का लाभ उठाना चाहेंगे? यह सवाल अब समाज में गूंजने लगा है, और इस बदलाव की शुरुआत काशीपुर के डॉ. रजनीश ने कर दी है!