रामनगर। उत्तराखंड का विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण रोमांचक सफारी नहीं, बल्कि बढ़े हुए सफारी शुल्क हैं। पर्यटकों को अब जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा क्योंकि पार्क प्रशासन ने जिप्सी किराए में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। 1 अप्रैल से लागू होने वाली नई दरों के अनुसार, डे सफारी और नाइट स्टे प्लस डे सफारी दोनों के लिए शुल्क बढ़ा दिए गए हैं।
जंगल सफारी के बढ़े हुए किरायों से जिप्सी मालिकों में जबरदस्त उत्साह है। पार्क प्रशासन का कहना है कि मेंटेनेंस लागत और बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। लंबे समय से जिप्सी संचालक किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे, क्योंकि डीजल की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ वाहनों की देखभाल और अन्य खर्च भी बढ़ते जा रहे थे। आखिरकार, उनकी इस मांग को मान लिया गया है, जिससे वे अब बेहतर सेवाएं देने में सक्षम होंगे।
अगर नए किरायों की बात करें तो डे सफारी के लिए अब बिजरानी जोन का किराया 2500 से बढ़ाकर 2700 रुपये कर दिया गया है, जबकि झिरना, ढेला, दुर्गादेवी और गर्जिया जोन के लिए 2800 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। नाइट स्टे प्लस डे सफारी की बात करें तो ढिकाला जोन में 1 रात ठहरने का शुल्क 6000 से बढ़ाकर 7250 रुपये कर दिया गया है, जबकि 2 रातों के लिए 8700 से 10,250 रुपये और 3 रातों के लिए 11,200 से 13,250 रुपये तक कर दिया गया है। गैरल, सुल्तान और सर्पदुली जोन में 1 रात का किराया 6500 से बढ़ाकर 7750 रुपये, 2 रातों का किराया 9300 से बढ़ाकर 10,750 रुपये और 3 रातों का किराया 11,800 से बढ़ाकर 13,750 रुपये कर दिया गया है। बिजरानी जोन के लिए 1 रात का शुल्क 4700 से बढ़ाकर 5750 रुपये, 2 रातों का शुल्क 6800 से 8250 रुपये और 3 रातों का शुल्क 9300 से बढ़ाकर 10,750 रुपये कर दिया गया है। झिरना और ढेला जोन में 1 रात के लिए 5000 से 5750 रुपये, 2 रातों के लिए 7500 से 8250 रुपये और 3 रातों के लिए 9300 से 10,750 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, मलानी जोन के लिए 1 रात का किराया 5600 से बढ़ाकर 6750 रुपये, 2 रातों के लिए 8100 से 9250 रुपये और 3 रातों के लिए 9900 से 11,750 रुपये कर दिया गया है।
रामनगर स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां घने जंगलों में बाघों की उच्च घनत्व वाली आबादी है, जिससे यह वन्यजीव प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों के लिए एक स्वर्ग के समान है। पर्यटक यहां वन्यजीवों को नजदीक से देखने का आनंद लेते हैं और जंगल के अंदर बने विश्राम कक्षों में ठहरकर प्रकृति की गोद में रात बिताने का अनूठा अनुभव हासिल करते हैं।
डे सफारी का रोमांच अविस्मरणीय होता है। इस दौरान पर्यटक बाघ, हाथी, हिरण, मगरमच्छ और दुर्लभ पक्षियों को देखने का आनंद उठा सकते हैं। पर्यावरण प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह स्थान किसी सपने से कम नहीं है। पार्क प्रशासन पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क रहता है और वन्यजीव संरक्षण के लिए भी गंभीरता से काम करता है। अगर आप प्रकृति की खूबसूरती के साथ रोमांच का अनुभव लेना चाहते हैं, तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकता है।
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने बढ़ी हुई दरों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता हमेशा से ही पर्यटकों को सुरक्षित, सुविधाजनक और रोमांचक सफारी अनुभव प्रदान करना रही है। सफारी संचालन से जुड़े जिप्सी मालिक और गाइड्स लंबे समय से किराया वृद्धि की मांग कर रहे थे, क्योंकि मेंटेनेंस लागत, ईंधन की बढ़ती कीमतें और अन्य परिचालन खर्चों में लगातार इजाफा हो रहा था। हमने उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए यह संशोधन किया है, जिससे वे बेहतर सेवाएं दे सकें और पर्यटकों को एक उच्च स्तरीय अनुभव मिल सके।
उन्होंने आगे कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन का एक आदर्श उदाहरण है। हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं, और हमारा प्रयास है कि उन्हें बेजोड़ अनुभव दिया जाए। बढ़ी हुई दरों से सफारी संचालन में सुधार होगा, जिससे पर्यटकों को और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, पार्क का रखरखाव और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी हमारे लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इस फैसले से पार्क प्रशासन को भी मदद मिलेगी, ताकि संरक्षित वन क्षेत्र का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।”
डॉ. साकेत बडोला ने पर्यटकों से अपील की कि वे नई दरों को सकारात्मक रूप से स्वीकार करें, क्योंकि इससे न केवल सफारी सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई दरों से पार्क प्रशासन को संरक्षित वन क्षेत्रों का बेहतर प्रबंधन करने में सहायता मिलेगी, जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यटकों की सुविधाओं में वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी जोर दिया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की जैव विविधता अमूल्य है और इसे संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। पर्यटकों के सहयोग से वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी इस अद्भुत जंगल और वन्यजीवों के रोमांच को करीब से महसूस कर सकेंगी।