काशीपुर।पूर्वांचल छठ सेवा एवं जनकल्याण समिति के तत्वावधान में मोटेश्वर महादेव मंदिर के निकट महादेव नहर घाट पर भव्य और दिव्य छठ पूजा का आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु बड़ी आस्था और उल्लास के साथ एकत्रित हुए। घाट पर दीप प्रज्वलन के साथ वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य की आराधना करते हुए घाट पर दीप जलाए, जिससे पूरी नहर जगमगा उठी। हर ओर छठी मइया के गीतों की गूंज सुनाई देने लगी और श्रद्धा व भक्ति का अनुपम नजारा देखने को मिला। भक्तों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना की और भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। इस भव्य आयोजन ने पूरे क्षेत्र में एक अलग ही आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर दिया।
छठ महापर्व की शुरुआत समिति के सदस्यों और गणमान्य अतिथियों ने विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आशीष गुप्ता, आर.के. राय, दुर्गेश गुप्ता, दीपक यादव, मनोज शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया। इस दौरान माहौल भक्तिमय हो गया और श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य की आराधना करते हुए उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। घाट पर मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पूजा-अर्चना की और सूर्यदेव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
समिति के सदस्यों ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन में विशेष रूप से समिति के सदस्य शशि भूषण सोनी, अजीत पांडे, प्रदीप राय, जय नारायण, देवराज वर्मा, दिनेश, नंदकिशोर राय, के.के. राय, दिनेश शर्मा, आर.आर. प्रजापति, रमेश मौर्य, लाल बाबू महतो आदि उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं, जिससे श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी पूजा संपन्न कर सकें।
छठ महापर्व का यह आयोजन क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बनाने में सफल रहा। भक्तों ने घाट पर पारंपरिक गीत गाए और भजन-कीर्तन के साथ भगवान सूर्य की उपासना की। श्रद्धालुओं ने दीपदान कर घाट को रोशनी से जगमगा दिया, जिससे दृश्य अत्यंत मनमोहक लग रहा था। छठ पूजा में शामिल हुए लोगों ने इस आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की और समिति के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष नंद किशोर परीत ने कहा कि छठ महापर्व पूर्वांचल की सांस्कृतिक धरोहर है, जो हमारी परंपराओं और श्रद्धा का प्रतीक है। यह केवल एक पूजा नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने वाला पर्व भी है, जिसे पूरे भक्ति भाव और निष्ठा के साथ मनाना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक एकता और समरसता का भी संदेश देता है। यह पर्व हमें अनुशासन, स्वच्छता और शुद्धता का महत्व सिखाता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे घाटों की स्वच्छता बनाए रखें और पूजा के दौरान नियमों का पालन करें। नंद किशोर परीत ने विश्वास जताया कि इस तरह के आयोजन समाज में सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।
समिति ने इस आयोजन को और भव्य बनाने के लिए विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए, जिसमें बच्चों और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। छठ घाट पर रंगोली बनाई गई, दीप जलाए गए और लोक गीतों की गूंज से वातावरण में एक अलग ही ऊर्जा देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद एक-दूसरे को बधाइयां दीं और पर्व की खुशियों को साझा किया।
इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गई थी, जहां भक्तों को फल, ठेकुआ और अन्य पारंपरिक प्रसाद वितरित किए गए। भक्तों ने इस आयोजन को एक अनूठा अनुभव बताया और समिति के सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को मजबूत करते हैं।