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गर्मी में दोहरी ड्यूटी से नाराज़ सफाई कर्मियों का फूटा गुस्सा, निगम के खिलाफ प्रदर्शन तेज

शासनादेश की अनदेखी कर नगर निगम ने थोप दी दोहरी शिफ्ट, कर्मचारियों ने एकजुट होकर मांगा समान समय का न्यायपूर्ण संशोधित आदेश।

काशीपुर। तेज़ धूप, लू और पसीने से भीगती देह के बीच सफाई कर्मचारी जब सुबह 5 बजे से अपने कार्य पर निकलते हैं, तो यह केवल रोज़गार नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी और सेवा का भाव होता है। लेकिन इस जज़्बे को तब ठेस पहुंची जब नगर निगम काशीपुर द्वारा जारी आदेश में पर्यावरण मित्रों के साथ दोहरी नीति अपनाई गई। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव जितेंद्र देवांतक और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं शाखा महानगर अध्यक्ष सुमित सौदा के नेतृत्व में सफाई कर्मचारियों ने इस आदेश के खिलाफ नगर निगम परिसर में जोरदार विरोध दर्ज कराया। कर्मचारी संगठन का स्पष्ट आरोप था कि शासनादेश में सभी श्रेणियों के सफाई कर्मियों को एक समान सुबह 5 बजे से 10 बजे तक कार्य कराने का स्पष्ट निर्देश है, बावजूद इसके नगर निगम द्वारा आउटसोर्सिंग और मोहल्ला समिति कर्मचारियों को दो पालियों में कार्य करने का निर्देश दिया गया, जो सरासर भेदभाव है।

जितेंद्र देवांतक ने कहा कि नगर निगम काशीपुर द्वारा जारी किया गया यह आदेश पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण है। शासनादेश में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि सभी श्रेणियों के सफाई कर्मचारियों को एक ही समय यानी सुबह 5 बजे से 10 बजे तक कार्य कराया जाए, ताकि भीषण गर्मी में उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। लेकिन नगर निगम ने इस आदेश की अवहेलना करते हुए आउटसोर्सिंग और मोहल्ला समिति के कर्मचारियों को दो पालियों में काम करने का आदेश दिया है, जो कि न केवल श्रमिकों के हितों के खिलाफ है, बल्कि अमानवीय भी है। उन्होंने कहा कि सभी सफाई कर्मचारी, चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, बराबरी के हकदार हैं और उनके साथ दोहरी नीति अपनाना गलत है। यदि जल्द से जल्द इस आदेश को संशोधित नहीं किया गया तो देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

अध्यक्ष सुमित सौदा ने कहा कि नगर निगम द्वारा जारी यह आदेश पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है, जो साफ तौर पर शासनादेश की भावना और निर्देशों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि जब शासन ने सभी पर्यावरण मित्रों के लिए एक समान समय निर्धारित किया है, तो फिर मोहल्ला समिति और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को सुबह के साथ-साथ शाम को भी काम करने के लिए बाध्य करना न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि अमानवीय भी है। उन्होंने यह भी कहा कि सफाई कर्मचारी शहर की स्वच्छता व्यवस्था की रीढ़ होते हैं, लेकिन उन्हें दोयम दर्जे का समझा जा रहा है, जो किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि शीघ्र ही इस आदेश में संशोधन नहीं हुआ, तो संघ बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी।

इस आंदोलन में शामिल सफाई कर्मचारियों का गुस्सा केवल गर्मी में दोहरी शिफ्ट का नहीं, बल्कि उस असमानता का था, जिसे उन्होंने अपने हक के खिलाफ महसूस किया। नगर निगम का यह आदेश कर्मचारियों के स्वास्थ्य, सम्मान और मूल अधिकारों के खिलाफ जाता है। एक ओर जहां स्थायी कर्मचारी केवल सुबह 5 से 10 बजे तक कार्य करेंगे, वहीं दूसरी ओर मोहल्ला समिति और आउटसोर्सिंग कर्मियों को न केवल सुबह, बल्कि शाम 4 से 7 बजे तक भी ड्यूटी करनी होगी। यह दोहरी व्यवस्था उसी शासनादेश के विपरीत है, जिसमें सभी सफाई कर्मचारियों के लिए समान कार्य समय निर्धारित किया गया है। कर्मचारियों ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया जताते हुए नगर निगम के शीर्ष अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और आदेश को तुरंत संशोधित करने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने अपने हक की लड़ाई को पूरी गरिमा और अनुशासन के साथ पेश किया। उन्होंने कहा कि वे शहर की सफाई व्यवस्था को पूरी निष्ठा से संभालते हैं, लेकिन नगर निगम की यह नीति उन्हें अपमानित करती है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे जितेंद्र देवांतक और सुमित सौदा ने कहा कि गर्मी के इस भीषण मौसम में दोहरी शिफ्ट करना न केवल अमानवीय है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि जल्द ही यह आदेश संशोधित नहीं किया गया, तो संघ चरणबद्ध आंदोलन की ओर अग्रसर होगा। कर्मचारियों की इस मांग को लेकर एक ज्ञापन महापौर, नगर आयुक्त और उपनगर आयुक्त को सौंपा गया।

विरोध प्रदर्शन के दौरान उपनगर आयुक्त महोदय ने सफाई कर्मचारियों की बातों को पूरी गंभीरता और सहानुभूति के साथ सुना। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि नगर निगम द्वारा जारी वर्तमान आदेश की शीघ्र समीक्षा की जाएगी और कर्मचारियों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जल्द ही एक संशोधित आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन पूरी तरह से यह समझता है कि इस भीषण गर्मी में कर्मचारियों के लिए दोहरी शिफ्ट में काम करना न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए यह प्रयास किया जाएगा कि सभी श्रेणियों के सफाई कर्मचारियों को समान रूप से सुबह 5 बजे से 10 बजे तक ही ड्यूटी करने का निर्देश जारी हो। उपनगर आयुक्त के इस आश्वासन के बाद कर्मचारियों में अस्थायी रूप से संतोष तो देखा गया, लेकिन वे अंतिम आदेश तक संघर्ष को जारी रखने के लिए पूरी तरह संगठित हैं।

इस पूरे विरोध प्रदर्शन में महासचिव राजीव कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय कुमार, उपाध्यक्ष रिंकू कुमार, समिति अध्यक्ष अमित टॉक, और संगठन के दर्जनों सक्रिय सदस्य मौजूद रहे। इसमें अभिषेक, सोनू, तुषार, पारुल, सीमा, अरुण, अमित, विकास, रॉबिन, गुल्लू, मंझे, अनिल, विशेष, सौरभ सौदा सहित कई आउटसोर्सिंग एवं मोहल्ला समिति कर्मचारी भी प्रदर्शन में जुटे रहे। कर्मचारियों की यह एकजुटता इस बात का प्रमाण है कि जब अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई जाती है, तो संगठन की ताकत न केवल बदलाव लाती है बल्कि व्यवस्था को सोचने पर मजबूर भी कर देती है। नगर निगम को अब जल्द से जल्द स्पष्ट और न्यायपूर्ण निर्णय लेना होगा, ताकि इस गर्मी में सफाई कर्मियों को दोहरी मार से राहत मिल सके और उनके मनोबल को ठेस न पहुंचे।

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