spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeउत्तराखंडजलभराव से स्थायी राहत की ओर तेज़ी से बढ़ता नगर निगम का...

जलभराव से स्थायी राहत की ओर तेज़ी से बढ़ता नगर निगम का सफाई मिशन

नगर निगम की जोरदार कार्रवाई, वर्षों पुराने नालों की गहराई से सफाई कर अतिक्रमण हटाकर जलजमाव से मुक्ति की तैयारी तेज।

काशीपुर। बारिश से पहले जलभराव की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए नगर निगम पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। नगर की प्रमुख नालियों और जल निकासी मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त कर उनकी गहराई से सफाई की जा रही है। शहर के विकास और आम जनता को राहत देने की दिशा में महापौर दीपक बाली की सोच अब जमीन पर नजर आने लगी है। उनका वादा था कि आने वाले साल में काशीपुर को जलभराव से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा, और अब शहर के अनेक इलाकों में इसका असर भी दिखाई देने लगा है। मानसून के दस्तक देने से पहले निगम की टीम ने शहर के उन हिस्सों को चिन्हित कर लिया है जहां वर्षों से जलजमाव की समस्या रही है, और अब वहां तीव्र गति से सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

नगर निगम की ओर से चलाया जा रहा यह अभियान सिर्फ परंपरागत सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका फोकस जमीनी अतिक्रमण हटाने और लंबे समय से बंद पड़े नालों को फिर से कार्यशील बनाने पर है। वर्षों पुराने कचरे, मलवे और घरेलू कनेक्शनों ने नालों की दशा को जटिल बना दिया था, लेकिन अब नगर निगम की टीम इस चुनौती को पूरी ताकत से निपटा रही है। इस कार्य में न केवल नगर निगम की टीम बल्कि स्थानीय पार्षदों और नागरिकों की सहभागिता भी नजर आ रही है, जो इस शहर को बेहतर बनाने की दिशा में सकारात्मक संकेत है। जगह-जगह निगम की मशीनें और कर्मचारी नालों की खुदाई कर रहे हैं, जिनमें से कई में बीस से पच्चीस वर्षों का जमा मलवा निकल रहा है। यह दिखाता है कि वर्षों की उपेक्षा के बाद अब प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह जागरूक हो चुकी है।

इस पूरी प्रक्रिया में महापौर की सक्रिय भूमिका नगर वासियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। दीपक बाली स्वयं कार्यस्थलों पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे रहे हैं कि किसी भी स्थिति में जलभराव नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा है कि यह सिर्फ नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का भी कर्तव्य है कि वह अपने हिस्से का सहयोग दे और नालों में कचरा या गंदगी न फेंके। इस वर्ष की योजना यह सुनिश्चित करने की है कि आने वाली बरसात में काशीपुर का कोई भी हिस्सा जल में डूबा न दिखे। निगम के प्रयासों से अब वह लक्ष्य भी संभव प्रतीत होने लगा है जो कभी असंभव समझा जाता था।

शहर के कई इलाकों में देखा गया कि नालियों में सिर्फ मलवा ही नहीं, बल्कि लोगों ने अपने घरों की सिविल लाइन और समरसेबल की पाइपलाइन भी जोड़ दी थी। यह स्थिति न केवल नालियों के अवरुद्ध होने का कारण बनी बल्कि इससे घरों के सिस्टम भी टूट-फूट का शिकार हो गए। मनोज सिंह बिष्ट ने बताया कि अब उन नागरिकों को चेताया जा रहा है कि वे इस प्रकार की अनधिकृत जोड़-तोड़ बंद करें और अपने घरों में व्यक्तिगत सेप्टिक टैंक स्थापित करें। इसके साथ ही नगर निगम स्वयं भी क्षतिग्रस्त पाईप लाइनों की मरम्मत कर उन्हें फिर से सुव्यवस्थित कर रहा है।

कुल मिलाकर काशीपुर में नगर निगम का यह जलभराव विरोधी अभियान अब सिर्फ एक औपचारिक कवायद नहीं बल्कि शहर के भविष्य को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की ठोस योजना बन चुका है। नागरिकों को भी अब यह एहसास होने लगा है कि अगर वे प्रशासन का साथ दें तो कई वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्वच्छ और व्यवस्थित उत्तराखंड के संकल्प को मूर्त रूप देने में काशीपुर नगर निगम का यह प्रयास एक अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरा है। प्रशासन, नागरिक और जनप्रतिनिधियों का यह सामूहिक प्रयास काशीपुर को जलभराव से मुक्ति दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

काशीपुर को जलभराव मुक्त करने की दिशा में नगर निगम पूरी संजीदगी और प्रतिबद्धता के साथ जुटा है,ये कहना है सेनेटरी इंस्पेक्टर मनोज सिंह बिष्ट का, जिन्होंने आज मीडिया से बातचीत के दौरान नगर निगम की जमीनी कार्यप्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्षों की उपेक्षा और अतिक्रमण के चलते जिन नालियों की दशा बदहाल हो चुकी थी, अब उनकी सफाई वृद्ध स्तर पर की जा रही है। मनोज सिंह बिष्ट ने बताया कि कुछ नालों की स्थिति ऐसी थी जहां बीस से पच्चीस वर्षों से सफाई नहीं हुई थी, लेकिन अब निगम द्वारा ऐसे तमाम जटिल स्थलों पर भारी मशीनों और जनशक्ति के साथ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां अतिक्रमण पाया गया, वहां पहले चरण में लोगों को चेताया गया कि वे स्वेच्छा से निर्माण हटाएं, लेकिन जहां चेतावनी के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटा, वहां नगर निगम द्वारा सख्त कदम उठाते हुए खुद कार्यवाही की गई। मेयर दीपक बाली के स्पष्ट निर्देश हैं कि नालियों से अतिक्रमण पूरी तरह हटाया जाए और तभी सफाई की जाए ताकि यह काम केवल कागजों में नहीं, धरातल पर दिखाई दे।

मनोज सिंह बिष्ट ने आगे बताया कि वर्षों की गंदगी के साथ-साथ कई लोगों ने सीवरेज लाइन और समरसेबल पाइप भी नालियों से जोड़ रखी थी, जिससे पूरी निकासी व्यवस्था चरमरा गई थी। यही नहीं, इन जोड़-तोड़ के कारण न केवल नालियां अवरुद्ध हुईं, बल्कि कई घरों की पाइपलाइनें भी फटने लगीं। अब निगम उन्हें यथास्थिति में लाने के साथ-साथ लोगों से अनुरोध कर रहा है कि वे सेप्टिक टैंक बनवाएं और सार्वजनिक नालियों का दुरुपयोग बंद करें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्वच्छ उत्तराखंड के विज़न के अनुरूप ही नगर निगम कार्य कर रहा है और यह बदलाव केवल औपचारिक नहीं, बल्कि शहर की दशा और दिशा दोनों बदलने वाला साबित होगा।

वार्ड 10 के पार्षद पति ने सफाई अभियान के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं सबसे पहले हमारे महापौर श्री दीपक बाली जी का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमारे द्वारा किए गए आवेदन पर त्वरित संज्ञान लेते हुए इस नाले की सफाई के लिए कार्रवाई प्रारंभ करवाई। यह कार्य नगर निगम की सक्रियता और जनप्रतिनिधियों की तत्परता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों द्वारा शुरू में इस कार्य में आपत्ति जताई गई थी, लेकिन उन्हें शांतिपूर्वक समझाया गया और अब वे भी इस प्रयास में हमारा साथ दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से नगर निगम इस बार साफ-सफाई के काम को बेहद व्यवस्थित और गंभीरता से अंजाम दे रहा है, उससे स्पष्ट है कि इस मानसून में जलभराव की समस्या से स्थायी निजात मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मेयर दीपक बाली की जो स्पष्ट और कड़े दिशा-निर्देश मिले हैं, वे न केवल प्रभावी हैं, बल्कि प्रत्येक वार्ड में समान रूप से लागू किए जा रहे हैं। वार्ड 10 के पार्षद पति ने यह भी जोड़ा कि उनके क्षेत्र में अब तक की गई सफाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि निगम, जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग एकजुट होकर कार्य करें, तो वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान भी संभव है। आने वाले समय में यहां जलभराव की कोई समस्या नहीं रहेगी और उनका वार्ड पूरी तरह स्वच्छ, व्यवस्थित और जलभराव मुक्त रहेगा।

वार्ड 10 में चल रहे सफाई अभियान को लेकर स्थानीय निवासियों में विशेष उत्साह और संतोष का माहौल देखा गया। वार्डवासी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “मैं पिछले बीस वर्षों से इसी इलाके में रह रहा हूं और मेरी उम्र अब सत्ताईस साल हो चुकी है। मेरी दुकान स्टेडियम के ठीक सामने है और मैं पहली बार देख रहा हूं कि यहां की नालियों की इतनी गहन सफाई हो रही है। वर्षों से जलभराव की जो समस्या थी, उसका समाधान अब धरातल पर होता नजर आ रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “महापौर दीपक बाली जी और वार्ड नंबर 10 की पार्षद अंजना के नेतृत्व में जिस प्रकार से यह कार्य हो रहा है, वह वास्तव में प्रशंसनीय है। उनके पति स्वयं क्षेत्र में खड़े होकर कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और सफाई का काम बेहद तेज गति से हो रहा है। पहले कई बार शिकायतें करने के बाद भी नालियों की दशा जस की तस बनी रहती थी, लेकिन इस बार वास्तव में बदलाव दिख रहा है।”

एक अन्य वार्डवासी ने कहा, “इस बार की कार्यप्रणाली में जो फर्क है, वह साफ दिखाई दे रहा है। पहले जहां पानी सड़कों पर भर जाया करता था, वहीं अब उम्मीद है कि जलभराव की समस्या से पूरी तरह छुटकारा मिलेगा। जिस तरह से नगर निगम ने सफाई का जिम्मा उठाया है, वह सराहनीय है। हमें आशा है कि यह गति और व्यवस्था आगे भी बनी रहेगी।”

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!