काशीपुर। देशभर में 14 अप्रैल 2025 से चल रहे अग्निशमन सेवा सप्ताह के अंतर्गत उत्तराखंड के काशीपुर में भी आग से सुरक्षा को लेकर जागरूकता की अलख जोर-शोर से जगाई जा रही है। इस वर्ष का संदेश “एकजुट हो, अग्नि सुरक्षित भारत को प्रज्वलित करें” न सिर्फ एक थीम है बल्कि एक गंभीर संकल्प बन चुका है, जिसे हर स्तर पर जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में फायर सर्विस मुख्यालय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद ऊधम सिंह नगर तथा मुख्य अग्निशमन अधिकारी जनपद ऊधम सिंह नगर के निर्देशानुसार फायर स्टेशन काशीपुर ने आज 18 अप्रैल 2025 को इस अभियान के पांचवें दिन विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के केंद्र में आम जनमानस को यह सिखाना रहा कि बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में किस प्रकार की तैयारियां जरूरी हैं और किस तरह जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव की गंभीरता को लेकर एक बेहद महत्वपूर्ण संवाद शुरू किया गया है, जिसमें समाज की भूमिका और चेतना को पहली पंक्ति में रखा गया।
लीडिंग फायरमैन राम कुमार के नेतृत्व में इस विशेष अभियान को काशीपुर के दो प्रमुख स्थलोंकृप्रिया मॉल बाजपुर रोड और सनसिटी सिनेमा बाजपुर रोडकृमें क्रियान्वित किया गया। इस अवसर पर इन संस्थानों में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को आग लगने की संभावित परिस्थितियों, बचाव की प्राथमिक विधियों, फायर अलार्म सिस्टम के प्रयोग, अग्निशमन उपकरणों के संचालन और आपातकालीन निकासी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण के दौरान व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ-साथ अनेक प्रकार की जोखिम स्थितियों का उदाहरण देकर कर्मचारियों को न केवल सजग किया गया, बल्कि उन्हें यह भी समझाया गया कि ऐसी घटनाओं में घबराने के बजाय धैर्य और पूर्व जानकारी से ही बड़ा हादसा टाला जा सकता है। राम कुमार ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि आग लगने की घटनाओं में जान का नुकसान केवल आग की लपटों से नहीं, बल्कि जानकारी के अभाव, अराजकता और डर से होता है, ऐसे में यदि हर कर्मचारी प्रशिक्षित हो तो वह न केवल खुद को बल्कि अपने साथियों को भी सुरक्षित निकाल सकता है।

इस मुहिम के तहत फायर स्टेशन काशीपुर की टीम ने मॉल और सिनेमा हॉल जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्थलों को चिह्नित कर वहां मौजूद कर्मचारियों को न सिर्फ मौखिक प्रशिक्षण दिया, बल्कि मौके पर ही प्राथमिक अग्निशमन यंत्रों को चलाने की व्यवहारिक जानकारी भी दी। इसके अतिरिक्त प्रत्येक संस्थान में आपातकालीन स्थिति में अपनाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत चर्चा कर एक मजबूत और त्वरित बचाव योजना की रूपरेखा साझा की गई। कर्मचारियों को आग लगने की स्थिति में होने वाली घबराहट से कैसे निपटा जाए, किन मार्गों से निकासी सुनिश्चित की जाए और किस तरह फायर ब्रिगेड तक तत्काल सूचना पहुंचाई जाए, इन सभी बिंदुओं पर अभ्यास कराया गया। जानकारी को सुलभ बनाने के उद्देश्य से पम्फलेट्स भी वितरित किए गए, जिसमें चित्रों और सरल भाषा में आपात स्थिति से निपटने के उपाय बताए गए थे, जिससे सामान्य व्यक्ति भी आवश्यक सावधानियों को आसानी से समझ सके।
इस विशेष प्रशिक्षण में भाग लेने वाले कर्मचारियों में जागरूकता की एक नई लहर देखने को मिली। सभी प्रतिभागियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल उन्हें प्रशिक्षित करते हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी प्रदान करते हैं कि यदि भविष्य में कभी कोई दुर्घटना घटे, तो वे बिना किसी बाहरी मदद के तत्काल स्थिति को संभाल सकते हैं। लीडिंग फायरमैन श्री राम कुमार द्वारा चलाया गया यह अभ्यास केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि भविष्य में होने वाली अनहोनी घटनाओं को टालने का ठोस प्रयास था, जिसमें हर पहलू को गहनता से समझाया गया। एक ओर जहां सुरक्षा उपकरणों के रख-रखाव की अनिवार्यता पर बल दिया गया, वहीं दूसरी ओर यह भी बताया गया कि इन उपकरणों का सही इस्तेमाल ही किसी भी आपदा में जीवनदायिनी सिद्ध हो सकता है।

आज के इस विशेष आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि अग्निशमन सेवा सप्ताह केवल एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज में सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का एक संकल्प है। काशीपुर फायर स्टेशन द्वारा उठाया गया यह कदम एक उदाहरण है कि जब प्रशासनिक निर्देशों को गंभीरता से अमल में लाया जाए, तो उसका असर समाज की बुनियाद तक पहुंचता है। आग जैसी भयावह आपदा से निपटने के लिए अब जरूरी हो गया है कि हर नागरिक प्राथमिक स्तर पर प्रशिक्षित हो और खुद को और दूसरों को बचाने में सक्षम बने। इस पूरे अभियान में श्री राम कुमार और उनकी टीम की निष्ठा ने यह दर्शाया कि अग्निशमन कर्मी केवल अग्नि से लड़ने वाले योद्धा नहीं, बल्कि जीवन रक्षक प्रहरी भी हैं।