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गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग, बुद्ध पार्क में शुरू हुआ अनिश्चितकालीन प्रतीक्षा आंदोलन

संतों और गौ भक्तों ने लिया संकल्प, जब तक गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं किया जाता, तब तक बुद्ध पार्क में जारी रहेगा प्रतीक्षा आंदोलन

हल्द्वानी। गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर श्री गौ रक्षा समिति के बैनर तले बुद्ध पार्क में एक दिवसीय प्रतीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में गौ भक्त, सामाजिक कार्यकर्ता और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने एकजुट होकर प्रस्ताव पारित किया कि जब तक गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं किया जाता या भगवान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी स्वयं इस प्रतीक्षा कार्यक्रम को समाप्त करने का आदेश नहीं देते, तब तक यह प्रतीक्षा यात्रा निरंतर जारी रहेगी।

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने का संकल्प भगवान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने लिया है, जिसे गौ भक्तों का पूरा समर्थन प्राप्त है। समिति ने सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द इस मांग को स्वीकार करे। यदि केंद्र सरकार इस विषय पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो प्रतीक्षा कार्यक्रम को और अधिक उग्र आंदोलन में तब्दील किया जाएगा। गौ रक्षा समिति के संयोजक संतोष कबड़वाल ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार जल्द कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती, तो आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए धरना, मौन व्रत, यज्ञ और आमरण अनशन जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गौ भक्तों की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ, तो आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक विस्तारित किया जाएगा और इसे संगठित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।

संतोष कबड़वाल ने यह भी घोषणा की कि श्री गौ रक्षा समिति का जल्द ही औपचारिक पंजीकरण किया जाएगा, ताकि इसे एक संगठित और कानूनी स्वरूप दिया जा सके। साथ ही, इस समिति का विस्तार प्रदेश के हर जिले, ब्लॉक और महानगरों में किया जाएगा। उन्होंने सभी गौ भक्तों से आह्वान किया कि वे इस आंदोलन को मजबूती प्रदान करें और बुद्ध पार्क में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें। इस कार्यक्रम में सैकड़ों गौ भक्तों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ एक धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि हजारों लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ विषय है। गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करना देश की संस्कृति और परंपरा को मजबूती देगा।

गौ भक्तों का स्पष्ट कहना है कि यह प्रतीक्षा कार्यक्रम पूरी तरह अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से शुरू किया गया है। यह आंदोलन गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है, लेकिन यदि सरकार ने इस गंभीर विषय को अनदेखा किया, तो यह धीरे-धीरे एक बड़े जनांदोलन का रूप ले सकता है। आंदोलनकारियों का मानना है कि यदि सरकार ने समय रहते कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो इस आंदोलन को देशभर में फैलाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। विभिन्न गौ भक्त संगठन और धार्मिक समुदाय इसमें शामिल होकर इसे और मजबूती देंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

इस अवसर पर अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और धार्मिक संगठनों से जुड़े लोग उपस्थित रहे। इनमें आचार्य नवीन कुमार कांडपाल, डिंपल पांडे, योगिता बनौला, पंडित गर्वित कांडपाल, हेमंत कुमार, हीरा सिंह कोरंगा, आर्येंद्र शर्मा, बंशीधर जोशी, गीता जोशी, प्रकाश भट्ट, सुरेश टम्टा, गंगा सिंह, हरपाल सिंह, मोहन चंद्र, भवानी दत्त कबड़वाल, शिरोमणि पंत, विशाल शर्मा, भुवन चंद जोशी, भगवत जोशी, यमुना दत्त बेलवाल, दयानंद बेनवाल, दीपक संभल, पहाड़ी आर्मी संगठन के अध्यक्ष हरीश रावत, विनोद शाही, पंडित मदन मोहन जोशी, फौजी भुवन पहाड़ी हिंदू, भगवंत सिंह राणा, कमलेश सिंह, पीयूष जोशी, हरीश पनेरु (पूर्व दर्जा राज्य मंत्री), नारायण सिंह बर्गली, पवन रावत, तरुण कुमार, प्रवीण आर्य, हरीश सिंह भंडारी, भानु कबड़वाल, पंकज नैनवाल, सागर भोज, मनोज कविदयाल, दुर्गादत्त कबड़वाल, उमेश राणा सहित कई गणमान्य लोग शामिल रहे।

श्री गौ रक्षा समिति के सदस्यों ने साफ किया कि यदि सरकार इस मांग को अनदेखा करती है, तो देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। फिलहाल, बुद्ध पार्क में प्रतीक्षा कार्यक्रम जारी रहेगा और हर दिन सैकड़ों गौ भक्त अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इस बीच, गौ रक्षा समिति अन्य धार्मिक और सामाजिक संगठनों से भी संपर्क साध रही है, ताकि इस आंदोलन को और अधिक मजबूती दी जा सके। गौ भक्तों ने कहा कि गौ माता हिंदू धर्म में सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि पूजनीय मानी जाती हैं। उन्हें राष्ट्रमाता घोषित करने से देश में गौ संरक्षण को नई दिशा मिलेगी और गौ हत्या पर प्रभावी रोक लगेगी। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक सरकार इस मांग को स्वीकार नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन हर हाल में जारी रहेगा।

गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर हल्द्वानी में छिड़ा आंदोलन अब एक बड़े जनांदोलन का रूप लेने की ओर बढ़ रहा है। गौ भक्तों की स्पष्ट चेतावनी है कि यदि सरकार ने इस मांग पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो यह प्रतीक्षा कार्यक्रम एक व्यापक विरोध प्रदर्शन में बदल सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार गौ भक्तों की इस भावनात्मक अपील को कब तक नजरअंदाज कर पाती है या फिर जल्द ही कोई ठोस निर्णय लेकर गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देती है।

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