काशीपुर। मानसून की दस्तक के साथ ही काशीपुर की सड़कों की हकीकत एक बार फिर उजागर हो गई है। शहर के फ्लाईओवर के दोनों ओर बने सर्विस रोड की स्थिति इतनी बदहाल हो चुकी है कि अब वहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं। गड्ढों की भरमार ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सड़कें गड्ढों में हैं या गड्ढे सड़कों में। खास बात यह रही कि सोमवार को महापौर दीपक बाली की सरकारी गाड़ी भी उन्हीं गड्ढों से होकर गुजरती दिखी और वह भी इस दर्दनाक हकीकत से दो-चार हुए। यह दृश्य केवल सड़कों की जर्जर हालत का बयान नहीं करता, बल्कि यह इस ओर इशारा करता है कि अब समस्या केवल आम जनता तक सीमित नहीं रही, जनप्रतिनिधि भी इसकी चपेट में आने लगे हैं।
फ्लाईओवर के निर्माण के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि काशीपुर की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा, लेकिन इसके दोनों ओर बने सर्विस रोड अब परेशानी का सबब बन चुके हैं। भारी वाहनों, विशेषकर हैवी लोडेड डंपरों की अवैध आवाजाही ने इन सड़कों को पूरी तरह तोड़ दिया है। स्थिति यह है कि बारिश का पानी इन गड्ढों में भरकर जाल जैसा रूप ले चुका है और वाहन चालकों को अंदाजा ही नहीं होता कि कहां सड़क है और कहां मौत का फंदा। शहरवासियों की चिंता इस बात को लेकर और भी गहरी होती जा रही है कि कहीं यह लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण न बन जाए। जिस तेजी से सड़कें धंसती जा रही हैं, वह साफ तौर पर बताता है कि यातायात नियमों और नगर नियोजन में कहीं न कहीं भारी चूक हो रही है।

दीपक बाली जब स्वयं इस सड़क से होकर निकले और गड्ढों से जूझते नजर आए तो यह दृश्य अपने आप में प्रशासन को चेतावनी देने वाला था। काशीपुर में पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जब सड़कों की मरम्मत की अनदेखी ने जानलेवा हादसों को जन्म दिया। पूर्व में सूरज मेडिकल के पास सड़क धंसने की घटना सामने आई थी, जिसे समाचारपत्रो ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और सड़क की मरम्मत कराई गई, लेकिन अब वही हालात फ्लाईओवर के आसपास नजर आने लगे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन केवल मीडिया की सुर्खियों के बाद ही जागेगा या फिर अब कोई स्थायी समाधान निकलेगा?
शहर में गड्ढों की यह विकराल स्थिति अब सामान्य मुद्दा नहीं रही। स्थानीय लोग स्वयं फावड़ा, मिट्टी और ईंटें लेकर सड़क के गड्ढे भरने में जुटे हुए हैं। यह नजारा उस प्रशासनिक लापरवाही की कहानी बयां करता है, जिसमें आमजन को खुद ही सड़क सुधार की जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। हैवी डंपरों का अवैध संचालन न केवल सड़कों को तहस-नहस कर रहा है, बल्कि कई बार यह हाइट बैरियर तोड़कर कानून को भी चुनौती देता रहा है। हैरानी की बात यह है कि इतनी घटनाएं होने के बावजूद इन भारी वाहनों पर कोई स्थायी प्रतिबंध नहीं लगाया गया, न ही कोई सख्त अभियान इनके खिलाफ शुरू हुआ है।
अगर जल्द ही इन जर्जर सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई और भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो काशीपुर में एक बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। नगर निगम को इस दिशा में तत्काल एक ठोस योजना बनानी होगी और सड़क मरम्मत के कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी। दीपक बाली जैसे जनप्रतिनिधियों को अब सड़कों की स्थिति से सीधे जुड़ाव मिल चुका है, ऐसे में उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस मुद्दे को न केवल गंभीरता से लेंगे बल्कि इस पर ठोस कार्रवाई भी सुनिश्चित कराएंगे।
फिलहाल स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है और सवाल यह है कि क्या आने वाले दिनों में प्रशासन इन जर्जर सड़कों को फिर से पहले जैसा बना पाएगा? क्या इन हैवी लोडेड वाहनों का रुकना मुमकिन हो पाएगा? और सबसे अहम – क्या यह शहर यूं ही सड़कों की दुर्दशा के साथ अपनी पहचान खोता रहेगा या फिर कोई निर्णायक बदलाव दिखाई देगा? यह समय सिर्फ इंतज़ार का नहीं, तत्काल फैसले और ज़िम्मेदारी लेने का है।

फ्लाईओवर के दोनों ओर बनी सर्विस रोड की बदहाल स्थिति को लेकर मीडिया से मुखातिब होते हुए महापौर दीपक बाली ने कहा कि भले ही यह मार्ग एनएच या पीडब्ल्यूडी के अधीन आता हो, लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते वह इसे अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं और इस समस्या से मुँह नहीं मोड़ेंगे। दीपक बाली ने कहा, “आप लोगों ने जिस गड्ढे की ओर मेरा ध्यान दिलाया, उसे मैं पहले भी देख चुका हूं और उस पर पहले से कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए थे। मैंने दो दिन पहले भी इस मुद्दे पर अधिकारियों से बात की थी और आज फिर से अधिशाषी अभियन्ता हल्द्वानी अरविंद कुमार से भी फोन पर वार्ता की है।” उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल गड्ढों को तुरंत भरवाया जाएगा और यह कार्य दो घंटे के भीतर शुरू करवा दिया गया है। इसके लिए ठेकेदार को निर्देशित कर दिया गया है और टीम मौके पर रवाना कर दी गई है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जब तक बारिश का मौसम खत्म नहीं होता, तब तक प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को चालू हालत में लाया जाएगा और मानसून समाप्त होने के बाद सर्विस लेन का दोबारा निर्माण कराया जाएगा ताकि भविष्य में यह समस्या दोबारा न उठे।
महापौर ने नालियों की सफाई को लेकर भी व्यापारियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि कई जगह दुकानदारों द्वारा बल्ली या स्लैब पूरी तरह से डाल दिए गए हैं, जिससे सफाई कर्मियों को काम करने में परेशानी होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि दुकानदार बीच-बीच में जगह छोड़ें ताकि सफाई नियमित रूप से की जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगर में यदि कहीं नाली टूटी है या अवरुद्ध है तो उसे भी ठीक कराया जाएगा। दीपक बाली ने संवाद खत्म करते हुए कहा, “मैं खुद हालात को देखकर आया हूं। यदि तय समय पर काम नहीं हुआ, तो मैं खुद दोबारा वहां पहुंचकर स्थिति की समीक्षा करूंगा। जनता की सुविधा से बड़ा कोई एजेंडा नहीं हो सकता।”