काशीपुर। काशीपुर के जसपुर खुर्द इलाके में एक भूमि विवाद ने शुक्रवार की रात हिंसा का रूप ले लिया, जिससे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया। ‘होटल डी आनंद’ के पीछे स्थित जमीन पर बोरिंग कार्य चल रहा था, तभी अचानक लगभग चार से पांच सौ की संख्या में उग्र भीड़ ने वहां मौजूद प्रतिष्ठित व्यापारी उदित अग्रवाल और उनके परिवार पर हमला बोल दिया। उदित अग्रवाल ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ 23 मई की रात करीब 9:30 बजे जमीन पर थे, तभी अचानक भारी भीड़ ने उन पर घातक रूप से हमला करने की धमकी दी और जमीन से हटने को कहा। भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने निर्माण कार्य को रोकने के साथ-साथ होटल की दीवार को गिराने का भी प्रयास किया। इस दौरान महिलाओं के साथ अभद्रता और पूरे परिवार को डराने-धमकाने की घटनाएं भी सामने आईं, जिससे माहौल बेहद खराब हो गया।
पीड़ित उदित अग्रवाल ने पुलिस को लिखित शिकायत में बताया कि हमलावरों में अली हसन, नूर हसन, वाजिद, आरिफ हुसैन, वसीम, जी हसन, असीम, गुलफिकार, रियाज, गुलाम, आदिल, नजाकत उर्फ बंटी, शेर अली सहित कई अन्य लोग शामिल थे, जिन्होंने न केवल अवैध कब्जे की कोशिश की बल्कि हिंसक व्यवहार से पूरी स्थिति को बिगाड़ दिया। उदित का आरोप है कि यह मामला केवल जमीन विवाद तक सीमित नहीं है बल्कि इसे साम्प्रदायिक रंग देने की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने प्रशासन और पुलिस से तुरंत सुरक्षा प्रदान करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की, अन्यथा हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
शुक्रवार रात की इस घटना के बाद शनिवार को काशीपुर के व्यापारी वर्ग में भारी आक्रोश देखा गया। सभी प्रमुख व्यापारिक संगठन, गणमान्य नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट होकर नगर निगम कार्यालय पहुंचे और महापौर दीपक बाली से मिलकर इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। व्यापारियों ने इस प्रकार की हिंसक घटनाओं को लेकर अपनी चिंता जाहिर की और प्रशासन से अपेक्षा जताई कि वह व्यापारिक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे। महापौर दीपक बाली ने भी इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि काशीपुर में इस तरह के गैरकानूनी और हिंसक कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अपील की कि दोषियों की जल्द पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए ताकि शहर में शांति और व्यवस्था बनी रहे।
उदित अग्रवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि उनकी जमीन पर लगातार अवैध कब्जा करने की कोशिश हो रही है, जिसका विरोध वे वर्षों से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन की सुस्ती के कारण इस तरह के हालात उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे न केवल उनका परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। उदित ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की, तो इससे न केवल उनकी संपत्ति बल्कि काशीपुर की शांति और सामाजिक सौहार्द्र भी प्रभावित होगा। उनकी अपील है कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्षता और त्वरित कदम उठाए, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना को टाला जा सके।
पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में देरी होने से आम लोगों में असंतोष व्याप्त है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन फिलहाल तनावपूर्ण माहौल को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। इलाके में फिलहाल शांति बनी हुई है, लेकिन घटना के पीछे छुपे विवाद और सामाजिक-साम्प्रदायिक तनाव की आशंका को लेकर लोग चिंता में हैं। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन पीड़ित व्यापारी परिवार को सुरक्षा और न्याय दिलाने में कितना सक्षम साबित होता है और क्या इस गंभीर विवाद का समाधान जल्द ही हो पाता है। इस बीच, क्षेत्रीय जनता और व्यापारी समुदाय प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है ताकि काशीपुर में फिर से ऐसी हिंसक घटनाएं न हों।