काशीपुर। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर आगामी कॉवड़ यात्रा 2025 के दौरान शांति, व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर दोनों राज्यों के शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की एक अत्यंत महत्वपूर्ण अन्तर्राज्यीय समन्वय बैठक का आयोजन मण्डलायुक्त दीपक रावत की अध्यक्षता में आईजीएल सभागार में सम्पन्न हुआ। यह बैठक सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि दोनों राज्यों की साझा तैयारी और आपसी सहयोग की वह मजबूत नींव बनकर सामने आई, जिसकी इस वर्ष की कॉवड़ यात्रा को जरूरत है। मण्डलायुक्त ने स्पष्ट किया कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अफरातफरी, हिंसा या व्यवधान की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक प्रस्तावित इस यात्रा के सफल संचालन के लिए दोनों प्रदेशों के अधिकारी एकजुट होकर हर पहलू पर समन्वय बनाए रखें।
दीपक रावत ने अधिकारियों से कहा कि कॉवड़ मेले को शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए अनुकूल वातावरण में सम्पन्न कराना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सुरक्षा से लेकर यातायात, लंगर स्थलों, रात्रि विश्राम के स्थानों और सोशल मीडिया गतिविधियों तक सभी मोर्चों पर चौकसी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले तत्वों, हुड़दंगियों और उपद्रवियों पर विशेष नजर रखी जाए। दोनों राज्यों की पुलिस टीमों को आपस में फोन नंबर साझा करने, ट्रैफिक डायवर्जन प्लान को लेकर पूर्ण स्पष्टता बनाए रखने और संवाद में निरंतरता लाने को कहा गया। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन स्थानों पर कॉवड़िए ठहरते हैं या जहां लंगर की व्यवस्था होती है, वहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए और क्यूआरटी टीमें हर वक्त अलर्ट मोड पर रहें। उन्होंने कहा कि यात्रा में नियुक्त अधिकारी संयम और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें तथा किसी भी उकसावे में आने से बचें।

मण्डलायुक्त ने सोशल मीडिया को लेकर भी विशेष निर्देश देते हुए कहा कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली या भड़काऊ पोस्ट पर कड़ी नजर रखी जाए और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने स्तर पर सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को सक्रिय रखें और सांप्रदायिक सौहार्द के वातावरण को बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों को कॉवड़ यात्रा की सफल, सुरक्षित एवं निर्विघ्न सम्पन्नता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दीं और आपसी समन्वय को इस आयोजन की सफलता की कुंजी बताया।
इस समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश की ओर से मुरादाबाद मण्डल के उप महानिरीक्षक मुनिराज जी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि दोनों राज्यों की सीमाएं एक-दूसरे से जुड़ी होने के कारण पुलिस बल को सीमावर्ती क्षेत्रों में एकजुट होकर तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की पांच जिले दृ रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, बिजनौर और पीलीभीत दृ सीधे उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से जुड़ते हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में दोनों राज्यों की पुलिस एक साथ ड्यूटी करें ताकि सतत संवाद और समन्वय बना रहे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस क्षेत्राधिकारी, निरीक्षक और उप निरीक्षक स्तर पर भी बैठकें हों और सूचनाएं रियल टाइम में साझा की जाएं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक यातायात मुरादाबाद, रामपुर, तथा अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर ने पिछले वर्षों की यात्रा से जुड़े अनुभव साझा किए और यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करते हुए बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सूचना के त्वरित आदान-प्रदान और सटीक ट्रैफिक डायवर्जन प्लान को अमल में लाना अत्यंत आवश्यक है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इस बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकान्त मिश्रा, पुलिस अधीक्षक रामपुर विद्या सागर, बरेली नॉर्थ के एसपी मुकेश चन्द्र, एसपी क्राइम निहारिका तोमर, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी बिजनौर, अपर जिलाधिकारी मुरादाबाद, अपर जिलाधिकारी रामपुर, उप जिलाधिकारी काशीपुर अभय प्रताप सिंह, उप जिलाधिकारी स्वार, बरेली, और पीलीभीत के तमाम वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक न केवल दो राज्यों की प्रशासनिक एकजुटता का उदाहरण बनी, बल्कि यह भी दर्शाया कि कॉवड़ यात्रा जैसी भावनात्मक और विशाल आयोजन को लेकर शासन कितना गंभीर और प्रतिबद्ध है।