काशीपुर। शुक्रवार को बाजपुर रोड पर स्थित एक भव्य निजी होटल में संविधान निर्माता, भारत रत्न, बाबा साहब डॉ. भीम राव आंबेडकर की जन्म महोत्सव पर आयोजित सम्मान संगोष्ठी ने माहौल को पूरी तरह से इतिहास और आत्मगौरव से भर दिया। आयोजन की शुरुआत एक अत्यंत भावुक क्षण के साथ हुई जब पहलगाम में हुई आतंकी वारदात में शहीद हुए लोगो को श्रद्धांजलि देने हेतु उपस्थित जनसमूह ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें नमन किया। जैसे ही सभा ने यह मौन धारण किया, पूरा सभागार मानो ठहर गया और आतंकी हमले में शहीद हुए लोगा के सम्मान में श्रद्धा से भर गया। इसके बाद मंच की गतिविधियाँ शुरू हुईं और भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं ने संगोष्ठी को एक ऐतिहासिक विचार विमर्श में तब्दील कर दिया, जहाँ न केवल बाबा साहब की उपेक्षा के कड़वे अतीत को सामने लाया गया बल्कि उनके सम्मान की पुनर्स्थापना की कहानी को प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अजय भट्ट, प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी, जिलाध्यक्ष मनोज पाल, जिला प्रभारी पुष्कर काला, और मेयर दीपक बाली ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर इस सम्मान संगोष्ठी को औपचारिक रूप से आरंभ किया। जैसे-जैसे वक्ता मंच पर आते गए, सभा में मौजूद जनसमूह भी डॉ. आंबेडकर की संघर्षपूर्ण यात्रा से परिचित होता चला गया।

समारोह के दौरान सभा का सबसे मार्मिक क्षण तब आया जब एक बेहद प्रभावशाली पीपीटी प्रजेंटेशन के ज़रिए कांग्रेस द्वारा डॉ. भीम राव आंबेडकर के साथ की गई उपेक्षा और भाजपा द्वारा उन्हें दिलाया गया राष्ट्रीय सम्मान बड़े तथ्यात्मक और दस्तावेज़ी प्रमाणों के साथ पेश किया गया। उपस्थित जनता यह देखकर स्तब्ध रह गई कि किस प्रकार 1956 में उनके महानिर्वाण के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने न केवल दिल्ली में उनका दाह-संस्कार होने से रोका, बल्कि बम्बई तक उनकी पार्थिव देह ले जाने हेतु विमान तक नहीं मुहैया कराया गया।
प्रस्तावना संबोधन में डॉ0 अम्बेडकर को लेकर काशीपुर भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज पाल ने तीखा प्रहार करते हुये कहा कि जब देश के इतिहास के गौरवशाली अध्यायों में भारत के संविधान निर्माता और दलित चेतना के महानायक डॉ. भीमराव अम्बेडकर की भव्य छवि उभरती है, तो यह सवाल केवल चिंतन का नहीं बल्कि आत्ममंथन का विषय बन जाता है-क्या इस राष्ट्रपुरुष को वह सम्मान तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने दिया, जिसके वे वास्तविक अधिकारी थे? या फिर यह भारतीय जनता पार्टी है, जिसने डॉ. अम्बेडकर को भारत रत्न से लेकर पंचतीर्थ तक के माध्यम से एक राष्ट्रपुरुष के रूप में स्थापित कर, उनके विचारों को देश की आत्मा में समाहित किया? काशीपुर भाजपा के ज़िला अध्यक्ष मनोज पाल ने आज एक तीखे राजनीतिक बयान में कांग्रेस की दशकों पुरानी उपेक्षा की राजनीति को उजागर करते हुए साफ़ तौर पर कहा कि कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर के साथ सिर्फ छल किया, जबकि भाजपा ने उन्हें यथार्थ में अपनाया और पूज्य बनाया।

मनोज पाल ने अपने तीखे लहजे में कहा कि डॉ. अम्बेडकर के साथ कांग्रेस का व्यवहार हमेशा से उपेक्षात्मक और दिखावटी रहा। उन्होंने याद दिलाया कि यही कांग्रेस थी जिसने संविधान सभा में उनके अद्वितीय योगदान को कभी खुले दिल से सराहा नहीं, बल्कि उन्हें लगातार हाशिये पर रखने का प्रयास किया। दलितों के सशक्तिकरण के लिए लड़ने वाले इस महामानव को तब इतना अपमानित किया गया कि उन्होंने साफ़-साफ़ कह दिया था-“कांग्रेस दलितों का भला नहीं चाहती, वह सिर्फ़ उनका इस्तेमाल करना चाहती है।” मनोज पाल ने कांग्रेस के इसी ऐतिहासिक अपराध को याद दिलाते हुए कहा कि जिस पार्टी ने डॉ. अम्बेडकर को बार-बार राजनीतिक तौर पर नीचा दिखाया, वही आज झूठा सम्मान दिखाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
वहीं दूसरी ओर, भाजपा की भूमिका का उल्लेख करते हुए मनोज पाल ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी ही थी, जिसने डॉ. अम्बेडकर को भारत रत्न दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जमकर तारीफ़ करते हुए कहा कि उन्होंने ‘पंचतीर्थ’ की कल्पना को साकार कर डॉ. अम्बेडकर के जीवन से जुड़े पाँच स्थानों को राष्ट्रीय श्रद्धा के केंद्र में तब्दील कर दियाकृमहू, लंदन, नागपुर, दिल्ली और मुंबई। हर स्थान को भाजपा सरकार ने नई गरिमा दी, जिससे बाबा साहब का जीवन देश के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
मनोज पाल ने तीखे अंदाज़ में याद दिलाया कि 1952 में जब डॉ. अम्बेडकर लोकसभा चुनाव हार गए थे और राज्यसभा में भेजे जाने के लिए समर्थन माँगा था, तब कांग्रेस ने उनकी मदद करने से इंकार कर दिया। यह उस पार्टी की सच्ची मानसिकता को दर्शाता है जो सिर्फ़ सत्ता के लिए समाज के वंचित वर्गों को उपयोग का साधन समझती थी। इसके विपरीत, भाजपा ने न केवल बाबा साहब की नीतियों को अपनाया बल्कि उन्हें युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनाने का काम किया। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बार-बार उन्हें ‘गरीबों, दलितों और वंचितों के मसीहा’ कहकर सम्मान देना केवल भाषण का हिस्सा नहीं, बल्कि नीतियों में समावेश का प्रमाण है।
आज जब 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती देश भर में एक राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाई जाती है, तो यह साफ़ दिखता है कि कांग्रेस ने वर्षों तक इस दिन को केवल एक औपचारिकता के तौर पर निभाया, जबकि भाजपा ने इसे एक जन-आंदोलन बना दिया। मनोज पाल ने गर्व के साथ कहा कि भाजपा ने बाबा साहब को सिर्फ़ मंच से नहीं, बल्कि नीति निर्माण से लेकर जमीनी योजनाओं तक में जीवित किया। यही कारण है कि आज की युवा पीढ़ी संविधान, सामाजिक न्याय और डॉ. अम्बेडकर के विचारों को एक नई दृष्टि से देख रही है।
अंत में, काशीपुर भाजपा ज़िला अध्यक्ष मनोज पाल ने कांग्रेस को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अब झूठे दिखावे और फोटो खिंचवाने से काम नहीं चलेगा। जनता को सच पता है। डॉ. अम्बेडकर का सच्चा सम्मान वही करता है जो उनके विचारों को ज़मीन पर उतारे उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो कर दिखाया है, वह कांग्रेस अपने 70 साल के शासन में भी नहीं कर सकी। यही है कांग्रेस की उपेक्षा बनाम भाजपा का वास्तविक सम्मान।
सांसद अजय भट्ट, जो इस आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित थे, उन्होंने इस पूरे ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को बेहद संवेदनशीलता और दमदार तथ्यों के साथ सामने रखा। उन्होने कहा कि जब इतिहास के अंधेरों से निकलकर भारतीय लोकतंत्र का सूरज उगता है, तो उसकी पहली किरण संविधान निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के अद्वितीय योगदान पर पड़ती है। यह वही व्यक्तित्व है, जिनकी कलम ने एक नया भारत रचा, और जिनके विचारों ने सामाजिक न्याय की नींव को सींचा। लेकिन अफसोस इस बात का है कि इस युगपुरुष को आज़ादी के बाद की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे वास्तविक अधिकारी थे। इस ऐतिहासिक विडंबना पर आज काशीपुर में आयोजित एक जनसभा में जब अजय भट्ट ने अपनी ज्वलंत वाणी में तीखा प्रहार करते हुये कहा कि कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर का अपमान किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राष्ट्रनायक बनाया।

अजय भट्ट ने अपने धारदार भाषण में कहा कि कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर को बार-बार राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेला। उन्होंने याद दिलाया कि जब संविधान निर्माण का समय आया तो कांग्रेस ने सिर्फ़ मजबूरी में उन्हें संविधान समिति का अध्यक्ष बनाया, परंतु बाद में उनके सामाजिक विचारों को कभी अपने एजेंडे में स्थान नहीं दिया। इतना ही नहीं, जब 1952 में डॉ. अम्बेडकर लोकसभा चुनाव हार गए और राज्यसभा में जाने के लिए समर्थन मांगा, तो कांग्रेस ने उन्हें तिरस्कार के साथ नकार दिया। अजय भट्ट ने इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताते हुये कहा कि जिस संविधान को अम्बेडकर ने रचा, उसी व्यवस्था ने उन्हें अपमानित किया।
वहीं भारतीय जनता पार्टी की भूमिका की चर्चा करते हुए अजय भट्ट ने जोरदार ढंग से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ने डॉ. अम्बेडकर को केवल एक विचारक नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के रूप में पुनः स्थापित किया। भाजपा ने ‘पंचतीर्थ’ की क्रांतिकारी योजना के माध्यम से डॉ. अम्बेडकर के जीवन से जुड़े पाँच पवित्र स्थलों-महू, लंदन, नागपुर, दिल्ली और मुंबई को राष्ट्रीय स्मारकों में बदलकर एक नई चेतना का संचार किया। ये स्थान अब केवल इतिहास नहीं, बल्कि प्रेरणा के तीर्थ बन चुके हैं, और यह कार्य कांग्रेस के लिए कभी प्राथमिकता नहीं था।
अजय भट्ट जी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि कांग्रेस ने बाबा साहब को सिर्फ़ वोट बैंक की राजनीति में एक प्रतीक बनाकर रखा, जबकि भाजपा ने उन्हें योजनाओं, कानूनों, और प्रशासनिक निर्णयों में जीवंत किया। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने डॉ. अम्बेडकर की जयंती को एक राष्ट्रीय उत्सव में बदल दिया, जहां हर वर्ग, हर पीढ़ी, और हर विचारधारा के लोग श्रद्धा से उन्हें याद करते हैं। अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के हर भाषण में जब बाबा साहब के विचारों की चर्चा होती है, तो वह केवल औपचारिकता नहीं होती, वह भारत की आत्मा को आवाज़ दी जाती है।

सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अजय भट्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा ने डॉ. अम्बेडकर को सिर्फ़ दलित समाज का नेता नहीं माना, बल्कि भारत के भविष्य का शिल्पकार माना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में न तो अम्बेडकर के नाम पर कोई ठोस योजना बनी, न उनके विचारों पर कोई ठोस नीति। लेकिन भाजपा ने शिक्षा, सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और अधिकार आधारित योजनाओं में डॉ. अम्बेडकर की सोच को आत्मसात कर लिया है। अंत में, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब को इतिहास में पीछे धकेला, पर भाजपा ने उन्हें भारत के भविष्य के केंद्र में ला खड़ा किया। यही फर्क है कांग्रेस की उपेक्षा और भाजपा के सच्चे सम्मान में।
भावनाओं की गहराई उस समय और बढ़ गई जब वक्ताओ ने यह ऐतिहासिक तथ्य उजागर किया गया कि वर्ष 1990 में जब बीपी सिंह की सरकार को भाजपा का समर्थन प्राप्त था, तब ही जाकर बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यह दिखाता है कि भाजपा का समर्पण केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने ऐतिहासिक न्याय की पुनर्स्थापना करने का भी साहस दिखाया। जिलाध्यक्ष मनोज पाल ने भी अपने वक्तव्य में यह स्पष्ट किया कि कैसे कांग्रेस ने वर्षों तक डॉ. आंबेडकर की छवि को दबाए रखा और उन्हें राजनीतिक लाभ की वस्तु की तरह इस्तेमाल किया, जबकि भाजपा ने उनके सिद्धांतों को आधार बनाकर उन्हें जन-जन तक पहुँचाया।
इस ऐतिहासिक संगोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व डिप्टी एसपी ध्यान सिंह द्वारा की गई, जिन्होंने अपने गंभीर और संजीदा अंदाज़ में कार्यक्रम को अत्यंत गरिमामयी दिशा दी। मंच पर मौजूद अन्य प्रमुख नेताओं में भाजपा प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी, अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मुकेश कुमार, जिला प्रभारी पुष्कर काला, विधायक त्रिलोक चीमा, पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल, मेयर दीपक बाली, प्रदेश मंत्री गुरबिंदर सिंह चंडोक, जिला महामंत्री डॉ. सुदेश कुमार, अनुसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष हुकुम सिंह, पीयूसी चेयरमैन राम मल्होत्रा, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री राजेश कुमार, खड़क सिंह चौहान, पूर्व मेयर उषा चौधरी, सीमा चौधरी, कमल चौधरी, राजकुमार चौधरी, और अशोक खन्ना जैसे अनेक गणमान्य नेताओं की मौजूदगी ने कार्यक्रम को एक समर्पित और संगठित श्रद्धांजलि सभा में बदल दिया।