हरिद्वार। गंगा तट पर बसे भूपतवाला के गंगा स्वरूप आश्रम में जब उत्तराखंड कांग्रेस के जोश से लबरेज ब्लॉक अध्यक्षों और मण्डलम अध्यक्षों की भीड़ जुटी तो पूरे माहौल में एक अलग ही ऊर्जा दिखाई दी। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा देशव्यापी स्तर पर चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर अभियान के अंतर्गत हरिद्वार और रुड़की कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन धूमधाम से हुआ, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय ट्रेनर मृणाल पंत ने गहराई से पार्टी की नीतियों और रणनीतियों पर प्रशिक्षुओं को मार्गदर्शन दिया। इस शिविर का दूसरा चरण अपने आप में विशेष था क्योंकि यह ज़मीनी स्तर के नेताओं को दिशा देने वाला मंच बना, जहाँ उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनज़र संगठित होकर कार्य करने के लिए तैयार किया गया। कांग्रेस के इस विचार प्रधान आयोजन ने कार्यकर्ताओं के अंदर नया जोश भरने का कार्य किया।
हरिद्वार की पवित्र भूमि पर जब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाषण में यह स्पष्ट कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव केवल और केवल मेहनत, संगठन और संवेदनशीलता से जीते जा सकते हैं। हरीश रावत ने जोर देकर कहा कि यदि कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाना है, तो हर कार्यकर्ता को आज से ही समाज के हर तबके के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना होगा, उनके सुख-दुख में सहभागी बनना होगा। उन्होंने प्रेरणादायक अंदाज़ में कहा कि कांग्रेस केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो देश के हर नागरिक के साथ खड़ा होता है। उनकी बातें कार्यकर्ताओं को न सिर्फ जिम्मेदारी का एहसास करा गईं बल्कि उन्हें ज़मीनी स्तर पर सक्रियता के लिए भी प्रेरित कर गईं।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के ऊर्जावान अध्यक्ष करण माहरा ने अपनी भावनात्मक अपील के साथ प्रशिक्षण शिविर में मौजूद हर युवा नेता में एक नेतृत्व की चिंगारी सुलगा दी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस का भविष्य इन प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं के कंधों पर ही टिका हुआ है और जब यही कार्यकर्ता संगठन की रीढ़ बनकर काम करेंगे, तभी 2027 में उत्तराखंड में कांग्रेस का परचम लहराएगा। करण माहरा ने कहा कि यह प्रशिक्षण सिर्फ भाषणों का मंच नहीं बल्कि विचारधारा को जीवन में आत्मसात करने की प्रक्रिया है। उन्होंने यह भी चेताया कि राजनीतिक विरोधियों की साजिशों से सावधान रहना बेहद ज़रूरी है क्योंकि आने वाले चुनाव केवल रणनीति नहीं, बल्कि चेतना की लड़ाई होंगे। उनका विश्वास कार्यकर्ताओं में नई उम्मीदें जगा गया।
इस अवसर पर जब पूर्व मंत्री नवप्रभात ने भारतीय जनता पार्टी की कथित कारगुजारियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जानबूझकर मतदाता सूची में धांधली कर रही है और कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नामों को हटवाने का षड्यंत्र रच रही है। नवप्रभात ने चेताया कि यदि कांग्रेस कार्यकर्ता इस षड्यंत्र को पहचान कर अभी से सजग नहीं हुए, तो आने वाले चुनाव में ये बड़ी बाधा बन सकती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे बूथ स्तर पर सक्रिय रहकर हर मतदाता के अधिकार की रक्षा करें और जनता को भाजपा के इस झूठे प्रचार से बचाएं। उनकी बातों में गुस्से की झलक थी, पर साथ ही एक स्पष्ट दिशा भी थी जो कार्यकर्ताओं को लड़ाई के लिए तैयार कर रही थी।
शिविर के भीतर जब मुरली मनोहर, जो कि स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं, ने अपने विचार व्यक्त किए तो उन्होंने कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका को सामने रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ सत्ता की नहीं बल्कि आज़ादी की पार्टी रही है, जिसने अपने खून और पसीने से देश की नींव रखी। मुरली मनोहर ने कहा कि आज जब लोकतंत्र खतरे में है, तब भी कांग्रेस ही है जो संविधान और देश की आत्मा को बचाने की लड़ाई सबसे आगे रहकर लड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण शिविरों के ज़रिए कांग्रेस की विचारधारा को नए नेतृत्व तक पहुँचाना जरूरी है ताकि देशभक्ति की यह मशाल आगे बढ़ती रहे। उनकी बातें पुराने संघर्षों की याद दिला गईं और वर्तमान में नए संघर्ष की चेतावनी भी दे गईं।
शिविर में उपस्थिति दर्ज कराने वालों की सूची कांग्रेस की ताक़त को दर्शाती है। आयोजन में हेमा पुरोहित, प्रेम बहुखंडी, अमन गर्ग, राजीव चौधरी, राजेंद्र चौधरी, वीरेंद्र जाती, रवि बहादुर, ममता राकेश, वरुण बालियान, राजबीर सिंह, महेश प्रताप राणा, मनोज सैनी, अरविंद शर्मा, फुरकान अली, याज्ञिक वर्मा, विमल शर्मा साटू, विकास चंद्रा, जतिन हाण्डा, नितिन यादव, दिनेश वालिया, अमित नौटियाल, रिजवान अहमद जैसे चेहरों की मज़बूत उपस्थिति ने इस बात को साफ कर दिया कि कांग्रेस का ज़मीनी संगठन अभी भी संगठित है और पूरी ताक़त से आगामी चुनाव के लिए तैयार हो रहा है। इन सभी नेताओं की भागीदारी ने यह संकेत दिया कि कांग्रेस का यह प्रशिक्षण अभियान न केवल कार्यकर्ताओं को जागरूक कर रहा है, बल्कि संगठन के हर स्तर पर एकता और ऊर्जा का संचार भी कर रहा है।