रामनगर। वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक रोमांचक खबर है, लेकिन इसके साथ ही जेब पर अतिरिक्त बोझ भी बढ़ने वाला है। अगर आप जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी का आनंद लेना चाहते हैं, तो अब आपको पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। पार्क प्रशासन ने बढ़ती मांग और जिप्सी संचालकों की अपील पर सफारी शुल्क में वृद्धि कर दी है। इससे अब सफारी का रोमांच महंगा हो गया है।
बिजरानी जोन में सफारी शुल्क को 2500 रुपये से बढ़ाकर 2700 रुपये कर दिया गया है। वहीं, झिरना, ढेला, दुर्गादेवी और गिरिजा जोनों में सफारी के लिए अब 3000 रुपये चुकाने होंगे, जो पहले 2800 रुपये था। हालांकि, ढिकाला जोन के शुल्क को लेकर कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है। यह बदलाव 1 अप्रैल से प्रभावी होगा, और इसकी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपडेट कर दी गई है।
कार्बेट नेशनल पार्क के भीतर सफारी सेवा के लिए कुल 383 जिप्सियां पंजीकृत हैं। जिप्सी मालिकों और सफारी संचालकों का कहना है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों और वाहन रखरखाव के बढ़ते खर्च को देखते हुए वे लंबे समय से शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अब जब यह फैसला लागू हो गया है, तो पर्यटकों को सफारी के लिए ज्यादा भुगतान करना होगा।
गर्मी की छुट्टियों में जंगल की सैर करने का प्लान बना रहे पर्यटकों को अब अपने बजट में थोड़ा इजाफा करना पड़ेगा। हालांकि, प्रकृति प्रेमियों के लिए बाघों और अन्य दुर्लभ वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना किसी भी कीमत पर एक अनमोल अनुभव है। कार्बेट पार्क हमेशा से एडवेंचर और रोमांच प्रेमियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है, और यह नया शुल्क भी इसकी लोकप्रियता को कम नहीं कर पाएगा।
पर्यटन से जुड़े स्थानीय व्यवसायियों को भी इस शुल्क वृद्धि से राहत मिली है। उनका कहना है कि पार्क की बढ़ती लोकप्रियता के चलते पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिससे होटल व्यवसाय, स्थानीय गाइड और अन्य पर्यटन सेवाओं से जुड़े लोगों को भी फायदा होगा। अब देखना यह होगा कि बढ़े हुए शुल्क के बावजूद पर्यटक कार्बेट पार्क का उतना ही उत्साह से रुख करते हैं या नहीं।