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छात्रों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान उद्यमिता के व्यावहारिक पहलुओं को सीखा और समझा

महाविद्यालय में उद्यमिता विकास कार्यक्रम ने छात्रों को क्षेत्र भ्रमण से सिखाए व्यवसाय के गुर

रामनगर(एस पी न्यूज़)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चल रहे 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को एक अनोखा अवसर मिला जब उन्होंने क्षेत्र भ्रमण के जरिए उद्यमिता के जटिल पहलुओं को समझा और सीखा। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि व्यावसायिक दुनिया के साथ जुड़ने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम. सी. पाण्डे ने क्षेत्रीय भ्रमण का शुभारंभ करते हुए विद्यार्थियों को हरी झंडी दिखायी और उन्हें इस अनुभव से अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। उनका कहना था कि इस भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को उद्यमिता के व्यावहारिक पक्ष से परिचित कराया जाएगा, जो उनकी भविष्य की सफलता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।

महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए यह क्षेत्र भ्रमण अत्यंत शिक्षाप्रद रहा। कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को परमार्थ रामनगर स्थित अरोमा गैलरी में ले जाया गया, जहां उन्होंने सेल्स मैनेजर गणेश उप्रेती और ट्रेनर उर्वशी तिवारी से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। इस दौरान छात्रों को इलेक्ट्रिक डिफ्यूजर, कैंडल डिफ्यूजर, एसेंशियल ऑयल डिफ्यूजर, रूम फ्रेशनर जैसे उत्पादों के निर्माण और विपणन के बारे में गहराई से बताया गया। इस गैलरी में उपलब्ध विभिन्न उत्पादों की विविधता और उनकी बाजार में मांग ने विद्यार्थियों को यह सिखाया कि कैसे एक छोटे से व्यवसाय को बड़ा बनाने के लिए नए और आकर्षक उत्पादों की आवश्यकता होती है।

इसके बाद, कार्यक्रम का अगला पड़ाव परमार्थ इंडस्ट्रीज ढेला रामनगर था, जहां बीना कठायत, मास्टर ट्रेनर, ने विद्यार्थियों को उद्योग की अंदरूनी गतिविधियों से अवगत कराया। बीना कठायत ने डिस्टलेशन तेल मशीन, आयल फिल्ट्रेशन मशीन, फिलिंग मशीन, और विभिन्न प्रकार के तेलों के बारे में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी। छात्रों को यह बताया गया कि किस प्रकार से लेमनग्रास, यूकेलिप्टस, मेंथा, सेंट्रोनीला, वेटाइवर, करी लीव्स, स्वीट क्लमूस, बेरी लीव्स जैसे औषधीय पौधों से तेल निकाले जाते हैं और कैसे इन तेलों का विभिन्न उत्पादों में उपयोग किया जा सकता है। इस ज्ञान ने विद्यार्थियों को उद्यमिता की जटिलताओं से अवगत कराया और उन्हें अपने व्यवसायिक विचारों को प्रैक्टिकल दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम. सी. पाण्डे ने इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर विद्यार्थियों के लिए बेहद फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र भ्रमण से विद्यार्थियों को न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से बल्कि व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उनका मानना है कि इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को व्यावसायिक और उद्यमिता के संदर्भ में प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त होगा, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर और सफल उद्यमी बन सकेंगे। साथ ही, इस भ्रमण ने विद्यार्थियों में यह विश्वास भी पैदा किया कि वे भी उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास सही मार्गदर्शन और मानसिकता हो।

योजना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर जगमोहन सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को केवल उद्यमिता के मूल सिद्धांतों के बारे में जानकारी देने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें वास्तविक दुनिया के व्यवसायिक माहौल से जोड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने भ्रमण कार्यक्रम में जिस उत्साह और समर्पण के साथ भाग लिया, वह इस बात का संकेत है कि यह उद्यमिता विकास कार्यक्रम उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए, बल्कि स्थानीय महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगा, जो उद्यमिता में अपनी पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं।

इस कार्यक्रम में डॉ. जेपी त्यागी और दीपक सहित महाविद्यालय के अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे। छात्रों का उत्साह और उनकी सीखने की जिज्ञासा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्यार्थियों ने इस अनुभव को जीवनभर याद रखने की बात कही और उनके लिए यह निश्चित रूप से एक नया दृष्टिकोण लेकर आया है। इस क्षेत्र भ्रमण ने उन्हें यह सिखाया कि कैसे व्यावसायिक दुनिया में कदम रखने से पहले सही मार्गदर्शन और व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल एक शैक्षिक यात्रा थी, बल्कि उद्यमिता के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरणा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ।रामनगर(एस पी न्यूज़)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चल रहे 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को एक अनोखा अवसर मिला जब उन्होंने क्षेत्र भ्रमण के जरिए उद्यमिता के जटिल पहलुओं को समझा और सीखा। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि व्यावसायिक दुनिया के साथ जुड़ने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम. सी. पाण्डे ने क्षेत्रीय भ्रमण का शुभारंभ करते हुए विद्यार्थियों को हरी झंडी दिखायी और उन्हें इस अनुभव से अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। उनका कहना था कि इस भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को उद्यमिता के व्यावहारिक पक्ष से परिचित कराया जाएगा, जो उनकी भविष्य की सफलता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।

महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए यह क्षेत्र भ्रमण अत्यंत शिक्षाप्रद रहा। कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को परमार्थ रामनगर स्थित अरोमा गैलरी में ले जाया गया, जहां उन्होंने सेल्स मैनेजर गणेश उप्रेती और ट्रेनर उर्वशी तिवारी से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। इस दौरान छात्रों को इलेक्ट्रिक डिफ्यूजर, कैंडल डिफ्यूजर, एसेंशियल ऑयल डिफ्यूजर, रूम फ्रेशनर जैसे उत्पादों के निर्माण और विपणन के बारे में गहराई से बताया गया। इस गैलरी में उपलब्ध विभिन्न उत्पादों की विविधता और उनकी बाजार में मांग ने विद्यार्थियों को यह सिखाया कि कैसे एक छोटे से व्यवसाय को बड़ा बनाने के लिए नए और आकर्षक उत्पादों की आवश्यकता होती है।

इसके बाद, कार्यक्रम का अगला पड़ाव परमार्थ इंडस्ट्रीज ढेला रामनगर था, जहां बीना कठायत, मास्टर ट्रेनर, ने विद्यार्थियों को उद्योग की अंदरूनी गतिविधियों से अवगत कराया। बीना कठायत ने डिस्टलेशन तेल मशीन, आयल फिल्ट्रेशन मशीन, फिलिंग मशीन, और विभिन्न प्रकार के तेलों के बारे में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी। छात्रों को यह बताया गया कि किस प्रकार से लेमनग्रास, यूकेलिप्टस, मेंथा, सेंट्रोनीला, वेटाइवर, करी लीव्स, स्वीट क्लमूस, बेरी लीव्स जैसे औषधीय पौधों से तेल निकाले जाते हैं और कैसे इन तेलों का विभिन्न उत्पादों में उपयोग किया जा सकता है। इस ज्ञान ने विद्यार्थियों को उद्यमिता की जटिलताओं से अवगत कराया और उन्हें अपने व्यवसायिक विचारों को प्रैक्टिकल दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम. सी. पाण्डे ने इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर विद्यार्थियों के लिए बेहद फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र भ्रमण से विद्यार्थियों को न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से बल्कि व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उनका मानना है कि इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को व्यावसायिक और उद्यमिता के संदर्भ में प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त होगा, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर और सफल उद्यमी बन सकेंगे। साथ ही, इस भ्रमण ने विद्यार्थियों में यह विश्वास भी पैदा किया कि वे भी उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास सही मार्गदर्शन और मानसिकता हो।

योजना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर जगमोहन सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को केवल उद्यमिता के मूल सिद्धांतों के बारे में जानकारी देने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें वास्तविक दुनिया के व्यवसायिक माहौल से जोड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने भ्रमण कार्यक्रम में जिस उत्साह और समर्पण के साथ भाग लिया, वह इस बात का संकेत है कि यह उद्यमिता विकास कार्यक्रम उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए, बल्कि स्थानीय महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगा, जो उद्यमिता में अपनी पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं।

इस कार्यक्रम में डॉ. जेपी त्यागी और दीपक सहित महाविद्यालय के अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे। छात्रों का उत्साह और उनकी सीखने की जिज्ञासा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्यार्थियों ने इस अनुभव को जीवनभर याद रखने की बात कही और उनके लिए यह निश्चित रूप से एक नया दृष्टिकोण लेकर आया है। इस क्षेत्र भ्रमण ने उन्हें यह सिखाया कि कैसे व्यावसायिक दुनिया में कदम रखने से पहले सही मार्गदर्शन और व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल एक शैक्षिक यात्रा थी, बल्कि उद्यमिता के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरणा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ।

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